एक वाहन मालिक को यह जानना बहुत ही जरूरी हो गया हैं कि फास्टैग क्या हैं. क्योंकि वर्तमान समय में भारत में जितने भी टोल प्लाजा हैं. वहां पर वाहन का टोल टैक्स देने के लिए फास्टैग का उपयोग किया जा रहा हैं.
यदि आप भी फास्टैग की में जानकारी सर्च करते हुए इस पोस्ट पर आए हैं तो यहां आपको इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भारत में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए फास्टैग को लागू कर दिया गया हैं.
क्योंकि जितने भी टोल प्लाजा हैं. वहां पर किसी भी वाहन का टैक्स जमा करने के लिए जो लंबी-लंबी लाइनें कतार लगती है. उससे छुटकारा पाने के लिए भारत सरकार द्वारा वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग को लागू कर दिया गया है.
फास्टैग क्या हैं
यह एप डिजिटल तकनीक द्वारा बनाया गया कार्ड यंत्र तकनीक हैं. जिसके द्वारा टोल प्लाजा पर लगने वाले टैक्स को ऑटोमेटिकली गाड़ी गुजरते समय गाड़ी फीस बारिय पर लगने वाला टैक्स जो है जमा हो जाता हैं. फास्टैग का जब उपयोग नहीं किया जाता था.
उस समय वहां वाहन के लिए जो टैक्स देना होता था उसको जमा करने के लिए गाड़ी को रोकना पड़ता था. तथा लंबी लंबी कतार लग जाती थी. जिससे बहुत परेशानी होता था. लेकिन इस तकनीक का इस्तेमाल करने से वाहन फीस बारिय पर यातायात साधन का टूल टैक्स जमा करना बहुत ही आसान हो गया. क्योंकि यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक सिस्टम के तहत काम करता है.
फास्टैग को कब लागू किया गया
पूरे भारत में इसको 15 फरवरी से अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया हैं. जोकि अब आगे नहीं बढ़ाया जा सकता हैं. इसलिए जिन लोगों ने अभी तक अपनी गाड़ियों पर वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग नहीं लगवाया हैं. वह जल्दी लगवा लें.
क्योंकि यदि आप इसका उपयोग नहीं करते हैं तो, आपसे यातायात साधन फीस बारिय पर अधिक पैसा वसूल किया जाएगा. इसलिए Fastag को आप जल्द अपने वाहन में लगवा ले.
फास्टैग कैसे खरीदें
हाईवे पर जितने भी टोल प्लाजा है उन सभी पर फास्टैग को बेचा जा रहा है. इसपर आप बहुत ही आसानी से वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग को खरीद सकते है. उसके लिए आपको अपने गाड़ी का पंजीकरण का जो पेपर होता है.
उसको एवं अपने एक पहचान पत्र पर खरीद सकते है. या फिर बहुत ऐसे पेट्रोल पंप है वहां पर भी बेचा जा रहा है. पेट्रोल पंप पर भी फास्टैग को खरीद पाएंगे. अथवा विभिन्न बैंक द्वारा भी खरीद सकेंगे.
जिससे वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग को अटैच किया गया है जैसे कि भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, पेटीएम पेमेंट बैंक अन्य कुछ और भी बैंक शामिल है. जिसके द्वारा खरीद सकते है. साथ ही साथ आप ऑनलाइन ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे कि फ्लिपकार्ट, अमेजॉन द्वारा भी buy कर सकते है.
फास्टैग रिचार्ज कैसे करें
फास्टैग को ऑफलाइन मोड में किसी भी टोल प्लाजा पर रिचार्ज करा सकते है या फिर अभी ऑनलाइन इसको रिचार्ज करना चाहते है तो उसके लिए आप अपने मोबाइल में प्ले स्टोर से फास्टैग ऐप को डाउनलोड करें.
उसके बाद ऐप को ओपन करके अपने वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग का आईडी नंबर डाल कर एप द्वारा रिचार्ज कर सकते हैं.
Fastag आपका जिस बैंक से भी कनेक्टेड हैं उस बैंक द्वारा ही आप रिचार्ज करें. यदि आप दूसरे बैंक से रिचार्ज करेंगे, तो उसके लिए आपको 2.5% का टैक्स एक्स्ट्रा देना पड़ेगा.
यदि वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग को रिचार्ज करने में आपको दिक्कत हो रही है, तो आप यूट्यूब पर जाकर Fastag रिचार्ज कैसे करें सर्च करके वीडियो देख पाएंगे. उसके बाद खुद से आसानी से रिचार्ज करें.
फास्टैग का फायदा क्या है
- वाहन फीस बारिय पर जो गाड़ी को रोकना पड़ता था. उससे समय का नुकसान होता था. अब वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग का उपयोग करने से वहां पर रुकना नहीं पड़ता.
- टोल प्लाजा पर टैक्स ऑटोमेटेकली Fastag खाते से कट जाएगा.
- इसका उपयोग करने से कैशबैक मिलेगा.
- अनावश्यक पेट्रोल या डीजल खर्च नहीं करना पड़ता हैं(.
- ऑनलाइन टोल टैक्स जमा होने के बाद मोबाइल पर एप से जानकारी प्राप्त हो जाएगा.
Toll Plaza से नजदीक रहने वाले लोगों के लिए फायदा
टोल प्लाजा से सटे हुए 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांव के लोगों को महीने में एक बार 275 रुपया का भुगतान करना होता हैं. जो कि पूरे महीने लागू होता हैं. उसके लिए एक आधार कार्ड पहचान के रूप में इसपर देना होता हैं. जिससे उनको 1 महीने गाड़ी फीस बारिय से आने-जाने की सुविधा आसानी से मिल जाता हैं.
कुछ दिन पहले तक भारत में Fastag का इस्तेमाल केवल कुछ शहरों में ही किया जाता था. Fastag को सफल होने के बाद भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा इसे पूरे देश में सभी टोल प्लाजा पर लागू कर दिया गया.
फास्टैग कैसे काम करता है
फास्टैग किसी भी यातायात साधन के आगे जो शीशा होता है उसके ऊपर लगाया जाता हैं. जब कभी भी टोल प्लाजा पर वाहन पहुंचता है. उस समय विंडोस्क्रीन में लगे Fastag के ऊपर जो एक फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन लगा होगा. उसके द्वारा टोल प्लाजा पर लगे सेंसर स्क्रीन पर लगे फास्टैग के संपर्क में आ जाएगा. जिसके बाद वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग अकाउंट से उस गाड़ी का फीस बारिय पर लगने वाला शुल्क ऑटोमेटिकली कट जाएगा.
इस प्रक्रिया को बहुत ही तेजी से ऑटोमेटिकली किया जाता हैं. जिससे टोल प्लाजा पर यातायात साधन को रूकना नहीं पड़ता हैं. साथ ही साथ वहां पर जो बेरियर लगे होते हैं. वह ऑटोमेटिकली हट जाते हैं. जब तक आपके Fastag में पैसा रहेगा.
तब तक आप को रिचार्ज कराने की आवश्यकता नहीं होता हैं. लेकिन जैसे ही आपके अकाउंट से पैसा खत्म हो जाएगा. उसको फिर से रिचार्ज कराना होगा. वैसे इसकी वैधता 5 वर्ष तक की होती हैं. उसके बाद फिर से लगवाना होगा.
भारत में फास्टैग का शुरुआत कब हुआ
सबसे पहले भारत में कुछ चुनिंदा जगहों का चयन किया गया. जहां पर इसका ट्रायल रूप से उपयोग किया जाए. जिसको करने के लिए सबसे पहले अहमदाबाद और मुंबई के बीच वर्ष 2014 में वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग को शुरू किया गया था.
जिसको कुछ दिन बाद जुलाई 2015 में इसे अन्य शहरों में लागू किया गया. जैसे कि चेन्नई, बेंगलुरु के बीच टोल प्लाजा पर शुरू किया गया.
फास्टैग क्यों जरूरी हैं
- इससे वाहन फीस बारिय पर जो लंबी कतारें लगती थी उससे निजात मिल जाता है.
- टोल प्लाजा पर अनावश्यक समय बर्बाद नहीं होगा.
- डीजल, पेट्रोल के साथ-साथ समय का बर्बादी नहीं होगा.
- इसके कारण टोल प्लाजा पर लेन-देन की सुविधा ऑनलाइन होने से डिजिटली पेमेंट करना आसान हुआ है.
जीरो बैलेंस फास्टैग क्या हैं
भारत में किसी भी यातायात साधन को टोल प्लाजा पार करने के लिए टैक्स देना पड़ता है. जबकि भारत के कुछ विशिष्ट लोगों के लिए जीरो बैलेंस वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग को लागू किया गया है.
जिसमें कुछ प्रमुख लोगों के लिए जीरो बैलेंस का उपयोग किया जाता हैं. जीरो बैलेंस फास्टैग को रिचार्ज नहीं करना पड़ता हैं.
यह एक्जमटेड फास्टैग के नाम से जाना जाता है. प्रमुख व्यक्तियों के लिए जीरो बैलेंस वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग का उपयोग.
- राष्ट्रपति
- उपराष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- सभी राज्यों के राज्यपाल
- मुख्य न्यायाधीश
- सभी राज्यों के मुख्यमंत्री
- भारत सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री
- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
- भारत सरकार के सभी सचिव
जीरो बैलेंस Fastag का इस्तेमाल भारत के सभी राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर बने टोलटैक्स चेकपोस्ट पर किया जा सकेगा.
जीरो बैलेंस बनवाने के लिए एनएचएआई यानी कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना आवेदन करना होगा. जिसके बाद एनएचएआई द्वारा सत्यापित करके जीरो बैलेंस फास्टैग को जारी किया जाएगा.
टोल टैक्स के अलावा कुछ महत्वपूर्ण फास्टैग का उपयोग
वर्ष 2019 दिसंबर महीने में बिकने वाले जितने भी चार पहिया वाहन हैं. उनमें Fastag लगाना आप बहुत ही आवश्यक कर दिया गया था. क्योंकि सरकार का यह निर्देश था कि जितने भी गाड़ी निर्माता कंपनी हैं और जो वाहन डीलर है.
उनको यह सुनिश्चित करना है कि 1 दिसंबर के बाद जितने भी चार पहिया गाड़ी बेचा जा रहा है. उसमें उनके मालिक द्वारा वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग को लगवाना जरूरी है.
- यदि गाड़ी में फास्टैग लगा हुआ हैं तो आसानी से ट्रांसपोर्ट फिटनेस सर्टिफिकेट को रिन्यू कराया जा सकता हैं.
- यदि आपके गाड़ी में नहीं लगा हुआ है तो आप 2021 वर्ष अप्रैल माह के बाद अब जितने भी गाड़ी जिसमे फास्टैग नहीं लगा है. उन वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी नहीं कराया जा सकता है.
- राष्ट्रीय परमिट के लिए इसको भी आवश्यक कर दिया गया है.
कुछ महत्वपूर्ण सवाल
फास्टैग रिचार्ज कैसे करें
इसे अपने मोबाइल में प्ले स्टोर से फास्टैग ऐप को डाउनलोड करके रिचार्ज कर सकते है.
कितने दिनों के लिए मान्य हैं
एक बार आप अपने यातायात साधन में लगा लेते है तो अगले 5 साल तक मान्य है.
फास्टैग से टोल टैक्स कैसे जमा करें
इससे टैक्स जमा करने के लिए आपको कुछ नहीं करना है. बस आपकी वाहन के आगे जो भी स्ट्रीकर लगा हुआ हैं जैसे ही गाड़ी टोलटैक्स चेकपोस्ट पर पहुंचता है वहां पर उसको लगे रिडर सिस्टम द्वारा उसको आईडेंटिफाई करके आपके वेहिकल इंडेंटिफिकेशन टैग से पैसा काट लिया जाता है.
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सारांश
फास्टैग का कैसे उपयोग किया जाता हैं. इसके बारे में पूरी जानकारी यहां दी गई हैं. फिर भी फास्टैग से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल आपके मन में हैं तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछें.
फास्टैग की दी गई जानकारी आपको कैसा लगा. अपना राय जरूर दें और इस जानकारी को अपने दोस्त मित्रों के साथ शेयर भी जरूर करें.
मेरा नाम रवि शंकर तिवारी है और मैं एक MBA (IT) Professional हॅू। जो पिछले 5 वर्षो से एक लेखक और डिजिटल मार्केटर के रूप में काम कर रहा हूँ। टेक्निकल बैकग्राउंड होने के कारण टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, ऑनलाइन कमाई, से संबंधित जानकारियों को शेयर करना मेरा पैशन हैं।