Speaker क्या हैं प्रकार व पूरी जानकारी

Speaker Kya hai? Computer स्पीकर एक हार्डवेयर डिवाइस है। जिसके द्वारा साउंड प्राप्त होता है। स्पीकर एक आउटपुट डिवाइस है, जिसके द्वारा आवाज बाहर आता है। यह एक ऐसा डिवाइस है, जिसके द्वारा जिस तरह का भी म्यूजिक या आवाज हम लोग सुनना पसंद करते हैं, उस तरह का आवाज सुन पाते हैं।

कंप्यूटर सिस्टम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में स्पीकर एक महत्वपूर्ण हार्डवेयर डिवाइस के रूप में जाना जाता है। क्योंकि किसी भी हार्डवेयर डिवाइस के साथ यदि आवाज को बाहर ध्वनि के रूप में प्रदर्शित करना हो, तो उसके लिए स्पीकर का ही भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है।

इसीलिए Speaker का उपयोग डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप कंप्यूटर, टैबलेट, स्मार्टफोन इत्यादि में भी किया जाता है। जिसके द्वारा बेहतर क्वालिटी का ध्वनि साउंड को सुना जाता है।

इस लेख में Speaker in hindi क्या है और इसका परिभाषा क्या होता है। इसके प्रकार कितने होते हैं तथा यह किस प्रकार का डिवाइस है के बारे में नीचे हम लोग पूरी जानकारी विस्तार से प्राप्त करेंगे.

स्पीकर क्या है

स्पीकर एक हार्डवेयर तकनीक से तैयार किया गया यंत्र है। जिसके द्वारा ध्वनि के रूप में आवाज बाहर प्रदर्शित होता है। यह एक आउटपुट डिवाइस भी है। क्योंकि स्पीकर ध्वनि को आउट करता है। इसको हिंदी में बाहर निकालना कहते हैं। वैसा डिवाइस जिसके माध्यम से ध्वनि के रूप में आवाज बाहर निकलता है, उसे स्पीकर आऊट पुट डिवाइस भी कह सकते हैं।

Speaker Kya hai

स्पीकर की परिभाषा

अंग्रेजी के स्पीक शब्द से स्पीकर शब्द का निर्माण हुआ है। स्पीक शब्द का मतलब बोलना होता है। ठीक इसी प्रकार स्पीकर शब्द का मतलब बोलने वाला एक यंत्र होता है, जिससे ध्वनि के रूप में बेहतर साउंड क्वालिटी को सुना जा सकता है।

किसी भी प्रकार के गाना, म्यूजिक इत्यादि का महत्त्व सबसे ज्यादा तभी हो सकता है, जब उसको एक बेहतर आवाज के रूप में सुना जाए। जिसके लिए स्पीकर का अविष्कार भी किया गया। आज इस स्पीकर की सहायता से ही बड़े-बड़े प्रोग्राम में बेहतर वॉइस क्वालिटी के साथ म्यूजिक, सॉन्ग इत्यादि को चुना जाता है।

स्पीकर का इतिहास

दुनिया में सबसे पहले लाउडस्पीकर का अविष्कार हुआ। जिसके द्वारा ध्वनि या आवाज को सुना जाता था। वर्ष 1861 में Johann Philipp Reis ने सबसे पहले एक लाउडस्पीकर का अविष्कार किया। जिसके बाद कई और अविष्कारक ने आगे इसको और बेहतर करने का प्रयास किया।

उसके बाद लाउडस्पीकर के कई अलग-अलग प्रारूप में तैयार किया गया। जब कंप्यूटर का अविष्कार हुआ उसके बाद कंप्यूटर में लाउडस्पीकर का उपयोग करने के लिए आईबीएम कंपनी के द्वारा वर्ष 1981 में कंप्यूटर स्पीकर का अविष्कार किया गया। जोकि कंप्यूटर के साथ जुड़ा हुआ था।

धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी का विस्तार होता गया और स्पीकर का आकार भी छोटा या बड़ा रूप में परिवर्तित होते गया। आज के समय में जो भी लैपटॉप आ रहे हैं उसमें स्पीकर भी लगा हुआ रहता है। आज टेक्नोलॉजी इतना आगे बढ़ गया है कि एक लैपटॉप के अंदर छोटा सा स्पीकर लगा हुआ रहता है।

जिससे हम लोग अपने लैपटॉप में आवाज को सुन पाते हैं। इसी प्रकार स्पीकर का कई अलग-अलग साइज के आधार पर तथा कार्य के आधार पर बनाया गया। जिसका उपयोग अलग-अलग सिस्टमों में किया जाता है।

कंप्यूटर के साथ स्पीकर को बाहर से कनेक्ट करने के लिए वर्ष 1991 में Abinawan Puracchidas ने एक कंप्यूटर स्पीकर का अविष्कार किया जो कि कंप्यूटर के साथ बाहरी रूप से भी जोड़ा जा सकता है।

स्पीकर का प्रकार

समान्‍यत: कई प्रकार के स्पीकर बनाए गए। जिसका आकार, काम करने का तरीका, आधार इत्यादि सब कुछ अलग प्रारूप में है। यह छोटे से साइज से लेकर के बड़े बड़े साइज के भी बनाए गए। जिसका शक्ति और ध्वनि प्रस्तुत कम या ज्यादा हो सकता है। इस तरह से कई प्रकार के स्पीकर बनाए गए जिसके बारे में नीचे बताया गया है।

जनरल स्पीकर

एक प्रकार का ऐसा Speaker जो सामान्य तौर पर उपयोग किया जाता है। जिसका उपयोग हर तरह के कामों के लिए किया जाता है।

चाहे उसे किसी समारोह में उपयोग करना हैं, हॉल, लैपटॉप के साथ कंप्यूटर में कनेक्ट करना हो, किसी भी प्रकार के ध्वनि प्रदर्शित करने वाले कामों के लिए उपयोग किया जाने वाला स्पीकर एक सामान्य जनरल स्पीकर होता है। वैसे स्पीकर को जनरल Speaker के नाम से भी जानते हैं।

कंप्यूटर स्पीकर

एक ऐसा स्पीकर जो कि कंप्यूटर में ही उपयोग किया जाता है। उसे ही कंप्यूटर स्पीकर कहते हैं। कंप्यूटर में भी उपयोग किए जाने वाले स्पीकर कई प्रकार के होते हैं। जिसका अलग-अलग कामों के लिए उपयोग किया जाता है। वैसे आज के समय में सामान्य तौर पर जितने भी कंप्यूटर, लैपटॉप है, उसमें इंटरनली स्पीकर कनेक्टेड होता है।

लेकिन कुछ ऐसे भी कंप्यूटर हैं जिसमें अलग से Speaker लगाया जाता है। जिसके बाद उस कंप्यूटर में स्पीकर के द्वारा ध्वनि को बाहर निकाला जाता है। वैसा कंप्यूटर जिसके साथ स्पीकर को जोड़ा जाता है वैसे स्पीकर को कंप्यूटर स्पीकर के नाम से जानते हैं।

लाउडस्पीकर

Loudspeakers

लाउडस्पीकर शब्‍द का मतलब भी समझा जा सकता है। लाउड प्लस स्पीकर दो शब्दों से मिलकर बना है। लाउड का मतलब होता है तेज गति से तेज ध्वनि में आवाज बाहर निकालने वाला स्पीकर को लाउडस्पीकर कहा जाता है। लाउडस्पीकर का उपयोग शादी विवाह या किसी भी प्रकार के उत्सव इत्यादि में किया जाता है।

यह एक प्रकार का ऐसा Speaker होता है, जो कि तेज ध्वनि में आवाज को बाहर निकालता है। जिसका उपयोग लोग शादी-विवाह, बर्थडे पार्टी इत्यादि उत्‍सवों में भी करते हैं।लाउडस्पीकर बहुत ही प्रचलित एवं बेहतरीन स्पीकर है जिसका उपयोग हर एक गांव घर में उत्सव मनाने के लिए किया जाता है।

सबवूफर्स

Sub woofers speaker

सबवूफर्स एक छोटा सा Speaker होता है, जो कि अक्सर कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट इत्यादि के साथ कनेक्ट किया जाता है। इससे ज्यादा तेज गति से साउंड को नहीं सुना जा सकता है। इसका आवाज भी एक सीमित दायरे के अंदर ही काम करता है। इसका फ्रिकवेंसी भी कम होता है।

इस तरह के Speaker का उपयोग अधिकतर घर में लैपटॉप कंप्यूटर के साथ हल्के साउंड में म्यूजिक इत्यादि सुनने के लिए किया जाता है। वैसे आज के समय में जो भी लैपटॉप या कंप्यूटर आते हैं उसके साथ सबवूफर्स ही कनेक्ट किया हुआ रहता है। लेकिन इसका साउंड क्वालिटी तथा इसकी शक्ति भी सीमित होते हैं।

फ्लोर स्टैंडिंग स्पीकर

एक ऐसा Speaker जो कि जमीन पर अच्छे से खड़ा किया जा सकता है। उसे फ्लोर स्टैंडिंग स्पीकर कहते हैं। अक्सर हम लोग देखते हैं कि बड़े-बड़े जो स्‍पीकर होते हैं उसको जमीन पर रखा जाता है। शादी विवाह समारोह में थोड़ा तेज गति से आवाज को बाहर प्रदर्शित करने के लिए फ्लोर स्टैंडिंग Speaker का भी उपयोग किया जाता है। जिसके द्वारा साउंड को अधिक दूर तक पहुंचाया जाता है।

फ्लोर स्टैंडिंग स्पीकर से आवाज बहुत ही बेहतरीन तथा सुंदर होता है। जिससे अच्छे म्यूजिक सुनने को मिलता है। इसीलिए इस तरह के जो स्पीकर होते हैं उसका उपयोग किया जाता है और लोगों को इससे बेहतर आवाज सुना करके प्रफुल्लित किया जाता है।

Floor standing speaker

ब्लूटूथ स्पीकर

आज के समय में बिना वायर के भी स्पीकर आ रहे हैं। जो कि ब्लूटूथ के द्वारा कनेक्ट हो जाते हैं। आज अधिकतर लोग स्मार्ट फोन में ब्लूटूथ स्पीकर को कनेक्ट करते हैं और इससे म्यूजिक इत्यादि सुनना पसंद करते हैं। ब्लूटूथ स्पीकर एक मध्यम आकार का होता है।

इस तरह के ब्लूटूथ Speaker आसानी से कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन इत्यादि में कनेक्ट भी हो जाते हैं। जो भी ब्लूटूथ स्पीकर होते हैं, उसमें साउंड क्वालिटी बेहतर होता है तथा इसका आवाज भी लोगों को पसंद आता है। इसी तरह के स्पीकर को ब्लूटूथ स्पीकर कहते हैं।

Ought door speaker

आउटडोर स्पीकर

आउटडोर का मतलब होता है बाहर कहीं भी उपयोग किया जाने वाला, इस तरह के स्पीकर को आउटडोर Speaker कहते हैं। इसे बाहर किसी भी मौसम में रखा जा सकता है और उससे बेहतर आवाज को भी सुना जा सकता है। यह स्पीकर वाटरप्रूफ होते हैं। इसमें अंदर या बाहर किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। आउटडोर स्पीकर को पार्टी इत्यादि समारोह में उपयोग किया जाता है।

वॉल स्पीकर

आज के समय में वैसे भी Speaker उपलब्ध है जो कि दिवार में आसानी से फिट हो जाते हैं। उसके लिए दिवार में न तोड़फोड़ करने की जरूरत है न किसी भी प्रकार की कोई समस्या है।

बस तुरंत वॉल स्पीकर को अपने घर में किसी भी दिवार में सेट कर सकते हैं। जिसके द्वारा बेहतर म्यूजिक इत्यादि का लाभ ले सकते हैं।

वॉल Speaker का उपयोग अधिकतर सिनेमा हॉल, थिएटर आदि में किया जाता है। जो कि दिवार में लगाया हुआ रहता है

उससे रूम या हॉल में बेहतर साउंड क्वालिटी लोगों को सुनाई देता है। जिससे एक थिएटर में आवाज का क्वालिटी घूमते रहता है।

Wall Speaker

इनवॉल सीलिंग स्पीकर

इस तरह के Speaker ऊपर छत की सीलिंग में भी फिट हो जाते हैं या फिर दिवार में भी सेट किए जा सकते हैं। इसका आकार छोटा होता है। लेकिन यह बेहतर क्वालिटी के साथ साउंड प्रस्तुत करते हैं।

इन वॉल सीलिंग स्पीकर का उपयोग मॉल, थिएटर इत्यादि में भी किया जाता है। इससे लोगों को बेहतर साउंड क्वालिटी में किसी प्रकार की जानकारी दिया जाता है।

Ceiling Speaker

बुक सेल्फ स्पीकर

यह जो Speaker होता हैं वह बुक की तरह किसी टेबल पर रखे जाते हैं। जैसे यदि आप अपने घर में किसी भी टेबल पर कोई एक स्पीकर रखना चाहते हैं, तो उसके लिए एक बुक सेल्फ स्पीकर ले सकते हैं। जो कि अपने टेबल पर घर में कहीं भी आसानी से रख सकते हैं और उसके बेहतर ध्वनि को सुन सकते हैं।

इस तरह के जो बुक सेल्फ Speaker होते हैं उसमें आवाज की क्वालिटी बहुत ही बेहतर होता है तथा इसको आप अपने बेहतर संगीत सुनने के लिए भी उपयोग कर सकते हैं। इस तरह स्पीकर बुक सेल्फ स्पीकर के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।

Bookshelf Speaker

स्टूडियो स्‍पीकर

वैसा Speaker जो किसी एक स्टूडियो में उपयोग किया जाता है उसे स्टूडियो मॉनिटर स्‍पीकर कहते हैं। जैसे गाना रिकॉर्ड करने के लिए जो भी स्टूडियो होता है, वहां पर जिस स्पीकर का उपयोग किया जाता है उसे स्टूडियो स्पीकर कहते हैं।

ठीक इसी प्रकार गाना रिकॉर्डिंग, फिल्म रिकॉर्डिंग, डांस रिकॉर्डिंग इत्यादि अनेक प्रकार के रिकॉर्डिंग के लिए स्टूडियो में जो भी स्पीकर का उपयोग किया जाता है, उसे स्टूडियो स्पीकर कहते हैं। जिसके द्वारा बेहतर क्वालिटी का साउंड भी सुनने को मिलता है।

स्टूडियो Speaker में केवल वॉइस को ही रिकॉर्ड किया जा सकता है, म्यूजिक रिकॉर्ड किया जा सकता है या फिर वीडियो के साथ वॉइस रिकॉर्डिंग किया जा सकता है। ऑडियो के रूप में भी आवाज को रिकॉर्ड किया जा सकता है। एक स्टूडियो के अंदर स्पीकर का भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है

Studio speaker

सेटेलाइट स्पीकर

एक ऐसा स्‍पीकर जो कि सेटेलाइट सिस्टम के द्वारा काम करता है, उसको सेटेलाइट स्पीकर कहते हैं। उसका उपयोग सेटेलाइट के माध्यम से किया जाता है।  उसको सुनने के लिए जहां भी जरूरत होता है, वहां रखा जाता है। सेटेलाइट Speaker में बूफर इत्यादि को एक दूसरे के साथ कनेक्ट किया जाता है। जिससे जहां भी सेटेलाइट स्पीकर का उपयोग हो वहां पर साउंड क्वालिटी सबसे बेहतर सुनने को मिले।

satellite speakers

स्पीकर कौन सा डिवाइस होता है

स्पीकर एक हार्डवेयर आउटपुट डिवाइस है। जिसके द्वारा आवाज बाहर निकलता है। इसलिए इसे आउटपुट डिवाइस भी कहा जाता है। 

स्पीकर कैसे काम करता है

जब स्पीकर बनाया जाता है तो उसमें लोहे और चुंबक का उपयोग किया जाता है। जिसके द्वारा एक स्पीकर का आकार बनाया जाता है। यह एक इलेक्ट्रिकल एनर्जी को परिवर्तित करके वॉइस रूपी आवाज को प्रदर्शित करता है। इस तरह से स्पीकर काम करता है।

स्पीकर में लगे चुंबक और लोहे के आपसी तालमेल के वजह से उसके अंदर से ध्वनि बाहर निकलता है। जिसके बाद लोगों को ध्वनि अलग-अलग रूप में सुनने को मिलता है।

स्पीकर में लगे चुंबक लोहा वायर इत्यादि सब कुछ मिला करके एक दूसरे के सहयोग से ध्वनि को एक आवाज के रूप में बाहर प्रदर्शित करते हैं। 

सारांश

स्पीकर क्या है, स्पीकर इन हिंदी स्पीकर के प्रकार, स्पीकर का इतिहास, स्पीकर कैसे काम करता है के बारे में इस लेख में जानकारी दी गई है। फिर भी यदि स्पीकर से संबंधित आपके मन में कोई सवाल है सुझाव है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर पूछें।

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