ऑनलाइन शांपिग क्या हैं और इसके फायदें

ऑनलाइन शांपिग जब से इंटरनेट का शुरुआत हुआ उसके बाद से ही सभी लोग लगभग हर काम इंटरनेट के जरिए करना शुरू कर दिए.

चाहे वह ऑनलाइन शॉपिंग करना हो डिजिटली किसी को पैसा ट्रांजैक्शन करना हो मोबाइल टीवी रिचार्ज का करना हो बिजली बिल भरना हो सब ऑनलाइन करना ही लोगों के लिए आसान हो गया हैं. पेटीएम से पैसे कैसे कमाए

ऑनलाइन शॉपिंग क्या हैं

डिजिटली शॉपिंग तो हर कोई वर्तमान में कर रहा हैं लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में भी जानना सबके लिए आवश्यक हैं वर्चुअल खरीददारी उसी को कहते हैं जो कि घर बैठे इंटरनेट के जरिए अपने मोबाइल से लैपटॉप से कंप्यूटर से अपने जरूरत के जो भी समान हैं उनका खरीदारी कर सकते हैं.

डिजिटल शॉपिंग करने के लिए घर से बाहर किसी भी मार्केट में दुकान पर जाने का कोई भी जरूरत नहीं हैं बल्कि घर बैठे बिना किसी मेहनत के अपने मोबाइल से एक क्लिक करके सीधे अपने घर पर मंगा लेंगे.

online shopping kya hai - ऑनलाइन शॉपिंग क्या हैं
इंटरनेट पर खरीददारी वेबसाईट की सूची
AmazoneFlipkart
SnapdealMeesho
JabangReliance Digital
Paytm MallShopclues
AjioMyntra

इसीलिए बहुत से लोग ऐसे हैं जो कि डिजिटल शॉपिंग ऐप से या ई-कॉमर्स वेबसाइट से ऑनलाइन कर रहे हैं. ई-कॉमर्स वेबसाइट पर कोई भी प्रोडक्‍ट जैसे कि घर में जो भी यूज़ करते है रसोई,ऑफिस, पहनने वाले कपड़े, ज्वेलरी हर तरह का चीज़ सस्ते दामों पर मिल जाएगा.

तो हम लोग यही कहेंगे कि इंटरनेट द्वारा जो चीज हम लोग खरीदेंगे उसी को डिजिटल खरीददारी कहा जाता हैं. ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए जो सबसे बड़े और आजकल सबसे पॉपुलर दुकान अमेजॉन, फ्लिपकार्ट,मिशो आदि बन गया हैं। यहां हर तरह का सामान सही मूल्य पर मिलता है।

वर्चुअल शॉपिंग का शुरुआत कब हुआ

डिजिटल शॉपिंग का शुरुआत जब से इंटरनेट का शुरुआत हुआ उसके बाद से ही धीरे-धीरे होने लगा लेकिन 1979 में एक अंग्रेज इनोवेटर और व्यवसायी माइकल एल्ड्रिच ने इंटरनेट पर खरीददारी का सुझाव लोगों के सामने रखा था जिसमें कि सबसे पहले वर्चुअल पेमेंट करने के बारे में उन्होंने कहा था.

1984 में टेस्ट स्कोर में पहली बार क्रेडिट डिजिटल पेमेंट किसी ग्राहक ने किया था लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए जो सबसे ज्यादा श्रेय जाता हैं वह वर्तमान समय में सबसे बड़ी और पॉपुलर ई कॉमर्स वेबसाइट अमेजॉन को. क्योंकि 1995 में अमेजॉन कंपनी ने किताबें वर्चुअली बेचने का जब शुरुआत किया.

उसके बाद डिजिटली खरीददारी करने के लिए लोगों के मन में धीरे-धीरे चाह होने लगा और अमेजॉन पर भी किताबों के बाद धीरे-धीरे इलेक्ट्रॉनिक वस्‍तु घरेलु सामग्री यह सारी चीजें ऑनलाइन बेची जाने लगी.

अमेजॉन से ऑनलाइन शॉपिंग होने के बाद तो कई डिजिटल वेबसाइट शुरू की गई और वर्तमान में लगभग आधे से अधिक लोग वर्चुअली माल ही खरीदते है। जब से कोरोनावायरस आया उसके बाद से तो बहुत ही कम लोग दुकान पर या मार्केट में जाना चाहते हैं। इसलिए उनके लिए ऑनलाइन खरीददारी बहुत ही इंपॉर्टेंट हो गया हैं.

ऑनलाइन क्या क्या खरीद सकते है

ई-कॉमर्स बेवसाइड जिसे ई वाणिज्य भी कहा जाता हैं यहां दुनिया में जितने भी जरूरत के समान चाहिए वह मिल जाएंगे। घरेलू सामान, किचन यूज होने वाला बर्तन, गैस चूल्हा, इलेक्ट्रॉनिक वस्‍तु, बच्चों के कपड़े, बड़ों के कपड़े, फर्नीचर आदि। कुछ ही दिनों पहले तो डिजिटली दवाइयां भी मिलनी शुरू हो गई हैं.

जब से कोरोनावायरस आया उसके बाद तो जितने भी स्कूल थे वह बंद हो गए तो बच्चों के लिए इंटरनेट पर क्लासेज भी शुरू हो गए जितने भी ऑफिस थे वह सारे बंद हो गए तो उस ऑफिस के जितने भी एंप्लोई हैं वह सभी घर से ही डिजिटली अपना जो काम है वह करने लगे अगर किसी को कहीं जाना है.

तो उसके लिए भी स्टेशन पर जाकर टिकट बुक करवाने का जो परेशानी होता था वह नहीं करना पड़ता हैं घर बैठे ही ट्रेन का एरोप्लेन का टिकट बुक कर लिया जाएगा.

वर्चुअली अगर कोई चाहे तो मूवीज देख पाएंगे। किसी भी तरह का बुक पढ़ सकेंगे। कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गेम खेल सकेंगे। ऑनलाइन बहुत सारी सुविधाएं लोगों को मिल रही हैं। लोग इस सुविधा का फायदा भी बहुत उठा रहे हैं.

ऑनलाइन शॉपिंग कैसे होता हैं 

ई-कॉमर्स जिसे के ऑनलाइन शॉपिंग भी कहा जाता हैं इसमें खरीददारी करने के लिए लोगों को बहुत सारी सुविधाएं या कई तरह के डिस्काउंट भी मिलते हैं.

वर्चुअल शॉपिंग में एक सेलर होते हैं जो कि अपना वस्‍तु या कोई भी किसी भी तरह का प्रोडक्ट इंटरनेट पर बेचने के लिए डाल देते हैं और जो लोग अपने मोबाइल लैपटॉप कंप्यूटर पर देखकर इंटरनेट के माध्यम से डिजिटली खरीदेंगे उनको Buyer कहते हैं.

तो Buyer अपना सामान ऑनलाइन पर देखकर आर्डर करके पेमेंट कर देता है। उसका माल कुछ निश्चित समय के बाद ई-कॉमर्स के तरफ से दिया जाता है। उसके बाद Buyer के घर प्रोडक्‍ट मिल जाता हैं.

कई लोग वर्चुअली साम्रागी खरीदेंगे, तो उसी समय अपने क्रेडिट कार्ड डेबिट, कार्ड से पेमेंट कर देंगे या कोई वस्‍तु आने के बाद पेमेंट करता है.

ऑनलाइन शॉपिंग से क्या फायदा हैं

  • डिजिटल खरीददारी करने के लिए घर से बाहर मार्केट में नहीं जाना पड़ता घर बैठे ही हो जाता हैं.
  • डिजिटली अगर कोई पुराना प्रोडक्‍ट बेचना भी कोई चाहेगा तो उसके लिए भी सुविधा हैं क्योंकि कई ऐसे साइट्स हैं जैसे कि OLX पर कई लोग अपना पुराना प्रोडक्‍ट बेच पाएंगे और खरीदने वाला जो भी व्यक्ति चाहता हैं वह खरीद लेता हैं.
  • कई बार किसी सामान को खरीदने के लिए कई दुकानों पर घूमना पड़ता है फिर भी वह प्रोडक्‍ट नहीं मिलता हैं लेकिन वर्चुअल शॉपिंग में यह फायदा हैं कि कहीं जाना नहीं पड़ता है और हर तरह का सामान मिलता हैं.
  • 24 घंटे खुला रहता हैं और वही प्रोडक्‍ट अगर दुकान पर खरीदना हो तो उसके खुलने का इंतजार करना पड़ता हैं.
  • आजकल तो त्योहारों का सीजन चल रहा हैं तो इंटरनेट पर शॉपिंग करने पर कई तरह के डिस्काउंट ऑफर भी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर मिल जाएगा

ऑनलाइन शॉपिंग के नुकसान

वर्तमान समय में खरीददारी करने के लिए किसी भी मोबाइल टीवी आदि का रिचार्ज करने के लिए बिजली बिल भरने के लिए सबसे अच्छा प्लेटफार्म डिजिटली हो गया है अगर किसी को डॉक्टर के पास भी दिखाना है तो उसके लिए घंटो लाइन में नहीं लगना पड़ता है

घर बैठे ही इंटरनेट पर रजिस्ट्रेशन के द्वारा आसानी से दिखाया जा सकता है वैसे ही ऑनलाइन शॉपिंग लोगों के लिए बहुत ही बेहतर साबित हुआ है क्योंकि डिजिटल शॉपिंग करने से समय का बचत होता है और आसानी से घर बैठे सामान मिल जाएगा. लेकिन वर्चुअल खरीददारी करने से कुछ नुकसान भी होता है.

Disadvantages of Online Shopping

  • कई बार ऐसा होता है कि दुकान पर जो प्रोडक्‍ट कम दामों पर मिलता है वही सामान डिजिटली लेने पर उसमें शिपिंग चार्ज जोड़ करके महंगा मिलता है कई प्रोडक्‍ट पर डिलीवरी चार्ज जोड़ दिया जाएगा. जिससे कि ऑफलाइन मंगाने से ज्यादा नुकसान वर्चुअली मंगाने पर हो जाता है। 
  • इंटरनेट से सामान मंगाने से यह भी नुकसान है कि कोई भी समान समय से नहीं मिलता है अगर कोई भी प्रोडक्‍ट डिजिटली ऑर्डर करते है तो 6 दिन 7 दिन इंतजार करने के बाद ही मिलता है लेकिन वही समान अगर दुकान से लिया जाए तो तत्काल उसी समय उपलब्ध हो सकता है 
  • दुकान पर अगर किसी प्रोडक्‍ट को खरीदा जाता है तो उसको अच्छे से देख कर जांच परख कर लिया जाता है लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग करने पर जब तक सामान घर पर नहीं आ जाता उसको देखा नहीं जा सकता है। 
  • ऑनलाइन खरीददारी से किसी भी तरह का कपड़ा खरीदने पर अधिकतर परेशानी हो जाता है क्योंकि मोबाइल पर या लैपटॉप पर कपड़ा देखने में तो अच्छा लगता है लेकिन जब वह घर पर आता है तो दूसरे तरीके का रहता है इसलिए परेशानी होती है उसको रिटर्न करना पड़ता है लेकिन अगर दुकान पर से लिया जाए तो उस कपड़ा को छू कर के अच्छे से देख कर के खरीदा जा सकता है।

ऑनलाइन शॉपिंग में समान सस्ता क्यों मिलता हैं

कई बार हम लोग देखते है कि जो प्रोडक्‍ट हम दुकान पर से खरीद कर लाते है उसके मुकाबले डिजिटल शॉपिंग करने में सामान सस्ते दामों पर मिल जाता हैं तो हम यह नहीं समझ पाते है कि यह सामान ऑनलाइन शॉपिंग में सस्ता कैसे मिल जाता है.

तो इसका यह रीजन हैं कि दुकान पर तो जो प्रोडक्‍ट खरीदते है वह दुकानदार अपने दुकान का बिजली बिल उस दुकान का जो वह रेंट दे रहा हैं वह सारी चीजें उस प्रोडक्‍ट में जोड़ करके ग्राहक से लेता है.

लेकिन वर्चुअली खरीददारी में किसी भी तरह का कोई दुकान नहीं होता है किसी भी तरह का कोई रेंट नहीं देना पड़ता हैं जो व्यक्ति डिजिटली प्रोडक्‍ट बेचता है वह बस घर बैठे अपना प्रोडक्‍ट इंटरनेट पर डाल देता है तो इसलिए डिजिटली सामान खरीदने पर सस्ता पड़ता है.

सारांश

ऑनलाइन शॉपिंग करना लोगों के लिए एक बहुत ही अच्छी सुविधा हो गई हैं जिसे कि घर से बाहर नहीं जाना पड़ता हैं और कोरोनावायरस में तो प्रोडक्‍ट खरीदने के लिए एक ही विकल्प लोगों के सामने रह गया था वह था ऑनलाइन शॉपिंग करना.

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