कॉमर्स क्‍या हैं भविष्‍य एवं नौकरी

दसवीं पास छात्र के मन में यह सवाल आता है कि कॉमर्स स्ट्रीम क्या होता है. दसवीं पास करने के बाद 12वीं में कई अलग-अलग प्रकार के स्ट्रीम से परिचित होते हैं. दसवीं पास करने के बाद 12वीं में मुख्य तीन संकाय में से कोई एक संकाय का चयन करना होता है.

जिसके बाद उसी क्षेत्र से आपको आगे पढ़ाई करना पड़ता है. दसवीं पास करने के बाद 12वीं में आप किस सब्जेक्ट का आगे पढ़ाई करना चाहते हैं उनमें से तीन यह प्रमुख सब्जेक्ट जिसको स्ट्रीम (संकाय) नाम से भी जाना जाता है. जैसे कि हमने ऊपर बताया कि उनमें एक कॉमर्स संकाय भी होता हैं. जिसको वाणिज्य धारा कहते है.

कॉमर्स क्या होता हैं

इसको शुद्ध हिंदी में वाणिज्य धारा कहते हैं. दसवीं बाद किया जाने वाला एक विषय, एक धारा है. जैसे कला संकाय, विज्ञान संकाय, वाणिज्य शाखा इत्यादि।

कॉमर्स शब्द कॉमर्स्शियल शब्द से जुड़ा हुआ हैं. जिसका मतलब व्यापार बिजनेस इत्यादि होगा। वैसे शुद्ध हिंदी में इसका मतलब – व्यवसाय व्यापार बिजनेस इत्यादि करने की जानकारी प्राप्त करने वाले स्ट्रीम को कॉमर्स स्ट्रीम कहते हैं.

Commerce Kya Hai - कॉमर्स

वैसे छात्र जो दसवीं पास करने के बाद अपने आगे की पढ़ाई बिजनेस व्यापार संबंधित क्षेत्रों में करना चाहेंगे उनके लिए ही कॉमर्स संकाय हैं. इस स्ट्रीम में बिजनेस व्यापार को किस तरह मैनेज किया जाएगा। इन सभी चीजों का पढ़ाई किया जाता है.

उसका पूरा लेखा-जोखा तैयार कर सकते हैं इन सभी चीजों की जानकारी प्राप्त किया जाता है.  वाणिज्य ऐसा विषय हैं. जिसमें अकाउंट, फाइनेंस, टैक्स प्रणाली की जानकारी सीखने को मिलता है. क्योंकि जब आप बिजनेस व्यापार करते हैं

उसमें अकाउंट से संबंधित जानकारी आपको एक अकाउंट वर्क के लिए बेहतर बनाता हैं. पैसों का लेनदेन को अच्छी तरह से मैनेज करने हेतू कॉमर्स स्ट्रीम एक अच्छा सब्जेक्ट है. किसी भी बिजनेस में अकाउंट्स एंड फाइनेंस एक ऐसा क्षेत्र हैं. जिसमें बेहतर जानकार लोग नहीं हो तो नुकसान हो सकेगा क्योंकि पूरे पैसों का लेनदेन नफा नुकसान यह सभी वाणिज्य संकाय के जानकार लोग ही करते हैं. 

कॉमर्स क्‍या हैं

बैंकिंग सिस्टम में जो भी कार्य होगा. वह भी वाणिज्य से ही संबंधित होता है. तथा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, टैक्स कैलकुलेशन, जीएसटी इत्यादि यह सभी कॉमर्स्शियल विषय से संबंधित ही होगा. जिसमें आप कॉमर्स स्ट्रीम में पढ़ाई करते हैं.

बैंक अकाउंट ओपन करवाना तथा उस पर मिलने वाले ब्याज दर की गणना करना इत्यादि भी अकाउंट्स एंड फाइनेंस से संबंधित कार्य होते हैं. यदि कोई भी छात्र जो बैंक में काम करना चाहेंगे. अकाउंट फाइनेंस डिपार्टमेंट में किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में काम करना चाहेंगे. उसे कॉमर्स के साथ 12वीं करना चाहिए. 

उसके बाद मास्टर डिग्री में भी वाणिज्य से पढ़ाई कर पाएंगे. जो भी बड़ी कंपनी है वह अपने फाइनेंसियल प्रणाली को बेहतर बनाने हेतू जो भी फाइनेंस एक्सपर्ट लोग होंगे उनको रखती हैं.

कॉमर्स से पढ़ने वाले छात्र आगे चलकर पोस्ट ग्रेजुएशन एमबीए फाइनेंस के साथ कर पाएंगे जिसके बाद उनको बड़ी-बड़ी कंपनियों का फाइनेंसियल जॉब का जॉब ऑफर प्राप्त हो सकते हैं. फाइनेंशियल सेक्टर में काम करने हेतू वाणिज्य सब्जेक्ट का पढ़ाई किया जाता है.

कॉमर्स स्ट्रीम में आप क्या पढ़ते हैं

इसमे अकाउंट फाइनेंस से संबंधित जानकारियों को सीखते हैं जिसमें एक व्यक्ति के खाते से दूसरे व्यक्ति के खाते पर जब पैसा जमा होगा. इस प्रक्रिया में किस खाते को डेबिट किया जाएगा. किस खाते को क्रेडिट किया जाएगा. इन सभी चीजों को सिखाया जाएगा. 

फाइनेंशियल सेक्टर में पढ़ाई करके इस क्षेत्र में काम करेंगे. तब आपको पैसों का लेनदेन एक खाते से दूसरे खाते में मैनेज करना पड़ेगा. जिसमें खाते को डेबिट या क्रेडिट करते हैं.

अकाउंट फाइनेंस के सबसे बेसिक जानकारी आपको 12वीं वाणिज्य स्ट्रीम सिखाया जाता हैं. जिसके बाद आगे इसमें पढ़ाई करेंगे तो फाइनेंसियल सेंक्‍टर के जो भी एडवांस लेवल की जानकारी होगी उसको सिखेंगे.

कॉमर्स स्ट्रीम में फ्यूचर

कॉमर्स के पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए भविष्य में बैंकिंग सेक्टर बेहतर भविष्य का विकल्प होगा. बैंकिंग सेक्टर एक ऐसा क्षेत्र है. जिसमें हर समय लोगों की आवश्यकता हैं. इसीलिए यदि आप कॉमर्स से पढ़ाई करते हैं

किसी भी प्राइवेट या गवर्नमेंट फाइनेंसियल कंपनी डिपार्टमेंट में भी अपने बेहतर कैरियर का विकल्प प्राप्त कर पाएंगे. व्यापार एक ऐसा क्षेत्र हैं. जिसमें हर समय फाइनेंसियल लोगों की आवश्यकता होती हैं.

जॉब स्कोप

दसवीं के बाद 12वीं कॉमर्स संकाय से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए जॉब के स्कोप कई क्षेत्रों में उपलब्ध है जैसे कोई भी छोटी कंपनी भी है वहां पर भी आपको अकाउंट से संबंधित कामों के लिए नौकरी मिल सकता है अपने शहर में भी अकाउंट संबंधित कामों के लिए नौकरी प्राप्त कर पाएंगे।

चाहे एक छोटी कंपनी हो या बड़ी कंपनी हो या फिर कोई शॉपिंग सेंटर हो, मॉल हो वहां पर भी आपको अकाउंट फाइनेंस से संबंधित नौकरी मिल जाएगा. इसीलिए वाणिज्य संकाय से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए सबसे जरूरी है कि बेहतर जानकारी प्राप्त करें. उसके बाद उनको जॉब के लिए किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी. कॉमर्स की बेहतर जानकारी हासिल करना है।

सामान्य कॉमर्स सब्जेक्ट 12वीं के लिए इस प्रकार है

  • अकाउंटेंसी 
  • बिजनेस स्टडीज 
  • इंग्लिश 
  • इकोनॉमिक्स 
  • मैथ्स 
  • इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिसेज 
  • साइकोलॉजि 
  • फिजिकल एजुकेशन

सामान्य रूप से वाणिज्य के जो भी विषय होते है अलग-अलग कोर्स का जब चयन करेंगे, तो उसमें कुछ अलग सब्जेक्ट पढ़ने को मिलेगा. जैसे कि ऊपर 12वीं कॉमर्स के मुख्य सब्जेक्ट को बताया गया है. यदि 12वीं के बाद भी कॉमर्स या फिर एमबीए फाइनेंस से करेंगे तो उसमें अलग सब्जेक्ट को पढ़ने को मिलेगा.

डिग्री

वैसे सामान्य रूप से यह जानना जरूरी है कि कॉमर्स सब्जेक्ट से आप 12वीं करें या बैचलर डिग्री करें या फिर मास्टर डिग्री करें. उसमें आपको Account एवं फाइनेंस से संबंधित जानकारी ही पढ़ने को मिलता है जिनके सब्जेक्ट के नाम कुछ अलग अलग हो सकते हैं।

Subject का नाम कॉलेज में जब एडमिशन लेगे वहां पर आपको पूरी जानकारी मिल जाता है.

FAQ

कॉमर्स क्या है?

दसवीं के बाद किया जाने वाला एक कोर्स हैं. जिसमें व्यापार प्रबंधन को सिखाया जाता है। व्यापार-व्यवसाय इत्यादि होने वाले खर्च और लाभ की जानकारी को अच्छी तरह से मैनेज करने का गुण सिखाया जाएगा.

इससे पढ़ने वाले छात्र आगे चलकर किसी कंपनी का प्रमुख अकाउंटेंट बन सकते हैं। सीए बन सकते है. कंपनी का सचिव सीएस बन सकते हैं. तथा फाइनेंसियल सेक्टर में फाइनेंस प्रमुख पद पर नौकरी कर सकते हैं।

सारांश

फिर भी यदि कॉमर्स स्ट्रीम से संबंधित कोई सवाल यह सुझाव है तो जरूर लिखें.

Leave a Comment