पढ़ाई में मन कैसे लगाएं 8 बेस्‍ट तरीकें

पढ़ाई में मन कैसे लगाएं? इसके लिए कुछ जरूरी बातो का ध्‍यान रखना चाहिए। पढ़ाई में मन लगाना हो या और अन्य किसी भी तरह का काम हो बच्चों का मन लगाना हैं तो सबसे पहले उस क्षेत्र में काम किया जाए उस पर नियमित प्रयास किया जाए।

पढ़ाई में हर रोज मन कैसे लगाएं

अध्‍ययन जितना आसान है उतना ही कठिन काम भी है। क्योंकि जितना मेहनत किसी काम को करने में लगेगा. उससे कहीं 10 गुना ज्यादा पढ़ाई में लगता है. क्योंकि शारीरिक काम में केवल शारीरिक मेहनत करना होता है.

जबकि पढ़ाई करने के लिए दिमाग से मेहनत करना पड़ता है. लोग कहते हैं कि पढ़ाई करना आसान है. बात सही है. लेकिन अध्ययन करना उतना ही कठिन भी है. इसलिए पढ़ाई को आप किस नजर से देखते है. पढ़ाई को आसान या कठिन समझते है. यह आपके सोच पर निर्भर करता है.

अब इस सोच को बदलने के लिए क्या करना चाहिए. जिस तरह से बच्चे खेलने में आनंदित महसूस करते हैं। ठीक उसी प्रकार पढ़ाई में भी उसको आनंद तब आएगा.

जब उसको खेल खेल द्वारा पढ़ाया जाए या सिखाया जाए। उसके लिए एक माहौल की जरूरत होता है. नीचे हम कुछ स्टेप्स भी बताएंगे जिससे पढ़ाई में मन लगाएं. घर बैठे पैसा कैसे कमायें

Padhai Me man kaise lagaye - पढ़ाई में मन कैसे लगाएं

पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता हैं

सबसे बड़ा सवाल लिया हैं कि पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता है. इस पर विचार करने की जरूरत है। सोचने समझने की जरूरत है। पढ़ाई क्या हैं। पढ़ना क्यों जरूरी हैं।अध्ययन नहीं करेंगे तो क्या हो सकता हैं। पढ़ाई करेंगे तो क्या हो सकता हैं.

जब तक इस तरह का सवाल आपके मन में नहीं आएगा या अपने बच्चों को नहीं बताएंगे तब तक अध्ययन में मन नहीं लगेगा

क्योंकि पढ़ाई को एक कठिन काम समझते हैं जो कि मजबूरी में करना होता हैं. इसलिए बच्चों का मन पढ़ाई से भागता हैं।. सबसे पहले ज्ञान संबंधित जो सवाल है. उस सवाल का जवाब अपने बच्चों को समझाने का प्रयास करें. बताने का प्रयास करें. तब बच्चे को समझ आएगा कि शिक्षा क्यों प्राप्‍त करना चाहिए. अध्ययन में मन क्यों लगाना चाहिए.

Padhai Me man kaise lagaye2

1. समझ कर पढ़े

सबसे प्रथम पहला तरीका हैं कि इसको पढ़ाई समझ कर नहीं करें. इसको एक खेल के जैसे एक गेम की तरह ले. एक मनोरंजन की जैसे शिक्षण को समझें. जब इसको एक मनोरंजन एक खेल की रूप में समझेंगे तो पढ़ाई के प्रति आपका रुचि बढ़ेगा आकर्षण बढ़ेगा तथा चित भी लगेगा.

अगर अध्ययन में आपका मन नहीं लग रहा है, तो सबसे पहले उस तरह का पढ़ाई करना शुरू करें। जिसमें रुचि हो, दिल लगता हो, खुशी महसूस होता हैं.

उस तरह का किताब पढ़ना या समाचार देखना शुरू करें या वीडियो देखें. जिसमें आपका ज्यादा मन लगता हो. धीरे-धीरे जब अपने पसंद का अध्ययन शुरू करेंगे. तब आपके लिए जो कठिन चीज लगता है. उसमें भी धीरे-धीरे दिल लगने लगेगा. अध्यापन से मनोबल और रूची बढ़ने लगेगा.

2. पढ़ाई के फायदे समझे 

यदि आप एक माता-पिता हैं और अपने बच्चों को शिक्षण में मन लगवाना चाहते है। फिर सबसे पहले अपने बच्चों को यह समझायें कि पढ़ाई करने से क्या फायदा होगा।

जब उसको पढ़ाई के फायदा बतलाएंगे समझाएंगे तब धीरे-धीरे उसके दिमाग में यह बात आएगा कि हमें अध्ययन करना चाहिए. दिल लगाने के लिए दूसरे सफल लोगों का उदाहरण दें।

जैसे बच्चे को यदि किसी तरह का टीवी का शो देखने में मन लगता हैं तो उस टीवी के शो का उदाहरण देकर के बच्चे को समझा सकते हैं. देखो आप ही के जैसा बच्चा टीवी में इस तरह से काम कर रहा हैं. आपभी पढ़ोगे तो ऐसे काम कर सकते हो. ऐसे ही अलग-अलग उदाहरण देकर बच्चों को प्रेरित कर सकते हैं . जिससे शिक्षण में चेतना लगवा सकते हैं.

3. पढ़ाई को समझे

यदि आप एक छात्र है और शिक्षण में मन नहीं लग रहा है. पढ़ाई से इधर-उधर भटक रहे है. लेकिन आपके मित्र माता-पिता आपको पढ़ने के लिए कहीं बाहर भेजे हुए है. या फिर अपने घर से या स्कूल जा करके अध्यापन कर रहे है. लेकिन आपका अध्ययन में चित नहीं लग रहा है.

तो सबसे जरूरी हैं कि पहले अपने आपसे पूछिए कि हम पढ़ाई क्यों कर रहे हैं. जब इस सवाल को स्वयं से पूछेंगे तब आपको पता चलेगा कि हमें अध्यापन करना चाहिए या नहीं करना चाहिए.

अध्यापन करना किसी दूसरे के लिए कोई जरूरी नहीं हैं पढ़ना स्वयं का अपना काम हैं पढ़ाई करेंगे तभी आपको जानकारी मिलेगा समाज देश लोग की जानकारी प्राप्त करेंगे। समाज में जीने के लिए प्रतिष्ठा पाने के लिए सम्मान पाने के लिए आपको पढ़ना जरूरी है

आपके घर में चाहे कितना भी धन हो लेकिन जब तक पढ़ेंगे नहीं तब तक उस धन का भी उपयोग नहीं कर पाएंगे समाज में मान सम्मान प्रतिष्ठा अपने धर्म अपने पद प्रतिष्ठा अपने माता-पिता का सम्मान को आगे बढ़ाने के लिए अपने नाम को दुनिया में रोशन करने के लिए आपको पढ़ना है न की किसी दूसरे के कहने से या जबरदस्ती करने से शिक्षण करना है.

यदि आप थोड़े बहुत समझदार है तो किसी भी सफल व्यक्ति का जीवनी पढ़ कर के देखिए कि लोग कितना कठिन परिश्रम करके खुद को आगे बढ़ाया हैं तब आपको समझ जाएगा कि पढ़ाई क्यों करना चाहिए.

पढ़ाई एक ऐसा जरिया हैं जिससे दुनिया के किसी भी चीज को हासिल कर सकते हैं इसलिए अध्यापन पूरी ईमानदारी के साथ पूरी उत्सुकता के साथ पूरी जिम्मेदारी के साथ लगन के साथ करें.

4. श्रेष्ठ लोगों से बात करें

ऊपर बताया गया इन सभी तरीकों के बाद भी आपका शिक्षण में मन लग रहा हैं तो ठीक हैं. यदि अध्यापन में मन नहीं लग रहा हैं तो मन लगाने का एक दूसरा तरीका हैं. वह तरीका हैं कि आपके यहां जो भी बड़े या बुजुर्ग लोग हैं या श्रेष्ठ जन हैं उनके पास बैठना शुरू करें.

उनसे बातचीत करना शुरू करेंगे धीरे-धीरे जब आपको वहां बात करने की शुरुआत करेंगे. उनसे कुछ सीखेंगे आपके मन के विचार में कुछ बदलाव होगा.

वैसे बड़ों के साथ बैठे जो कि समझदार और ज्ञानवान हैं. वैसे लोगों के पास बैठे जो आपको उचित मार्गदर्शन दें नेक सलाह की जरूरत हैं. इस पोस्ट में हमने हर एक पहलू के बारे में बताया हैं.

फिर भी आपका शिक्षण में दिल नहीं लग रहा हैं तो आप घर के अपने बुजुर्ग माता-पिता या तथा भी जो वरिष्ठ जन हैं. उनके पास बैठे उनसे मार्गदर्शन ले धीरे-धीरे उनसे कुछ सीखने का प्रयास किजिए.

इस तरह से जैसे आप किसी से ऐसे ही बात बात में कुछ सीख लेते हैं न कि पढ़ाई के उद्देश्य से. इस तरह से उन लोगों के साथ बात करना शुरू करेंगे तो कुछ सीखने, जानने को मिलेगा। आपका रुझान धीरे-धीरे कुछ नई चीजें सीखने की तरफ बढ़ेगा जिससे धीरे-धीरे इस तरह से अभ्यास करें।

5. भगवान का प्रार्थना करें

यदि अध्यापन में मन लगाना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे जरूरी हैं कि आपका दिनचर्या भी अच्छा होना चाहिए सुबह 4:00 या 5:00 बजे हर रोज जग जाए.

उसके बाद अपने बिस्तर पर जहां सोए हुए हैं उठ कर भगवान का प्रार्थना करें भगवान का नाम ले या जो भी आपके आराध्य हैं उनका स्मरण करके उनके नामों का उच्चारण करें. उसके बाद सुबह फ्रेश होकर के स्नान कर ले.

क्योंकि अध्यापन करने के लिए सबसे जरूरी हैं आपका मानसिक शुद्धि जब तक नहीं होगा विचार शुद्ध नहीं होगा. वाणी शुद्ध नहीं होगा तब तक पढ़ाई में मन नहीं लग सकता हैं.

पढ़ाई भी एक कठिन तपस्या हैं त्याग हैं समर्पण हैं और इसको करने के लिए आपको कुछ इस तरह से अपने जीवन यापन को बनाना पड़ेगा. जिससे ह्रदय विचार शुद्ध हो आपको शांति महसूस हो उसके लिए जरूरी हैं कि सुबह जगकर के स्नान करके अपने आराध्य देव का स्मरण जरूर करें. इससे भी आपका मन शिक्षण में लगना शुरू हो जाएगा.

6. शांत माहौल में पढ़ें

यदि आप एक छात्र है या एक छात्र के माता-पिता है तो दोनों के लिए सबसे जरूरी बातें है। जिसका जरूर पालन करें। अध्यापन एक शांति का विषय, स्थिरता का विषय और मन लगाने का विषय है। इसलिए पढ़ाई वैसे स्थान पर करना चाहिए। जहां बिल्कुल भी शोर-शराबा नहीं होता हो.

शांति जहां मिलती हो वैसे स्थान पर बच्चों को अध्यापन करना चाहिए या स्वयं पढ़ना चाहिए जहां पर ज्यादातर लोगों का आना जाना न हो और वहां पर किसी तरह का टीवी मोबाइल या अन्‍य हलचल न हो पढ़ाई करते समय अपना ध्यान किसी दूसरे चीजों में नहीं भटकाना चाहिए या माता-पिता को भी बच्चों को पढ़ते समय किसी भी काम में नहीं लगाना चाहिए.

जब आप पढ़ाई करते हो उस समय सारे कामों के जिम्मेदारियों को भूल कर के अपना ध्यान केवल शिक्षण में ही लगाना चाहिए क्योंकि अध्यापन करते समय यदि कोई आ जाता हैं या फिर मोबाइल या टीवी से आपका ध्यान बटता हैं या फिर माता-पिता के द्वारा किसी भी तरह के काम बता दिया जाता हैं तो इससे बच्चों का शिक्षा से मन भटकने लगता हैं.

इसलिए पढ़ाई के लिए एक स्टडी रूम बनाएं. वहां पर बैठ कर के चाहे जितना ही देर पढ़े शांति से अध्यापन करें. आपका  शिक्षण में मन लगेगा. जितना पढ़ेंगे उतना अच्छे से समझ पाएंगे. इसलिए इस बातों को भी समझना और उसको लागू करना बहुत ही जरूरी हैं. 

7. भरपूर नींद लें

मन शांत तो दिमाग भी शांत रहेगा मन शांत कब होगा जब आप अपने शरीर से अपने चेतना से फिट महसूस करेंगे. शरीर को स्थिर व शांत रखने के लिए फिट रखना सबसे जरूरी है. एक विद्यार्थी के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपना पूरा नींद जरूर लें.

यदि आप एक छात्र है तो आपको रात में 8:30 से 9:00 बजे तक खाना खाकर 9:30 तक आपको सो जाना चाहिए. सुबह आपको 4:00 बजे जगना चाहिए इस तरह से यदि रात में नींद लेते है तो आपको शारीरिक रूप से शांति दिमागी स्थिरता एवं आपका मन पूरी तरह से तरोताजा रहेगा.

8. दिन में पढ़े

शिक्षा में मन लगाना चाहते है तो कभी भी रात को पढ़ने का प्रयास न करें. क्योंकि रात को जब पढ़ेंगे तो आपका दिल हो सकता है कि अध्यापन में न लगे। आपको किसी न किसी तरह का चित भटकाव हो तथा नींद भी लगना शुरू हो जाए आलस्य महसूस हो सकता है.

क्योंकि रात सोने के लिए बनाया गया है और ज्यादातर लोग रात में ही पढ़ने लगते है कि उनको शांति महसूस होता है।

जितना दिन को पढ़ेगे आपको इन बातों को करके देखना है.  दिन में पढ़ कर देखें और रात को आराम करे। इस दिनचर्या से आपको स्वयं महसूस करने की जरूरत है। इसलिए रात को आराम करें तथा दिन में पढ़ें। पढ़ाई को अच्छी तरह से समझ भी पाएंगे.

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सारांश  

इस लेख में 8 तरीके बताया गया है जिससे पढ़ाई में रोज मन कैसे लगाएं जान सकते हैं। इस लेख में जो भी जानकारी दी गई हैं उस जानकारी को यदि अपने जीवन में लागू करते है तो आपके बच्चे का या एक छात्र है तो पढ़ाई में मन लगना शुरू हो जाएगा.

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