Operating system kya hai? आपको यहां पर ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि Operating System के बिना कंप्यूटर को ऑपरेट नहीं किया जा सकता हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर और एंड यूजर के बीच मध्यस्थता का काम करता हैं यानी कि ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का जान हैं.
इस लेख में ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी नीचे विस्तार से दी गई हैं आइए नीचे ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य क्या हैं ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता हैं ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रकार विशेषता ऑपरेटिंग सिस्टम का पूरा इतिहास जानते हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या हैं
चलिए हम लोग एक उदाहरण से समझते हैं की ऑपरेटिंग सिस्टम क्या हैं किसी भी व्यक्ति का शरीर हो और उसमें जान ना हो तो वह शरीर पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाता हैं ठीक वैसे ही कंप्यूटर हो और उसमेंऑपरेटिंग सिस्टम न हो तो कंप्यूटर का संचालन पूरी तरह से ठप हो जाता हैं.
इसलिए कंप्यूटर का जान यानी कि जीव आत्मा ऑपरेटिंग सिस्टम हैं जैसे शरीर में जीव यानी की आत्मा रहने पर ही शरीर किसी भी प्रकार के कार्य को अथवा अपने दैनिक संचालन को कर सकता हैं उसी प्रकार कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम के सहायता से कंप्यूटर को चालू किया जा सकता हैं. जीपीएस क्या हैं
Operating System kya hai
ऑपरेटिंग का मतलब होता हैं चलाने वाला और सिस्टम का मतलब होता हैं प्रणाली इसका मतलब कंप्यूटर चलाने वाला प्रणाली को ऑपरेटिंग सिस्टम कहते हैं जब तक किसी कंप्यूटर लैपटॉप डेस्कटॉप टैबलेट मोबाइल Operating System को इंस्टॉल ना कर दिया जाए तब तक यह सारे डिवाइस एक हार्डवेयर यानी लोहे के कबाड़ के समान ही रहते हैं जब इन सभी डिवाइस में ऑपरेटिंग सिस्टम को इंस्टॉल कर दिया जाता हैं.
तब यह सभी डिवाइस काम करना शुरू करते हैं जैसे मनुष्य का खूब सुंदर शरीर हो और उसमें आत्मा यानी जीव जान को भगवान के द्वारा ना डाला जाए तब तक शरीर का महत्व मिट्टी के समान हैं ठीक वैसे ही Operating System के बिना किसी भी प्रकार के डिवाइस जैसा कि लैपटॉप डेस्कटॉप कंप्यूटर टैबलेट मोबाइल का कोई महत्व नहीं रहता हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम का परिचय
जैसा कि हम सभी लोग किसी ना किसी प्रकार का डिवाइस जरूर उपयोग करते हैं जैसे कि एक स्मार्ट फोन टेबलेट या लैपटॉप कंप्यूटर उसमें हम लोग एंड्राइड विंडोज Operating System का भी नाम जरूर सुनते हैं यह जो ऐंड्रॉयड और विंडोज़ हैं यह एकऑपरेटिंग सिस्टम होता हैं. जिसको स्मार्टफोन या कंप्यूटर में इंस्टॉल किया जाता हैं.
किसी भी स्मार्टफोन में जब Operating System को डाला जाता हैं तभी वह स्मार्टफोन चालू होता हैं. जैसे किसी भी व्यक्ति के घर हम लोग जाते हैं और वहां पर जाकर के पहले दरवाजे पर अपना परिचय देते हैं ठीक वैसे ही किसी भी स्मार्टफोन या कंप्यूटर का परिचय ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ हैं शुरू होता हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य
ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य सबसे महत्वपूर्ण होता हैं क्योंकि जब किसी भी सिस्टम में Operating System को इंस्टॉल कर दिया जाता हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम ही सभी प्रकार के कार्यों को पूरा करता हैं. जैसा कि नीचे हम लोग एक एक करके ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य के बारे में जानेंगे.
1. मेमोरी मैनेजमेंट
मेमोरी का मतलब दिमाग होता हैं मैनेजमेंट का मतलब होता हैं व्यवस्थित करना जब किसी भी सिस्टम में ऑपरेटिंग सिस्टम को इंस्टॉल कर दिया जाता हैं उसके बाद उस सिस्टम में जब अन्य एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया जाता हैं.
तो Operating System के द्वारा मेमोरी प्रबंधन किया जाता हैं. जैसे हम लोग अपने दिमाग में बहुत सारे यादों को सहेज कर रखते हैं और समय-समय पर उसको साझा करते हैं.
ठीक वैसे ही ऑपरेटिंग सिस्टम अपने ही मेमोरी को मैनेज करता हैं और विभिन्न प्रकार के कार्यों को सिस्टम में प्रोसेस करता हैं और समय-समय पर उसको ट्रैक करते रहता हैं. ऑपरेटिंग सिस्टम एवं हार्डवेयर के बीच में कनेक्टिविटी होता हैं.
क्योंकि ऑपरेटिंग सिस्टम जब मेमोरी को मैनेज करता हैं तो उस समय उस सिस्टम में कितना मेमोरी यानी की रैम हैं उसके आधार पर उस सिस्टम के कार्य प्रणाली को व्यवस्थित करता हैं.
2. प्रोसेस मैनेजमेंट
प्रोसेस मैनेजमेंट का मतलब होता हैं कि जब कंप्यूटर में किसी प्रकार के काम को हम लोग प्रोसेस करते हैं या कंप्यूटर में किसी प्रकार की प्रोग्रामिंग को रन कराते हैं तो वहां ऑपरेटिंग सिस्टम एवं एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के द्वारा प्रोग्राम रन किया जाता हैं.
कभी-कभी कंप्यूटर में एक साथ 2 या उससे ज्यादा तरह के कार्य को प्रोसेस किया जाता हैं. उस समय ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टिप्रोसेसिंग का सुविधा प्रदान करता हैं जिससे सिस्टम में एक साथ मल्टी प्रोग्रामिंग को प्रोसेस किया जा सकता हैं
कंप्यूटर में जब एक साथ कई तरह के कार्य किया जाता हैं उस समय कंप्यूटर के जो ऑपरेटिंग सिस्टम होता हैं वह पूरी तरह से इन सभी कार्यों को कंट्रोल करके और उसको प्रोसेस करता हैं.
3. डिवाइस मैनेजमेंट
डिवाइस मैनेजमेंट का काम ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी डिवाइस के बारे में जानकारी प्राप्त करना होता हैं. इसे I/O कंट्रोलर के नाम से जानते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम यह डिसाइड करता हैं कि कब किस प्रोग्राम को कौन सी डिवाइस लोड की जाए तथा उसे कितने समय के लिए कार्य करने की क्षमता प्रदान किया जाए.
4. फाइल मैनेजमेंट
ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा ही सिस्टम में जितने भी फाइल होते हैं डायरेक्टरी होते हैं उन को व्यवस्थित करने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा ही किया जाता हैं. सिस्टम में ही जितने भी प्रकार के डायरेक्टरी फाइल फोल्डर होते हैं. .
उन सभी का रिसोर्सेज आवंटन करने का काम भी Operating System ही करता हैं. फाइल मैनेजमेंट सूचना स्थान यूजर और उनके स्टेटस के बारे में हर समय अपना नजर बनाए रखता हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किसी भी सिस्टम में जितने भी फाइल होते हैं उन फ़ाइल का आकार साइज और उसमें जो डाटा रखा हुआ हैं उसका साइज एवं उनके कार्य करने की क्षमता आदि को ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा ही मैनेज किया जाता हैं.
5. सिक्योरिटी मैनेजमेंट
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के सुरक्षा का भी ख्याल रखता हैं कंप्यूटर में जितने भी प्रकार के पासवर्ड या गोपनीय हैं डाटा फाइल फोल्डर एप्लीकेशन फोटो इमेज वीडियो आदि सभी प्रकार के डाटा में इस्तेमाल किए गए पासवर्ड को अनाधिकृत उपयोग से बचाता हैं तथा सुरक्षा प्रदान करता हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा ही सिस्टम ब्लॉक या अनलॉक करने के लिए जो भी पासवर्ड का यूजर के द्वारा इस्तेमाल किया जाता हैं उसको गोपनीय ही रखता हैं ऑपरेटिंग सिस्टम डाटा को पूरी तरह से सुरक्षित एवं पासवर्ड को गोपनीय रखता हैं.
6. कंप्यूटर सिस्टम के प्रदर्शन पर नियंत्रण
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के परफॉर्मेंस को भी नियंत्रित करता हैं इसीलिए ऑपरेटिंग सिस्टम को फुल ऑफ कंट्रोलर कहा जाता हैं कंप्यूटर का कार्य करने का पूरा जो सिस्टम होता हैं
ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही निर्भर करता हैं इसलिए समय से ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर यूजर को यह जानकारी उपलब्ध कराता रहता हैं कि कब Operating System को अपडेट करना हैं ताकि ऑपरेटिंग सिस्टम का परफॉर्मेंस सिस्टम का रिस्पांस बेहतर बना रहे.
7. जॉब अकाउंटिंग
जब कभी भी कंप्यूटर में इंटरनेट या नेटवर्क सुविधा को बाहर किया जाता हैं उस समय भी ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा कंप्यूटर को पूरी तरह से स्वीकृति प्रदान किया जाता हैं
यूजर के द्वारा जब इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार के कामों को किया जाता हैं जैसे नौकरी या किसी प्रकार के ज्ञान अथवा जानकारी प्राप्त करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता हैं उस समय भी ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा इन सभी कार्यों पर अपना नजर बनाए रखता हैं.
8. Error को डिटेक्ट करना
जब कभी भी कंप्यूटर सिस्टम में किसी भी प्रकार के दिक्कत समस्या आता हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम उस कंप्यूटर यूजर को error प्रदर्शित करता हैं Operating System के द्वारा सिस्टम में किसी भी प्रकार के error का पता चलता हैं तो उसको यूजर को कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से दिखाता हैं अथवा उसको डि बगिंग के माध्यम से रिसलभ करने का प्रक्रिया चालू करता हैं.
9. सारे सॉफ्टवेयर के साथ कोआर्डिनेशन
कंप्यूटर सिस्टम में जब किसी भी user के द्वारा काम किया जाता हैं उस समय उस कंप्यूटर सिस्टम में ढेर सारे सॉफ्टवेयर एक साथ काम करते हैं उन सभी सॉफ्टवेयर यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर के साथ coordination में बनाना पड़ता हैं
और यह सभी काम ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा ही किया जाता हैं जब किसी कंप्यूटर सिस्टम में किसी के द्वारा किसी प्रोग्राम को रन कराया जाता हैं उसका कंपाइलर इंटरप्रेटर असेंबलर के बीच में समन्वय बनाने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम ही करता हैं.
Types of Operating System in hindi
ऑपरेटिंग सिस्टम कई प्रकार के होते हैं जिसका इस्तेमाल अपने सिस्टम में अपने उपयोग के हिसाब से करता हैं आइए नीचे हम लोग Operating System के प्रकार के बारे में एक-एक करके जानते हैं.
1. सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम
इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समय में एक सिस्टम पर एक ही यूजर काम कर सकता हैं यानी कि एक कंप्यूटर पर एक से ज्यादा व्यक्ति एक समय में काम नहीं कर सकता हैं ऐसे Operating System को सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम कहते हैं.
2. मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम
मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समय में एक साथ एक कंप्यूटर पर एक से ज्यादा काम एक से अधिक यूजर के द्वारा किया जा सकता हैं यानी कि Operating System के प्रोग्राम का एक ग्रुप हैं जो कंप्यूटर पर किए जा रहे कामों का पूरी तरह से संचालन करता हैं. जैसे एक कंप्यूटर पर एक ग्रुप काम करता हैं जो कंप्यूटर में अलग-अलग तरह के कामों को करके पूरा करता हैं.
3. मल्टिप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम
मल्टिप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल बड़े-बड़े कंपनियों उद्योग तथा सरकारी कार्यालयों में किया जाता हैं क्योंकि इसमें एक साथ कई तरह के कामों को करने का क्षमता होता हैं इसमें एक साथ मल्टी टास्क को पूरा किया जा सकता हैं. यह एक नॉर्मल यूजर के लिए नहीं बना हैं इसका इस्तेमाल सुपर कंप्यूटर अथवा हाइब्रिड कंप्यूटर में किया जाता हैं.
4. बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम
बैच प्रोसेसिंग एक बहुत ही गुजरे जमाना का तकनीक हैं जिसके द्वारा एक साथ विभिन्न प्रोग्राम को एक्सक्यूट किया जाता हैं इसका उपयोग डाटा प्रोसेसिंग सेंटर पर कामों को एक्सक्यूट करने के लिए किया जाता हैं.
बैच प्रोसेसिंग Operating System में प्रत्येक यूजर अपने प्रोग्राम को ऑफलाइन तैयार करता हैं तथा अपने काम को पूरा करने के बाद उसे डाटा प्रोसेसिंग सेंटर पर जमा कर देता हैं बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में यूजर एवं प्रोसेस में कोई इंटरेक्शन नहीं होता हैं.
प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम
- विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम
- लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम
- यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम
- मैक ऑपरेटिंग सिस्टम
- आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम
- एमएस डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम
- एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम
- Ubuntu Operating System
ऑपरेटिंग सिस्टम का विशेषता
ऑपरेटिंग सिस्टम का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण विशेषता हैं कि यह निष्क्रिय पड़े हार्डवेयर डिवाइस को चलाने के लिए तैयार करता हैं ऑपरेटिंग सिस्टम प्राइमरी मेमोरी को ट्रैक करता हैं Operating System कंप्यूटर को सुरक्षा प्रदान करता हैं ताकि उस में इस्तेमाल किए गए पासवर्ड को कोई हैक न कर सकें.
कंप्यूटर में किए गए कार्यों का ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा रिकॉर्ड को रखा जाता हैं ताकि जरूरत पड़े तो उसका इस्तेमाल किया जा सके कंप्यूटर में जब भी किसी प्रकार का समस्या आता हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम उसको डिटेक्ट करता हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर हार्डवेयर के बीच समन्वय का काम करता हैं. ऑपरेटिंग सिस्टम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को कंट्रोल करता हैं. ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों को मैनेज करता हैं. ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में किए जा रहे सभी प्रकार के कार्यों पर अपना नजर बनाए रखता हैं.
कंप्यूटर में क्यों जरूरी हैं
आइए एक उदाहरण से समझते हैं यदि जमीन हैं और उस पर घर नहीं हैं ठीक वैसे ही एक कंप्यूटर हार्डवेयर हैं लेकिन उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं हैं तो ठीक वैसा ही जैसा की जमीन हैं लेकिन उसके घर नहीं बना हैं ठीक उसी प्रकार जब भी कंप्यूटर लैपटॉप खरीदा जाता हैं
तो सबसे पहले उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम को डलवाया जाता हैं क्योंकि ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना कंप्यूटर का कोई महत्त्व ही नहीं हैं. क्योंकि बिना ऑपरेटिंग सिस्टम पर कंप्यूटर ऑन नहीं हो सकता हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम एक नजर में
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या हैं इसके बारे में ऊपर कई तरह के उदाहरण देकर के इस पोस्ट में समझाया गया हैं अंत में ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जहां तक बात की जाए तो ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का सांस हैं. जब तक यह कंप्यूटर में रहेगा तब तक कंप्यूटर चलता रहेगा.
- लिनक्स क्या हैं
- सॉफ्टवेयर क्या हैं
- कंप्यूटर सिस्टम क्या हैं
- मैकिन्टौश कंप्यूटर क्या हैं
- विंडोज क्या हैंं
सारांश
इस लेख में ऑपरेटिंग सिस्टम क्या हैं इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में दी गई जानकारी आप लोगों को कैसा लगा कृपया कमेंट करके अपना राय जरूर दें.
और इस जानकारी को अपने दोस्त मित्रों के साथ साझा भी करें साथ ही साथ कंप्यूटर टेक्नोलॉजी इंटरनेट ऑनलाइन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप वेबसाइट को विजिट करते रहें और अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखें.
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