ज्ञान क्या हैं परिभाषा, विशेषता और प्रकार

Gyan क्या है? ज्ञान एक ऐसा शब्द है जिससे किसी मानव के अंदर मौजूद विचार भावना जानकारी चेतना की अनुभूति महसूस होता है। उसे ज्ञानवान या ज्ञानी समझा जाता है।

ज्ञान शब्द अपने आप में एक बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द है। क्योंकि यदि इस शब्द की व्याख्या किया जाए तो इसको परिभाषित करने के लिए शब्द कम पड़ सकते हैं। क्योंकि इसका कोई अंत नहीं है। जीवन में हम कितनी भी नई नई चीजों को सीखें, लेकिन कभी भी हम अपने आप को पूर्ण नहीं मान सकते हैं। क्योंकि यह दुनिया बहुत ही बड़ा है जिसके अंदर अनेक प्रकार का विद्या मौजूद हैं।

फिर भी ज्ञान शब्द का मतलब सामान्य जानकारी होता है। जिस व्यक्ति के पास सही से बोलने सही से पढ़ने सही से सुनने की जानकारी है उसे ज्ञानवान या ज्ञानी कहा जा सकता है।

इस धरती पर मानव जीवन सबसे ज्यादा ज्ञानी माना जाता है। क्योंकि एक मानव जन्म के बाद धीरे धीरे जैसे-जैसे बड़ा होता है वह नई नई चीजों के बारे में ज्ञान प्राप्त करता है। विद्या एक ऐसा चीज है जो कि निरंतर पूरे जीवन में शुरू से अंत तक चलते रहता है।

जब किसी बच्चे का जन्म होता है और वह जब इस धरती को छोड़कर जाता है, तब तक के बीच में वह हर रोज कुछ न कुछ ऐसी नई चीजें होता है जिसको सीखता है।

ज्ञान की परिभाषा – What Gyan in Hindi

ज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है। ज्ञान शब्द का मतलब ज्ञात से है।। जिसका मतलब होता है कि जो भी आप चीजें अपने अंदर सीखते हैं ज्ञात करते हैं उसे एक ज्ञानी कहते हैं। ज्ञान शब्द में न शब्द भी जुड़ा हुआ है जिसका मतलब जो चीजें आप नहीं जानते हैं उसको जानना समझना सीखना ज्ञात करने को भी विद्या प्राप्त करना कहते हैं।

विद्या प्राप्त करने के लिए किसी कॉलेज और स्कूल यूनिवर्सिटी की आवश्यकता नहीं है। विद्या कहीं से भी प्राप्त किया जा सकता है। ज्ञान गलत भी सीखा जा सकता है और ज्ञान को सही तरीके से भी सीखा जा सकता है। समाज में हर तरह के ज्ञान उपलब्ध हैं।

जहां से हम अच्छी चीजों को सीखते हैं। वही सबसे अच्छा विद्या होता है। जहां हम गलत चीजों को छोड़ देते हैं उसका त्याग करते हैं वहीं से हमें एक सही ज्ञान की ओर आगे बढ़ने का अवसर भी मिलता है और हम सही ज्ञान को प्राप्त करते हैं।

gyan kya hai

ज्ञान का अर्थ

ज्ञान शब्द अंग्रेजी के नॉलेज सबसे परिभाषित होता है। जिसका मतलब होता है जानना समझना अनुभव करना। जिस चीजों को हम अनुभव करते हैं सुनते हैं सीखते हैं वही हमारे लिए ज्ञान बन जाता है।

जीवन में बचपन से ही आसपास हो रही घटनाओं को देखकर सुनकर जो हम सीखते हैं वह भी एक प्रकार का विद्या ही है।

शिक्षा किसे कहते हैं

समझदारी, संस्कार, संस्कृति, मानवता, सभ्यता जिसके पास है वही ज्ञान है और उसे ही ज्ञानी कहते हैं। इन सभी चीजों को सीखने के लिए किसी विशेष जगह पर जाने की भी आवश्यकता नहीं है इसे हम अपने विवेक बुद्धि दिमाग की सहायता से प्राप्त कर सकते हैं। मेरा परिचय इन हिंदी

ज्ञान की विशेषता

वैसे ज्ञान की विशेषता अनेक है। फिर भी जहां विद्या है वहां पर संस्कार है। बेहतर संस्कृति है। जीवन जीने का एक अनुशासित तरीका है। विद्या कोई वस्तु नहीं है।

ज्ञान हमें जीवन जीने की कला को सिखाता है। हमें अपने जीवन में किस तरह से रहना चाहिए किस तरह से मानवता को अपनाना चाहिए। मानव जीवन का उद्देश्य क्या क्या है। हमें अपने घर परिवार के लोगों के साथ किस तरह से व्यवहार करना चाहिए। 

समाज में लोगों के प्रति कैसी भावना रखना चाहिए। हमें अपने माता-पिता छोटे बड़ों के साथ किस तरह से व्यवहार रखना चाहिए। हमें अपने जीवन को आगे बढ़ाते हुए किस तरह से मानव जीवन के कल्याण के लिए काम करना चाहिए।

आपस में लोगों के साथ कैसे बेहतर संबंध स्थापित करना चाहिए। यह सभी एक ज्ञान की ही विशेषता है। जहां पर ज्ञान है वहां पर यह सभी विशेषताएं भी अवश्य मौजूद रहती हैं।

ज्ञान के प्रकार

शिक्षित ज्ञान

आज हर कोई पढ़ना चाहता है और बेहतर जानकारी भी प्राप्त करना चाहता है। वैसे लोग जो बेहतर शिक्षा प्राप्त करके विद्या प्राप्त करते हैं। उनके जीवन में काम करने की बेहतर कला भी होती हैं।

लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि जो शिक्षित व्यक्ति है उसके पास ज्ञान की सभी चीजें मौजूद हैं। लेकिन बहुत ऐसे शिक्षित व्यक्ति हैं जिनको ज्ञान की सभी जानकारियां अनुभव मर्यादा आदि की जानकारी बेहतर है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनको केवल शिक्षा का ही ज्ञान है।

लेकिन उनको सामाजिक स्तर, व्यवहारिक स्तर, परिवारिक स्तर पर बहुत ही कम जानकारी होता है। ज्ञान क परिभाषा अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग हो सकती है। क्योंकि बेहतर विद्या उसी को माना जा सकता है

जिसके पास सामाजिक विद्या, व्यवहारिक ज्ञान, परिवारिक विद्या, संस्कृतिक ज्ञान, अध्यात्मिक विद्या, प्रमाणिक ज्ञान मौजूद है। चाहे वह व्यक्ति कम पढ़ा लिखा भी हो लेकिन जिसके पास यह सभी ज्ञान मौजूद है वह ज्ञानी है। फोटोग्राफर कैसे बने पूरी जानकारी

अशिक्षित ज्ञान

दुनिया में अभी भी बहुत ऐसे लोग हैं जो कि बहुत ही कम पढ़े लिखे हैं। या बिल्कुल पढ़े ही नहीं है। लेकिन वैसे लोग भी ज्ञानी होते हैं। उनके पास समाज में रहने के तौर तरीके और बेहतर जानकारी होता है। अपने संस्कृति अपने सभ्यता अपने परिवार को कैसे बेहतर तरीके से संचालित किया जा सकता है इसके बारे में उसे बेहतर ज्ञान होता है। 

वैसे लोगों को भी ज्ञानी माना जा सकता है। क्योंकि विद्या प्राप्त करने की कोई सीमा नहीं है। हम अपने जीवन में चाहे कितना भी ज्ञान प्राप्त करें लेकिन वह पूरा नहीं है। क्योंकि इसका कोई अंत ही नहीं है। इसीलिए जिसके पास समाज में रहने जीने समझने कि बेहतर कला है जो अच्छे से अपने जीवन को अध्यात्म से जोड़ करके मानव कल्याण के लिए जीना सीख लिया वह ज्ञानी है।

शिक्षा क्यों जरूरी हैं

विद्या इसलिए जरूरी है क्योंकि इसके बिना जीवन की कल्पना करना गलत होगा। क्योंकि जीवन में जब ज्ञान होगा तब हम अपने परिवार, अपने मानव जीवन के उद्देश्य, समाज संस्कृति को बेहतर बनाने की कला, आध्यात्मिक जीवन जीने की कला, मानवता को परिभाषित करने की कला को सीख पाते हैं।

इसीलिए विद्या जरूरी है। ज्ञान हमारे जीवन को प्रकाशित करता है। हमारे अंदर छाए हुए अंधकार को हटाने के लिए ज्ञान एक बहुत ही बड़ा प्रकाश है। 

इससे हम अपने जीवन में छाए हुए अंधकार को दूर कर सकते हैं। हमारे जीवन में सामाजिक स्तर पर ज्ञान और शैक्षणिक स्तर पर विद्या दोनों ही जरूरी है। जब हमारे पास शैक्षणिक स्तर पर ज्ञान होता है तो हम अपने जीवन में आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए काम करते हैं।

जिससे हमारे जीवन में होने वाली हर दिन की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। एक बेहतर मानव जीवन के लिए बेहतर शिक्षा जरूरी है। जब हम शिक्षा प्राप्त करते हैं तब हमें आध्यात्मिक विद्या व्यवहारिक विद्या भी सीखने को मिलता है। 

यदि हम बेहतर शिक्षा किसी स्थान से प्राप्त करते हैं तब भी हमें अपने घर में या अपने समाज में आध्यात्मिक जीवन व्यवहारिक जीवन के बारे में जरूर सीखने को मिलता है। व्यवहारिक ज्ञान तो हम अपने घर परिवार में सीख लेते हैं।

लेकिन शैक्षणिक स्तर पर बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए हम किसी स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। जिससे हमें बेहतर ज्ञान की प्राप्ति भी होता है। इसीलिए ज्ञान जीवन में जरूरी है।

शिक्षा के बिना जीवन

ज्ञान के बिना जीवन ठीक वैसे ही है जैसे अंधेरी रात में मोमबत्ती का प्रकाश होता है। यदि हमारे जीवन में ज्ञान नहीं हैं तो हम पशु के समान ही हैं। क्योंकि उसके पास भी ज्ञान की कमी होती है और हमारे पास भी ज्ञान की कमी है।

फिर एक मानव और एक पशु में क्या अंतर होगा। इसीलिए विद्या के बिना जीवन की कल्पना करना बहुत ही गलत है। चाहे हमें कहीं से भी शिक्षा मिले तो उसे जरूर प्राप्त करना चाहिए।

शिक्षा का महत्व

  • जीवन क्या है इसके रहस्य को जान सकते हैं।
  • अपने जीवन में जो भी आप करना चाहते हैं कर सकते हैं।
  • किसी भी रहस्य को आप पता लगाने के लिए अपने विद्या का उपयोग कर सकते हैं।
  • जीवन में मौजूद कठिनाइयों को खत्म कर सकते हैं।
  • शिक्षा से आप अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए धन का उपार्जन कर सकते हैं।
  • ज्ञान से आप आने वाली पीढ़ी या समाज को बेहतर मार्गदर्शन दे सकते हैं।
  • अपने ज्ञान को लोगों के बीच परिभाषित करके शिक्षा को और भी बेहतर बना सकते हैं।
  • अपने मन की शक्ति को मजबूत कर सकते हैं।
  • समाज और संस्कृति को मजबूत बना सकते हैं।
  • समाज में मौजूद कुरीतियों को खत्म कर सकते हैं।
  • विद्या की रोशनी से अंधेरों को मिटा सकते हैं।
  • आध्यात्मिक जीवन क्या होता है इसको समझ सकते हैं।
  • व्यवहारिक जीवन क्या है और इसे कैसे जीना चाहिए इसको भी आप अच्छे से लोगों को भी परिभाषित कर सकते हैं
  • विद्या मजबूती है ताकत है साहस है सब कुछ है इससे हम किसी को भी हरा सकते हैं।

ज्ञान कहां से प्राप्त करते हैं

  • ज्ञान प्राप्त करने के कई स्रोत हैं। हम जब जन्म लेते हैं उस समय ज्ञान प्रकृति प्रकाश हवा एवं अपने साथ रहने वाले लोगों से सीखते हैं।
  • विद्या हमें अपने आप अपने शरीर के बढ़ते समय के अनुसार भी सीखने को मिलता है।
  • प्रकृति में मौजूद अन्य चीजों से भी हम ज्ञान प्राप्त करते हैं।
  • ज्ञान प्राप्त करने के लिए किसी भी चीज में आस्था भी जरूरी है और इससे ही हम बहुत कुछ सीखते हैं।

सारांश

ज्ञान एक ऐसा चीज है जिसका कोई मूल्य नहीं है यह अमूल्य है। इसका कोई मोल चुका नहीं सकता है। विद्या ही जीवन है विद्या ही सब कुछ है। इसे हमें निरंतर सीखते रहना चाहिए। इस जीवन में कभी भी सीखना बंद नहीं करना चाहिए।

यह एक ऐसा चीज है जिसको निरंतर हर समय हम कुछ नया सीखने का प्रयास करते हैं। नया सीखते भी हैं। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जिसका कभी अंत नहीं है। जीवन का अंत हो सकता है लेकिन विद्या का कभी भी अंत नहीं है।

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