एमएस एक्सेल क्या है

एमएस एक्सेल क्या है – एमएस एक्सेल एक स्प्रेडशीट प्रोग्राम है। जिसमें डाटा इंट्री का काम किया जाता है. इसमें रो और कलम के रूप में सेल दिए हुए रहते हैं। जिसमें जरूरत के हिसाब से डाटा को टाइप किया जाता है.

ए बी सी डी ई एफ जी ह ए जे के एल एम एन के फॉर्मेट में जितने भी शब्द लिखे हुए रहते हैं, उसे रो कहा जाता है। इसमें 1, 2,3, 4, 5, 6, 7, 8 से लेकर के अनंत तक जो संख्याएं लिखी गई है. उसे कलम कहा जाता है.

रो और कलम मिला कर एक सेल का निर्माण होता है। जिसमें गणितीय गणनाओं के लिए फार्मूला को भी लागू किया जाता है.

इसमें अपने जरूरत के हिसाब से सीट भी बनाया जा सकते हैं। सामान्य तौर पर इसमें पहले से तीन सीट दिया हुआ रहता है. जिसको जरूरत के हिसाब से बढ़ाया भी जा सकता है. जैसे एक वर्कशीट में आप काम पूरा कर लिए, उसके बाद यदि आप दूसरे सीट पर कुछ अलग डाटा बनाना चाहते हैं. तब सीट को क्रिएट कर सकते हैं। एक्‍सेल का एग्जीक्यूट फाइल नेम excel.exe होता हैं। फाइल extension.xlsx होता है.

एमएस एक्सेल का परिभाषा

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के द्वारा एमएस ऑफिस सूट को बनाया गया है. जिसका एक प्रमुख भाग एमएस एक्सेल है. इसके अंदर और भी कई प्रोग्राम आते हैं। जैसे एमएस वर्ड, एमएस पावरप्वाइंट, एमएस एक्सेस इत्यादि। छोटी कंपनी से लेकर के बड़े-बड़े ऑर्गेनाइजेशन तक में भी सैलेरी शीट, एम्पलाॅई का इनफॉरमेशन तैयार करने के लिए एक्सेल शीट का उपयोग किया जाता है.

स्कूल, घर, कॉलेजब में छात्रों का विवरण तैयार करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। यह एक ऐसा प्रोग्राम है। जिसका यूज हर जगह पर होता है. एक सामान्य स्मार्टफोन से लेकर के कंप्यूटर तक में एक्सेल का उपस्थिति दर्ज होता है. जो लोग भी बेसिक फंडामेंटल कंप्यूटर सीखना चाहते हैं। उनके लिए एमएस एक्सेल का फार्मूला, सीट, सेल, रो, कॉलम, शॉर्ट एंड फिल्टर कुछ प्रमुख टूल है. जिसको अवश्य सीखना चाहिए।

MS excel kya hai - एमएस एक्सेल

एमएस एक्सेल का इतिहास

वर्ष 1985 में एप्पल मैकिन्टोश के लिए सबसे पहला एक्सेल का शुरुआत हुआ था। जिसका नाम एक्सेल 1.0 दिया गया था। उस समय उसका मुख्य उद्देश्य डाटा प्रबंधन प्रणाली को अच्छे से मजबूत बनाना था। इसके दो वर्ष बाद इसका दूसरा संस्करण भी लाया गया। वह विंडो प्लेटफार्म के लिए भी काम करता था। 

इसके बाद एमएस एक्सेल बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हुआ। 1990 के दशक में इसका तीसरा वर्जन 3.0 प्रकाशित किया गया। जिसमें कई प्रकार के नए फीचर्स को भी जोड़ा गया था। जैसे डाटा वैलिडेशन, ऑटोफिल, Pivot टेबल्स को इसमें मुख्य रूप से लाया गया था।

2000 के दशक में एमएस एक्सेल को और भी शक्तिशाली बनाया गया। जिसमें रिबन इंटरफेस को लाया गया। अब इसको प्रयोग करना और भी आसान हो गया था। क्योंकि हर एक फीचर्स पर पहुंचना एक नए यूजर के लिए भी संभव हो पाया था। क्योंकि सारे फीचर्स आसानी से दिखाई पड़ते थे।

वर्ष 2010 में माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा एक्सेल में एक और नया बदलाव किया गया। जिसके बाद इसका ऑनलाइन वर्जन भी लाया गया। जिसके माध्यम से किसी भी वेब ब्राउज़र पर एक्सेल का उपयोग करना संभव हो पाया। उसके बाद से एक्सेल डाटा को कहीं भी कभी भी उपयोग करना आसान हो गया। वर्तमान में जो एमएस एक्सेल का प्रोग्राम हैं। उसमें भी कई बदलाव करके शैक्षणिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से कई अच्छे तकनीक जोड़े गए हैं। जो हर बड़े ऑर्गेनाइजेशन, कॉरपोरेशन, शॉपिंग सेंटर, घर, सरकारी कार्यालय में उपयोग के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहा है.

Ms excel screen

एमएस एक्सेल विंडो ऑप्शन

टाइटल बार – यहां सबसे ऊपर उस पेज का नाम दिखता है. जिस पर काम किया जा रहा है।

क्विक एक्सेस टूलबार – यहां पर कुछ ऑप्शन दिया हुआ रहता है. जो कि अपने हिसाब से भी सेट किया जा सकता है। जैसे से Save, Undo, Redo.

फाइल – यह सबसे ऊपर बाएं साइड में कोने पर दिखाई पड़ता है. जिसके अंदर न्यू, ओपन, प्रिंट, प्रिपेयर, सेंड, पब्लिश, क्लोज और सेव ऐज कुछ महत्वपूर्ण फीचर्स हैं।

प्रोग्राम कंट्रोल विंडो – सबसे ऊपर दाहिने साइड में मैक्सिमाइज, मिनिमाइज, क्लोज बटन दिए हुए रहते हैं। जिससे प्रोग्राम क्लोज हो सकता है। मिनिमाइज और मैक्सिमाइज कर सकते हैं।

रिबन – जितने भी मेनू बार दिए हुए हैं। उस पर क्लिक करने के बाद नीचे एक पूरा पट्टी खुलता है। जिसको रिबन कहते हैं। इसमें मेनू बार के फीचर्स दिए हुए रहते हैं।

रिबन Tab – इसको मेनू बार के नाम से जाना जाता है. जिसमें हम इंसर्ट, पेज लेआउट, फॉर्मूला, डाटा, रिव्यू और व्यू टैब होता हैं।

Row – होरिजेंटल लाइन के रूप में दिखने वाला बॉक्स को रो लाइन कहा जाता है।

कॉलम – वर्टिकल लाइन के रूप में दिखने वाले बॉक्स को कॉलम कहा जाता है।

Cell – रो और कॉलम दोनों मिलकर के एक सेल बनता है। जिसमें कुछ डाटा को इनपुट किया जाता है।

Scroll Bar – एक्सेल फाइल को दाएं, बाएं, ऊपर, नीचे करने के लिए एक स्क्रोल बार होता है। जिसको स्लाइड करके मूव करते हैं।

एमएस एक्सेल का मेनू बार

Home – क्लिपबोर्ड, एलाइनमेंट, नंबर, स्टाइल, सेल्स और एडिटिंग ब्लॉक, होता है। जिसके अंदर कट कॉपी पेस्ट फॉर्मेट पेंटर बोल्ड इटैलिक अंडरलाइन इत्‍यादि हैं। 

फोंट फेस, फोंट साइज, रैप टेक्स्ट, मर्ज और सेंटर, कंडीशनल फॉर्मेटिंग, फॉर्मेट ऐज टेबल, इंसर्ट, डिलीट, फॉर्मेट, ऑटो सम, शॉर्ट एंड फिल्टर, फाइंड एंड सिलेक्ट ऑप्शन होते हैं।

इंसर्ट – टेबल्स इलुस्ट्रेशन, चार्ट्स, लिंक्स, टेक्स्ट ब्लॉक प्रमुख है। जिसके अंदर पीवॉट टेबल, टेबल, पिक्चर, क्लिपआर्ट सेप्स, स्मार्ट आर्ट, हैं। 

कलम, लाइन, बार, एरिया, चार्ट्स होते हैं। हाइपरलिंक, टेक्सटबॉक्स, हेडर एंड फूटर, वर्ड आर्ट, सिग्नेचर लाइन, ऑब्जेक्ट सिंबल फीचर्स भी हैं।

पेज लेआउट – थीम्स, पेज सेटअप, स्किल टू फिट, सिट ऑप्शन, अरेंज ब्लॉक होते हैं। 

जिसमें कलर्स, फोंट्स, इफेक्ट्स, मार्जिन, ओरिएंटेशन, साइज, प्रिंट एरिया, बैकग्राउंड, प्रिंट टाइटल्स, ग्रिड लाइंस, हेडिंग, सिलेक्शन पेन इत्यादि कुछ प्रमुख ऑप्शन होते हैं।

फॉर्मुलाज – फंक्शन लाइब्रेरी, डिफाइन नेम्स, फार्मूला ऑडिटिंग, कैलकुलेशन ब्लॉक है। जिसमें इंसर्ट फंक्शन, ऑटिज्म फाइनेंशियल, लॉजिकल टेक्स्ट, डेट एंड टाइम, लुकअप एंड रिफ्रेंस, मैथ ट्रिक, मोर फंक्शन दिये हुए हैं। 

नेम मैनेजर, ट्रेस प्रोसिडेंट्स, सो फार्मूला, एरर चेकिंग, इवेलुएट फार्मूला, वॉच विंडो, कैलकुलेशन ऑप्शन, कैलकुलेट सेट फीचर्स हैं।

डाटा – गेट एंड ट्रांसफर्म डाटा, रिफ्रेश ऑल शॉर्ट फिल्टर एडवांस्ड टेक्स्ट टू कॉलम्स हैं। 

रिमूव डुप्लीकेट्स, डाटा वैलिडेशन, कंसोलिडेटेड, व्हाट IF एनालिसिस, ऑप्शन इस में होते हैं।

रिव्यू – इसके अंदर स्पेलिंग ट्रांसलेट, न्यू कमेंट, प्रोटेक्ट सीट, प्रोटेक्ट वर्कबुक, शेयर वर्कबुक ऑप्शन प्रमुख होते हैं।

व्यू – नॉर्मल पेज लेआउट, पेज ब्रेक प्रीव्‍यू, कस्टम व्यू, फुल स्क्रीन ग्रिडलाइंस, रोलर, फॉर्मूला बार हैं।

हेडिंग, जूम, अरेंज, फ्रिज Panes, स्प्लिट, हाइड, स्विच विंडो, Macros कुछ प्रमुख फीचर्स है।

एमएस एक्सेल के कुछ और फीचर्स

इसमें सबसे नीचे तीन सीट दिए हुए रहते हैं। जिसको एडिट कर सकते हैं। अपने हिसाब से उसमें सीट का नाम लिख सकते हैं। ठीक नीचे में दाएं साइड में एक्सेल फाइल को कितना बड़ा या छोटा करना है। उसके लिए यहां पर जूम स्लाइडर का उपयोग कर पाएंगे।

पेज को नॉर्मल रूप में दिखाना है या फिर इसको पेज लेआउट के रूप में प्रदर्शित करना है। पेज ब्रेक प्रीव्यू के रूप में देखना चाहते हैं। यह सब कुछ आप नीचे राइट साइड में दिए हुए ऑप्शन से कर पाएंगे।

वर्तमान में उपयोग किया जाने वाले एमएस एक्सेल के अंदर टोटल रो 1048576 तथा अधिक से अधिक कलम 1 6 3 8 4 होते हैं।

एमएस एक्सेल की विशेषता

स्प्रेडशीट – इसमें सेल दिए हुए रहते हैं जो कि एक ग्रेड के रूप में होता है। उसमें आसानी से नंबर, शब्द कुछ भी इंटर किया जाता है।

फॉर्मूला एंड फंक्शन इसमें गणितीय फार्मूला फंक्शन को कैलकुलेशन के लिए उपयोग करना आसान है। जिससे डाटा का एनालिसिस करना इजी हो जाता है।

डाटा विजुलाइजेशन – किसी बड़े डाटा को अच्छे तरह से समझने के लिए चार्ट, ग्राफ के रूप में उसको तैयार किया जा सकता है। जिसके लिए बार या लाइन चार्ट बनाया जाता है।

Data Analysis टूल बड़े डाटा को एनालिसिस करने के लिए प्राइवेट टेबल फीचर्स है। जिससे एक बड़े वर्कशीट पर अच्छे तरीके से गणना करना संभव हो पता है। यह किसी खास नतीजे पर पहुंचने में भी मदद करता है।

डाटा वैलिडेशन – कई बार एक ही तरह का नाम, पता, मोबाइल नंबर, लिख दिया जाता है। जिसको एक-एक करके जांचना बहुत ही मुश्किल होता है। इसलिए वैलिडेशन फंक्शन से उसको कुछ ही सेकंड में पता किया जा सकता है।

कंडीशनल फॉर्मेटिंग – यह ऑप्शन हमें किसी खास सेल को अलग-अलग कलर के रूप में दिखाने में मदद करता है। जिससे हमें किसी खास सेल को पहचानना आसान हो जाता है।

डाटा इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट – टेक्स्ट फाइल के रूप में कहीं दूसरे जगह डाटा भेजने के लिए या प्राप्त करने के लिए यह महत्वपूर्ण ऑप्शन है। जो कि कई फॉरमेट में काम करते हैं।

Macros – यह टूल हमें एक बार में कमान सेट करने का अवसर देता है। जिसके बाद यह स्वयं अपने आप बार-बार उस काम को रिपीट करता है।

एमएस एक्सेल का उपयोग

व्यापार एवं फाइनेंस – यह व्यापार को अच्छे से मैनेज करने में मदद प्रदान करता है। जिससे फाइनेंशियल एनालिसिस, बजट फॉरकास्टिंग, अकाउंट को बेहतर मैनेजमेंट में सुविधा प्रदान करता है।

शिक्षा जो भी छात्र पढ़ाई करते हैं। उनके मार्कशीट, रिजल्ट, ग्रेडिंग सिस्टम को तैयार करने में कार्य करते हैं।

रिसर्च एंड डाटा एनालिसिस – एमएस एक्सेल का उपयोग रिसर्च में भी होता है। जिसके लिए वैज्ञानिक स्टैटिकल एनालिसिस को एनालाइज करते हैं।

प्रोजेक्ट मैनेजमेंट – किसी खास प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए उसका प्लानिंग शेड्यूल, संसाधन, टाइमलाइन को भी व्यवस्थित करने के लिए इसे लागू किया जाता है।

इन्वेंटरी मैनेजमेंट – किसी होलसेलर मार्केट प्लेस में प्रोडक्ट्स स्टॉक लेवल की स्थिति जानने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है।

मानव संसाधन – ह्यूमेन रिसोर्स, डिपार्मेंट कर्मचारी के पेरोल प्रोसेसिंग उनकी उपस्थित इत्यादि को भी मैनेज करने के लिए यूज किया जाता है।

सेल्स एंड मार्केटिंग – मार्केट एनालिसिस डिमांड Price, प्रोडक्ट कैंपेन एनालिसिस भी इससे होता है।

इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन – सिविल इंजीनियर डिजाइन ऑप्टिमाइजेशन, पदार्थ इत्यादि को मॉनिटर करते हैं।

हेल्थ केयर – मेडिकल रिसर्च, पेशेंट, डाटा मैनेजमेंट, संसाधन व्यवस्था, मेंटेनेंस खर्च, आय की गणना की जाती है।

नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन – किन-किन ऑर्गेनाइजेशन से फंड प्राप्त हुए हैं। दान देने वाले कौन हैं। इन सभी चीजों को भी मैनेज इसी से किया जाता है।

सारांश

इस लेख में एमएस एक्सेल का उपयोग, विशेषता, मेनू बार, परिभाषा के बारे में इनफार्मेशन दी गई है। जिससे एमएस एक्सेल का पूरा फंडामेंटल समझने में मदद मिलेगा। कोई भी यूजर जो पहली बार इसका उपयोग करने वाला है। उनके लिए यह पोस्ट बहुत ही ज्यादा लाभदायक होगा। क्योंकि इसमें एमएस एक्सेल विंडो के सारे ऑप्शन इमेज में हाईलाइट करके दिखाए गए हैं। जिससे इसको समझना बहुत ही आसान हो जाएगा।

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