शिक्षा का महत्‍व पर निबंध,

शिक्षा का महत्‍व पर निबंध लिखना सीखें। जब किसी भी छोटे बच्चे का जीवन शुरुआत होता है. उसी समय से उसके माता-पिता या जो भी घर के सदस्य होंगे. उनको शिक्षा की जानकारी देते रहते है. एजुकेशन का महत्व बताने का प्रयास करते है. उसको शिक्षित बनाने का प्रयास करते है.

क्योंकि जब तक किसी छात्र किसी बच्चे या किसी बड़े लोगों को यह जानकारी नहीं मिलेगी. तब तक उनको शिक्षा से लगाव उतना नहीं हो पाएगा. एजुकेशन से जुड़ नहीं पाएंगे. इसलिए सबसे पहले शिक्षा क्या है और इसको क्यों पाना चाहिए. यह दो मुख्य सवालों का जवाब हम सभी लोगों को जरूर जानना चाहिए.

शिक्षा का महत्‍व

जब तक शिक्षा का लाभ तथा महत्‍व की जानकारी नहीं होगा तब तक इससे अटैचमेंट लगाव जुड़ाव नहीं हो सकता है. अक्सर किसी एग्जाम में शिक्षा पर निबंध लिखने के लिए भी छात्र को दिया जाता है. पढ़ाई से संबंधित सवालों का 150 शब्दों में निबंध लिखना 500 शब्दों में निबंध लिखना.

Shiksha Ka Mahatva in hindi - शिक्षा का महत्‍व

What is education in Hindi

एजुकेशन एक ऐसा शब्द है. जिससे किसी भी इंसान का पूरा जीवन संचालन करने का तरीका है. वह पूरा शिक्षा पर ही आधारित है. क्योंकि इससे ही संस्कार, ज्ञान, जानकारी, मानव जीवन के मूल्यों का परिचय तथा संतुष्टि होगा. विद्या से संपूर्ण लाइफ का समग्र विकास होगा.

कर्म करने की प्रेरणा प्राप्त होगी. पढ़ाई से ही दैनिक कार्यों के लिए धन का उपार्जन होगा. यह ऐसा शब्द है जिससे पूरे जीवन का जो भी घटनाक्रम होगा. वह पूरी तरह ज्ञान पर ही आधारित होता है. चाहे पढ़ाई कम या ज्यादा करें. वह निर्भर करता हैं कि आप जितना भी ग्रहण करेंगे.

वह अपने घर, माता-पिता, स्कूल, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय से प्राप्त करें. उसी के अनुसार आपके जीवन का जो भी क्रम, कार्य करने का तरीका, संस्कार हैं वह आपके नॉलेज से ही शुरू होगा.

शिक्षा क्यों जरूरी है

शिक्षा ही एक ऐसा चीज है जिसको दुनिया का किसी भी व्यक्ति चाहे वह अच्छा, बुरा, पुलिस, आम नागरिक, शिक्षक, चोर, डाकू,बेईमान हो या कितना से कितना खराब आदमी क्‍यों न हो. वह भी चाहता है कि अपने बच्चे को हम नॉलेज दें. समाज की जानकारी और तालिम दें.

उसको शिक्षित बनायें, विकसित बनाएं. दुनिया का प्रत्‍येक माता पिता बच्चों को एजुकेटेड बनाना चाहते है. चाहे वह स्वयं पढ़ा लिखा न हो, फिर भी कोशिश करता है कि हमारा बच्चा या बच्ची ज्ञानी बनें.

शिक्षा का महत्‍व पर (200 शब्‍द) निबंध

शिक्षा इसलिए जरूरी हैं कि इससे ही आदमी पैसा कमा पाएगा. अच्छा ज्ञान प्राप्त करेगा. समाज में रहने उठने बैठने बात करने का अच्छा गुण सीख सकेंगा. शिक्षित व्यक्ति समाज में हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं

यदि शिक्षा हैं तो आप दुनिया के किसी भी तरह के कामों में अपने आपको लगा पाएंगे. क्योंकि आपको अच्छी एजुकेशन प्राप्त हुई हैं.

शिक्षित व्यक्ति को दुनिया के किसी भी कोने में छोड़ दिया जाए, तो भी वह आसानी से अपना कमाई का संसाधन उपलब्‍ध कर लेगा. अपना दिनचर्या, परिवार के लिए धन इकट्ठा करना,समाज विकसित बनाना, लोगों को Education देना, हर तरह के काम वह कर पाएगा

(500 शब्‍द) निबंध

भारत में शिक्षा हर व्यक्ति का जन्म सिद्ध अधिकार है. क्योंकि कहा जाता है कि हम शिक्षित तो जग विद्यावान. इसलिए किसी भी अच्छे काम की शुरुआत पहले स्वयं से होनी चाहिए. हम ज्ञानवान होंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी भी विद्यावान होगी. जैसे कहा जाता है कि एक घर में शिक्षित महिला हो तो आपने पूरे परिवार को शिक्षित कर सकती है.

क्योंकि एक महिला पूरे घर को खाना बनाकर खिला सकती है, तो पढ़ी-लिखी महिला यदि घर हो में हो तो पूरे घर को शिक्षित बना सकती हैं. ठीक उसी प्रकार हर व्यक्ति, बच्चे, महिला, बच्ची के लिए नॉलेज प्राप्त करना बहुत ही जरूरी हैं.

विद्या से आदमी सामाजिक,आर्थिक स्थिति, परिवार चलाने की जिम्मेदारी, खान-पान, रहन-सहन, घर मकान बनाने की जिम्मेवारी अच्छे से निभा सकेंगे. क्योंकि जब आप शिक्षित होंंगे तो ही आपको अच्छी नौकरी मिल पाएगी, जिससे अच्छी कमाई कर पाएंगे.

शिक्षित जीवन

अपनी आर्थिक स्थिति अच्छा बना सकते हैं. जिससे आपका परिवार आपके माता-पिता जो भी परिवार के सदस्य हैं. वह एक अच्छा जीवन व्यतीत करेंगे.

आजकल हर एक बच्चा शिक्षित करने के लिए सरकार द्वारा तरह-तरह की व्यवस्था की गई हैं. जिसमें बच्चों को दोपहर का खाना का भी व्यवस्था, साइकिल पोशाक, अच्छे मार्क से पढ़ाई करने के बाद उसको उपहार स्वरूप कुछ नगद इनाम की भी सरकार की तरफ से दी गई हैं.

इसलिए छोटे बच्चे चाहे वह गांव में रहते हो या शहर में रहते हो. उनको प्रोत्साहित करने के लिए माता-पिता को स्कूल बच्चों को भेजने के लिए बहुत सारे शिक्षा का महत्‍व बताने के लिए स्कीम चलाए गए हैं.

(600 शब्‍द) निबंध

शिक्षा एक ऐसा पूंजी हैं, ऐसा धन हैं जिसका इस्तेमाल और महत्‍व दुनिया के हर क्षेत्र में किया जा सकता हैं चाहे किसी भी तरह का क्षेत्र हो दुनिया का कोई भी कोना हो आप अपने ज्ञान से समाज प्रकाशित कर सकते हैं. स्वयं भी प्रकाशित होंगे.

अपने बच्चों को प्रकाशित कर सकते हैं. माता-पिता के नाम का रोशन करेंगे. इसलिए एजुकेशन दिव्य ज्ञान हैं जिससे दुनिया के हर उलझन को सुलझाया जा सकता हैं.

बचपन से ही हम लोगों को शिक्षा के महत्व तथा लाभ के बारे में घर में माता पिता के द्वारा भाई-बहन रिश्तेदारों द्वारा अक्सर बताया जाता हैं. ज्ञानवान बने तभी समाज में अपना नाम रोशन कर पाएंगे. अच्छा पद प्रतिष्ठा प्राप्त कर पाएंगे.

विद्या से बौद्धिक विकास होगा. ज्ञान ज्यादा विकसित कर पाएंगे. लोगों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा.

दुनिया के कोने कोने में जितने भी लोग शिक्षा से वंचित हैं. उनको प्रेरित करके उनमें अलख जगा पाएंगे. इसलिए नॉलेज हम सभी को प्राप्त करना चाहिए. यह लाइफ का सबसे बड़ा पूंजी व धन हैं.

ज्ञान का प्रकाश

जिस घर में एक व्यक्ति भी शिक्षित हो जाता हैं. उस घर का पूरा कायाकल्प ही बदल जाएगा. क्योंकि ज्ञानी व्यक्ति ही पूरा समाज, गांव, राज्य, देश को विकसित बना सकता हैं. क्योंकि कहा जाता हैं कि भगवान ही हैं जो कि पूरे सृष्टि को संचालित करते हैं, तो यदि एक शिक्षित व्यक्ति भी हो तो उस पूरे घर को विद्यावान बना सकता हैं.

कहा जाता हैं कि शिक्षा गागर में सागर खोजने के समान होता है. क्योंकि सागर में गागर को खोजना इतना आसान नहीं होगा. ठीक उसी प्रकार इस पूरे ब्रह्मांड में यदि कोई एक व्यक्ति भी ज्ञानवान हो तो पूरे ब्रह्मांड पूरे संसार में अलख जगाने के लिए प्रेरित करेगा.

इसलिए अपने लाइफ में बच्चों के जीवन में आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें विद्यावान बनना और बच्चों को ज्ञानी बनाना चाहिए. अपने आसपास गांव के जितने भी बच्चे होंगे. उनको प्रेरित करना शिक्षा का महत्‍व बताना हम सभी के लिए यह सबसे पहला धर्म बन जाता हैं.

शिक्षा का महत्‍व पर (800 शब्‍द) निबंध 

शिक्षा शब्द संस्कृत के शिक्ष शब्द से बना हुआ हैं. जिसका मतलब सीखना, सिखाना, जानना, समझना, पढ़ना, पढ़ाना आदि हाेगा. इसलिए जो बच्चे अभी पढ़ाई से दूर हैं एजुकेशन से नहीं जुड़े हुए हैं. उन लोगों को स्कूल भेजना चाहिए. माता पिता के साथ साथ जो आस-पड़ोस समाज के लोग हैं उनको भी प्रोत्साहन देना चाहिए. ताकि जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं वह स्कूल जाकर विद्या को प्राप्त कर सकें.

समाज में जो भी बच्चे पढ़ नहीं पाते या जो पढ़े लिखे लोग नहीं हैं वो आंख होते हुए भी दुनिया को तो देख नही सकेंगे. लेकिन जो शिक्षा का प्रकाश नहीं देख सकेंगे. इसलिए इसके प्रकाश इसके पुंज को देखने के लिए अपने बच्चों को स्कूल अवश्य भेजना चाहिए.

एजुकेशन का महत्व

जो भी पढ़े लिखे व्यक्ति नहीं होते हैं उनको समझने की सोचने की कार्य करने की क्षमता होता हैं वह बहुत ही कम होता हैं इसलिए जो कम पढ़े लिखे लोग होते हैं वह ज्यादातर गलत कामों में उलझ जाते हैं या गलत कामों को करना शुरू कर देते हैं.

क्योंकि उनको शिक्षा का समझदारी या महत्‍व पता नहीं होता हैं समाज का ज्ञान नहीं होता हैं इसलिए वह अपने मार्ग से भटक जाते हैं और तरह तरह के गलत कामों को शुरू कर देते हैं. एक अच्छा लाइफ,अच्छा संस्कार, वैवाहिक जीवन के लिए जरूरी हैं कि शिक्षा को प्राप्त किया जाए. तब ही हम आगे बढ़ेंगे हमारा देश आगे बढ़ेगा.

हम शिक्षित तो हमारा घर शिक्षित. घर विद्यावान तो गांव शिक्षित. गांव ज्ञानी तो पूरा जिला एजुकेटेड इस तरह से विद्या का अलख जिला से लेकर राज्य देश स्तर पर फैलाना चाहिए. सभी व्यक्ति प्रत्‍येक बच्चा को विद्यावान बनाने के लिए हम सभी लोगों को प्रेरित करना चाहिए. ज्ञान का अलख हर घर में लगाना चाहिए ताकि हर बच्चा हर आदमी शिक्षित बन सके.

शिक्षा के लाभ 

जहां तक शिक्षा शब्द का लाभ और महत्‍व की बात की जाए तो शब्द कम पड़ जाएंगे. क्योंकि यह एक ऐसा शब्द हैं जिसका अंत नहीं. जिसका लाभ अनंत होगा. फिर भी आइए कुछ मुख्य लाभ को हम लोग नीचे जानते हैं.

  • स्वयं को ज्ञान प्राप्त होता हैं.
  • अच्छा से समाज में सम्मान प्राप्त होगा.
  • एक बेहतर जीवन जीने के लिए शिक्षा अनिवार्य हैं.
  • समाज में बैठने बात करने के लिए ज्ञान आवश्‍यक होगा. समाज में किस तरह से अनुशासित रहा जाता हैं कैसे बड़ों के सामने बात किया जाएगा इन सभी चीजों का हमें ज्ञान प्राप्त होगा.
  • धन का उपार्जन तथा एक बेहतर जीवन की कल्पना की जा सकती हैं.
  • वर्तमान जीवन में तकनीकी विद्या इंटरनेट एवं आज का जो समय हैं उसके अनुसार अपने आप को विकसित तथा समाज के साथ मुख्यधारा में चला जा सकेगा.
  • विद्या से हम ज्ञान प्राप्त करते है समय का उपयोग करना सीखते है.
  • अच्छा से हमें खानपान उठने बैठने चलने रहने के तरीकों का ज्ञान प्राप्त होगा.
  • किसी भी व्यक्ति का पूरा भविष्य का खाका तथा उसका पूरा आधार का विकास होगा.
  • विद्या ऐसा चीज है जिसे स्वयं के साथ साथ पूरे परिवार का जीवन प्रकाशित होगा
  • विद्या हमें सिखाता है कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
  • धर्म और कर्म का भी ज्ञान प्राप्त होगा.

शिक्षा का अधिकार 

भारत में शिक्षा अधिकार के लिए भारतीय संविधान में 86 वें संशोधन अधिनियम 2002 में शामिल किया गया था जिसको पूरे भारत में 1 अप्रैल 2010 को लागू किया गया जिसके तहत 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष के सभी बच्चों एवं बच्चियों को नि:शुल्क एजुकेशन देने का प्रावधान किया गया सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि जो भी बच्चे गरीब या जो स्कूल जाने में इच्छुक नहीं हैं.

वैसे बच्चों को सरकार के तरफ से निशुल्क एजुकेशन प्रदान किया जाए तथा वैसे बच्चों को उनके घर पर ज्ञान का अलख जगाया जाए जिसके लिए सरकार ने अब मुहल्लों में भी पढ़ने के लिए व्यवस्था किया हैं.

सारांश

शिक्षा के लाभ का मतलब यदि एक शब्द में कहा जाए तो education एक ऐसा चीज है एक ऐसा शब्द ज्ञान है जिससे मानव जीवन का कल्याण हो सकता है. विद्या के बिना मानव का जीवन पूरी तरह से अधूरा है. इसलिए समाज में अपने बच्चों को अपने परिवार के सदस्यों को उचित मार्गदर्शन शिक्षा के लिए देना चाहिए उनको प्रेरित करना चाहिए ताकि वह शिक्षा को प्राप्त कर सके.

FAQ

शिक्षा क्या हैं

पढ़ाई वह चीज है जिससे मानव जीवन क मूल्य को समझा या सीखा जा सकता है education से ही मानव जीवन के मूल्‍य सिद्धांत मूल्य ज्ञान को समझा जा सकता है.

शिक्षा क्यों प्राप्त करना चाहिए

अपने जीवन में अपने परिवार को संचालित करने के लिए स्वयं को संचालित करने के लिए education ही वह एक ऐसा चीज है जिससे आप अपने जीवन को सुखी समृद्ध संपन्न बना सकते है क्योंकि जीवन में खान-पान रहन-सहन मकान के लिए पैसों की जरूरत होती है और यदि आपके पास अच्छी education न हो तो आप उसको अच्छे से पूरा नहीं कर सकते है.

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है 

शिक्षा का मुख्य है. उद्देश्य ज्ञान, जानकारी, सोचने समझने की क्षमता में उसमें विकास होगा. जिससे समाज में जो नफरत एवं गलत तरह के भ्रमित करने वाली जो जानकारियां होगी

जिससे समाज में अस्त व्यस्त होने की संभावना बनेगी. इसलिए विद्या ही एक ऐसा चीज है जिससे ज्ञान करके चीजों को जाना या समझा जा सकेेेग.

शिक्षा अधिकार को कब लागू किया गया 

1 अप्रैल 2010 को भारत में सभी के लिए education को निशुल्क एवं अनिवार्य रूप से भारतीय कानून में शामिल किया गया.

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