सीएसएस क्या हैं उपयोग एवं विशेषता

सीएसएस का फुल फॉर्म कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स होता है. जो कि एक सूचनाओं को हाई डेकोरेटिव डिजाइन देने के लिए लागू किया जाता है। आजकल वेब डिजाइनिंग के दृष्टिकोण से इसका प्रयोग बहुत ही ज्यादा है। क्योंकि यह एक ऐसी भाषा है। जो डिजिटल दृश्यों को एक नई डिजाइन देने का काम करता है. वेब डिजाइनर और वेबसाइट डेवलपर को उनकी इच्छा अनुसार डिजाइन बनाने में मदद करता हैं।

इस लेख में सीएसएस का इतिहास, भविष्य, वर्तमान में इसका भूमिका क्या हैं। इसके संदर्भ से सूचना प्रौद्योगिकी में एक नई क्रांति का संचार हुआ हैं।

सीएसएस क्या हैं

सीएसएस एक कोडिंग भाषा हैं। जो कि एक छवियों बनावट को सुंदर बनाने के लिए उपयोग किया जाता हैं। अधिकतर जो भी कोड एचटीएमएल में लिखे जाते हैं। उनके दृश्यों को सुंदर दिखने के लिए डिजाइनर द्वारा डेवलप किया जाता हैं। 

यह एक ऐसा भाषा हैं। जिससे हम अपने डिजाइन को नियंत्रित कर सकते हैं। उसके बनावट को बेहतर रूप दे सकते हैं। उपयोगकर्ता के अनुरोध पर वेबसाइट को डेकोरेटिव डिजाइन कर सकते हैं। यह सब कुछ दृश्य को अच्छे से प्रस्तुत करने के लिए कोडिंग द्वारा किया जाता है.

एक आसान भाषा में सीएसएस एक ऐसा कोडिंग किया जाने वाला लैंग्वेज हैं. जिससे किसी भी शब्द, इमेज, टेक्‍स्‍ट हाई डेकोरेटिव बनाया जाता हैं. नोटपैड या एचटीएमएल में कोडिंग द्वारा एक नया रूप दिया जाता है।

CSS kya hai - सीएसएस

सीएसएस का इतिहास

सीएसएस का उल्लेख वर्ल्ड वाइड वेब के शुरुआत समय से ही मिलता है। क्योंकि इसके पहले डिजाइनर द्वारा एचटीएमएल के अंदर कुछ सीमित तरीकों से ही वेबसाइट को बेहतर रूप दिया जाता था। लेकिन कुछ ही दिनों के बाद सीएसएस के माध्यम से लेआउट को और भी अधिक सुसज्जित रूप से बनाया जाने लगा।

वर्ष 1996 में ऑफिशियल एचटीएमएल के स्टाइल शीट्स नामक प्रकाशन प्रणाली द्वारा इसे पहली बार प्रकाशित किया गया था। जिसमें उन्होंने सीएसएस के जन्म को प्रकाशित किया था। इसके पहले संस्करण के रूप में 1996 में w3c वर्ल्ड वाइड वेब सीएसएस द्वारा प्रकाशित किया गया था।

फिर इसमें कुछ और बदलाव करते हुए वर्ष 1998 में इसका दूसरा संस्करण भी लाया गया। जिसमें डिजाइनों को और भी अच्छे तरीके से व्यवस्थित करने की क्षमता थी। यह एक विस्तृत श्रृंखला के रूप में लागू किया गया। जिसके बाद वेब डिजाइनिंग में एक आकर्षक उल्लेखनीय सुधार के रूप में देखा गया।

कई सालों से इस पर निरंतर रिसर्च करते हुए। इसका तीसरा श्रृंखला भी सामने आया। जिसको एक बेहतर मॉड्यूल संग्रह के रूप में लागू किया गया। हर एक वेब डिजाइनर का अपना एक विशिष्ट अनुभव होता है। जिसके आधार पर कई वेब डिजाइनर ने इसका बेहतर उपयोग के लिए इसकी अनुमति भी प्रदान किया। 

जिसके बाद इसका सुचारू रूप से उपयोग भी करने लगे। तब से वर्तमान समय तक सीएसएस सूचनाओं को बेहतर तरीके से व्यवस्थित करके डिजाइन करने के लिए लागू किया जा रहा है।

सीएसएस का बनावट

इसके प्रमुख बनावट को समझना भी जरूरी है। क्योंकि इसी से एक पूरा इसका रूपरेखा प्रकट होता है।

चयन प्रक्रिया – इसमें कुछ जरूरी ऑप्शन का चयन किया जाता है। जिससे प्रदर्शन प्रणाली को और बेहतर किया जा सके। यह सब कुछ अटरीब्यूट के अनुसार सेट होता है। जो भी डिजाइनर होते हैं। वह कुछ डिजाइन को और भी लचीला बनाने के लिए कुछ स्पेसिफिक डिजाइन चयन करते हैं।

गुण – इसका मतलब यह होता है कि आपके पर्टिकुलर चीजें बेहतर स्टाइल में दिखाना चाहते हैं। जैसे उसका रंग, साइज, मार्जिन, पेंटिंग और फॉन्‍ट इत्यादि।

Values – टेक्स्ट का कीमत उसके डिजाइन, बनावट से दिखाई पड़ता है। जिसको सीएसएस के माध्यम से अप्लाई किया जाता है। उदाहरण के लिए एक कलर को RGB कलर का रूप भी डिफाइन कर पाएंगे।

गाइडलाइन – सीएसएस का कुछ अपना रूल्स एंड रेगुलेशन होता हैं। जिसके माध्यम से किसी ऑप्शन को चेंज किया जाता है। जिसमें प्रॉपर्टीज का वैल्यू उसके जरूरत के हिसाब से लागू होता हैं। जैसे फॉन्ट का साइज, पैराग्राफ का साइज यह सब कुछ उसके नियम एवं डायरेक्शन के हिसाब से सेट होता हैं।

विशेषता – सीएसएस का मतलब कैश कैंडीडिंग स्टाइल शीट्स होता हैं। जिसको हिंदी में शैली और रूप रेखा का मूल तत्व कहते हैं। जो कैश करो शब्द से परिभाषित होता हैं। जो कि एक प्रभावी स्टाइलिंग के लिए इसके महत्व को बेहतर रूप से परिभाषित करता हैं।

वेब डिजाइनिंग में सीएसएस का प्रभाव

सीएसएस का अपना एक अलग स्ट्रक्चर होता है। जिसके आधार पर इसको डिजाइन किया जाता है। एचटीएमएल, जावा स्क्रिप्ट में वेब सीरीज के अंदर इसको लिखा जाता है। यह अलग प्रकार के कोड से लिखे जाते हैं। जो कि वेब डेवलपर होते हैं।

डिवाइस के हिसाब से डिजाइन एक प्रमुख खासियत भी हैं। क्‍योंकि अलग-अलग डिवाइस में अपने आप उसके हिसाब से सेट हो जाता हैं। जो एक रिस्पांसिबल बिहेवियर भी फॉलो करता हैं। जिससे यूजर का एक्सपीरियंस बहुत ही अच्‍छा होता हैं।

निरंतरता – किसी भी चीज में निरंतरता जरूरी हैं। जब एक साइट अलग-अलग डिवाइस में लगातार देखा जाता हैं। उस समय निरंतर उसके हिसाब से परिवर्तित हो जाना एक अच्छे लैंग्वेज, कोडिंग का भी निशानी होता हैं। जो कि सीएसएस इस काम को अच्छे से निभाता हैं। यह एक साथ कई डिवाइस में अपने निरंतरता को बेहतर उपयोग सुनिश्चित करता हैं।

बेहतर परिणाम – सीएसएस पूरी तरह से अपने दक्षता बनाए रखता है। जिससे इसका पूरे दुनिया में स्टाइल बेहतर बनाने के लिए लोग इस्तेमाल करते हैं। यह समय-समय से अपने डिजाइन एवं लुक अपडेट भी करता है। जिससे एक अच्छा अनुभव सभी वेबसाइटों पर दिया जा सके।

यूजर एक्सपीरियंस – एक अच्छे यूजर को बेहतर अनुभव तभी मिलता हैं. जब उस साइट का पूरा डिजाइन उसके डिवाइस के हिसाब से सेट हो जाता हैं. जिसको वह आसानी से विजिट कर पता हैं। जहां उसका जरूरत होता हैं। उसको तुरंत एक्सेस कर पाता हैं और उसको रिड भी करता हैं. यह यूजर एक्सपीरियंस में बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता हैं. जो कि सीएसएस इसको पूरी तरह से इंगेजिंग बनाता हैं.

सीएसएस का विकास

सीएसएस के विकास का नतीजा है कि आज मार्केट में इसका चौथा वर्जन भी आया है. जो कि w3c का एक महत्वपूर्ण योगदान भी है. लगातार कई भाषाओं में अच्छी सुविधा प्रदान करने के लिए इसे विकसित किया गया है।

जिसका मुख्य लक्ष्य CSS4 एक नया मॉडल रूप देना है। जिससे वेब डिजाइनर को उसके अनुकूलता के हिसाब से अच्छे परिणाम हासिल करने में मदद मिल सके।

css4 में उच्च कोटि के टाइपोग्राफी, नियंत्रण की सुविधा शामिल किया गया है।

सीएसएस का चुनौतियां एवं सीमाएं

यह एक बहुत ही जबरदस्त वेब डिजाइनिंग लैंग्वेज है। लेकिन इसमें कुछ मजबूत चुनौतियों का ही सामना करना पड़ता है। जो कि नीचे इस प्रकार है।

ब्राउज़र – दुनिया में कई प्रकार का ब्राउज़र होता हैं। जिनको अलग-अलग सिस्टम पर उपयोग में लिया जाता है। कुछ ऐसे ब्राउज़र होते हैं। जहां पर सीएसएस कोड अच्छे से लागू करना तथा उसके अनुरूप टैक्स डिजाइन प्रदर्शित करना काफी पेचीदा हो जाता है। उस समय भी एक कुछ हद तक अपने आपको बेहतर करने का प्रयास करता है।

कठिन भाषा –  वैसे सीएसएस एक जटिल भाषा भी है। क्याेंकि इसको आसानी से हर कोई नहीं समझ सकता है। जो भी टैक्स्ट लिखे जाते हैं। उसको समझने के लिए कुछ टेक्निकल नॉलेज होना चाहिए। कभी-कभी कुछ टेक्स्ट तो कोडिंग करते समय समस्या की वजह से इसके बनावट पूरी तरह से बिखर जाते हैं.

डिस्प्ले – इस लैंग्वेज को किसी साइट पर लागू करने के बाद उसका दृश्य किस तरह का दिखाई दे रहा है. यह एक चुनौतीपूर्ण है। क्योंकि यह जब सही से रन नहीं करता है, तो फिर एक वेबसाइट का पूरा दृष्ट बिगड़ जाता है. कभी-कभी धीमे इंटरनेट पर भी इसका असर दिखाई पड़ता है.

Understanding – वेब डेवलपर इसको आसानी से एक्सेस करने में भी कुछ परेशानी महसूस करते हैं। क्योंकि इसका प्रॉपर कंटेंट का सेटिंग्स भी होना चाहिए। नहीं तो यह सीएसएस कोड एचटीएमएल के भी बनावट को बाधित कर सकते हैं. कुछ लोगों को इसको समझने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

Be Updated – CSS निरंतर सीखने वाला भाषा है. जिसमे रोज नए-नए कुछ बदलाव भी होते रहते हैं. इसीलिए इसको नियमित रूप से अभ्यास करके इस पर बेहतर काम किया जा सकता है. यह एक सदैव चलने वाला निरंतर प्रक्रिया है.

CSS का भविष्य

अच्छे डिजाइन के दीवाने दुनिया में बहुत लोग हैं. समय समय से इसमें कुछ परिवर्तन होते रहेंगे। जिसके बाद एक वेब एप्लीकेशन को नए नए रूप रंग में प्रदर्शित किया जाएगा। जो भी नए-नए तरह का प्रेजेंटेशन बनाए जा रहे हैं. उसमें भी इसको लागू किया जा सकता है. जिससे एक वेब डिजाइन को नया रूप दिया जा सके।

सारांश

कैस्‍के‍डिंग स्टाइल शीट एक बहुत ही शक्तिशाली भाषा है। जो कि वेब डिजाइन प्रेजेंटेशन में प्रमुख भूमिका अदा करता है। इसका एक ऐतिहासिक यात्रा लंबे समय से चला आ रहा है। जो आने वाले भविष्य में भी निरंतर जारी रहेगा। इसका बनावट, दृश्य, आकषर्कता लोगों को मनमोहन बना देती है। 

जो एक प्रकार का आधुनिक उन्नत तकनीक को प्रदर्शित करता है। जब किसी विजुअल दृश्य में इसको और अच्छे तरीके से मिलाया जाता है। उसके बाद इसका रूप और डिजाइन मनमोहन दिखाई पड़ता है। यह एक डिजिटल दुनिया का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। जिससे हमारे टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्रदान करने में मदद मिल रहा है।

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