होम साइंस क्या हैं अर्थ, परिभाषा व महत्‍व

होम साइंस की जानकारी। खाना तो हर कोई बनाता हैं. परिवार हर कोई चलाता है. लेकिन इसको सही ढंग से चलाने की कला हर किसी को सीखना जरूरी है. जिससे की गृह विज्ञान यानी कि होम साइंस द्वारा सीखा जाता हैं.

पहले लोगों का यह मानना था कि होम साइंस  सिर्फ महिलाओं के लिए जरूरी है. क्योंकि महिलाओं को खाना बनाना हैं. बच्चों का पालन पोषण, उनका ध्यान रखना, सिलाई कढ़ाई करना होगा, तो उनके लिए गृह विज्ञान की जानकारी आवश्यक है. लेकिन आजकल लगभग हर पति पत्नी मिलकर कार्य बहुत ही समन्वयक के साथ करते हैं. 

आजकल हर महिलाएं और पुरुष दोनों बाहर जाकर नौकरी करते है इसलिए घर का काम भी हर कोई मिलकर ही करता हैं.

होम साइंस क्या है

होम साइंस विज्ञान का ही एक शाखा है. इसमें जीवन के हर पहलू से संबंधित कला को सिखाया जाता है. जैसे कि घरेलूकार्य परिवार को कैसे संभालना हैं. बच्चों को कैसे संभालना है. कौन-कौन से संस्कार है खाना बनाने की पूरी जानकारी दिया जाता हैं. आवास पर किस सामान को किस तरह से व्यवस्थित ढंग से रखा जाता है.

आदि कला को गृह विज्ञान द्वारा सिखा जाता है. इसीलिए इसको सामाजिक विज्ञान भी कहा जाता है. क्योंकि व्यक्ति को समाज और घर में रहने के लिए जो भी आवश्यकता है. घर परिवार को किस तरह से व्यवस्थित ढंग से रखना है. होम साइंस  का पढ़ाई करने के बाद ही सही तरीके से जाना जा सकता है.

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गृह विज्ञान एक ऐसा विषय हैं. जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति को एक सुनियोजित व्यवस्थित तरीके से परिवारिक जीवन को यापन करने के लिए परिवारिक जीवन को सुख पूर्वक रखने के लिए ज्ञान प्राप्त होता हैं.

गृह विज्ञान का अर्थ

होम साइंस  का हिंदी में अर्थ गृह विज्ञान होता हैं. यह दो शब्दों से मिलकर बना हैं. पहला गृह जिसका अर्थ घर होता हैं. विज्ञान का अर्थ विज्ञान यानी कि घर का विज्ञान इसका शाब्दिक अर्थ होता हैं.। 

खाना तो बना कर हम कोई भी चीज खा सकते हैं. लेकिन किसी भी व्यक्ति के शरीर को स्वस्थ, सुदृढ़ बनाये रखने के लिए पोषक तत्वों का जरूरत होता हैं. किसी भी शरीर के लिए क्या-क्या पोषक तत्व उपयोगी होगा, जानना एक कला हैं। इस कला को होम साइंस द्वारा सीखा जा सकेगा.।

गृह विज्ञान का परिभाषा

किसी के परिवारिक जीवन में सैद्धांतिक और व्यावहारिक रूप से सुख सुविधाओं में विकास करना आवास परिवार को व्यवस्थित ढंग से रखना गृह विज्ञान द्वारा सीखा जा सकता हैं. इसीलिए होम साइंस  को सामाजिक विज्ञान नाम से भी जाना जाता हैं. वैसे कई वैज्ञानिक ने इसको कई तरह से परिभाषित किया हैं. जैसे कि

किसी वैज्ञानिक द्वारा होम साइंस, विज्ञान शास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान बच्चों के सही तरीके से परवरिश करना मानव का विकास करना घर के अंदर साज सज्जा सही बनाए रखना व व्यवस्थित तरीके से निर्माण करने वाला विज्ञान हैं.।

इनदिनों महिलाएं और पुरुष दोनों मिलकर घर परिवार संभाल रहे हैंं अपनी जिम्मेदारियों को बराबर बराबर बांट करके सुव्यवस्थित तरीके से अपना कार्य कर रहे हैंं इसलिए महिलाएं और पुरुष दोनों को गृह विज्ञान का नॉलेज होना जरूरी हो गया हैं.।

होम साइंस का महत्व

किसी भी कार्य को करने के लिए उस कार्य का महत्व भी समझना जरूरी हैं. घर में हजार तरह का सामान रखा जा सकता हैं. लेकिन उस सामान को व्यवस्थित ढंग से रखना एक कला होता हैं. बच्चों का पालन पोषण हर कोई करता हैं. लेकिन पालन पोषण सुव्यवस्थित तरीके से किया जाना एक तरह का कला हैं.

आवास में हर सामान को मैनेज करके रखना खाना स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाना एक कला हैं. यह कला होम साइंस  में बहुत ही अच्छे से सिखाया जाता हैं. तो हर किसी के जीवन के लिए होम साइंस का नॉलेज बहुत जरूरी हैं. 

समय का बचत

होम साइंस  का नॉलेज होने से समय और धन दोनों का बचत होता हैं. घरेलू कार्यों को कम समय में बहुत ही व्यवस्थित तरीके से पूर्ण करके कुछ धन का भी संचय किया जा सकेगा. घरेलू जो भी संसाधन उपलब्ध हैं. उसका समुचित ढंग से घर में जो भी खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं. उसको अपने हर सदस्य को पौष्टिक स्वादिष्ट और संतुलित भोजन बनाकर खिलाया जा सकेगा. उससे परिवार को एक स्वस्थ जीवन मिल पाएगा.

नौकरी और व्यवसाय द्वारा धन अर्जित

पहले लोगों को यह लगता था कि होम साइंस का पढ़ाई सिर्फ घर के कामों के लिए ही जरूरी हैं. लेकिन आजकल होम साइंस नॉलेज से कई तरह की नौकरी भी कर सकते हैं. अपना व्यवसाय कर सकते हैंं जिससे कि बहुत ही ज्यादा धन अर्जित किया जा सकता हैं. और अपने परिवार तथा बच्चों का रहन सहन उच्‍च स्तर में कर सकते हैं. आवास में जो भी अनुपयोगी वस्तुएं हैं. उसको उपयोगी बनाकर धन का संचय किया जा सकता हैं.।

परिवार का उचित देखभाल

कई बार ऐसा होता हैं. कि कोई अपने परिवार का उचित देखभाल करना चाहता हैं. उन्हें स्वस्थ रखना चाहता हैं. लेकिन उसकी पूरी जानकारी नहीं रहती हैं. जिससे कि वह नहीं कर पाते हैंं लेकिन अगर होम साइंस का नॉलेज हो तो अपने परिवार में अगर कोई अस्वस्थ व्यक्ति हैं. तो उसका देखभाल उपचार उसका सही पोषण देकर किया जा सकता हैं.।

पर्व त्योहारों में सजावट करना

जब भी हमारे घर में शादी, जन्मदिन, पर्व-त्योहार होते है तो विशेष सजावट करने के लिए बाहर से डेकोरेशन करने वाले को बुलाया जाता हैं. जिसमें कि बहुत सारा पैसा खर्च हो जाता है. लेकिन अगर होम साइंस का पढ़ाई किए हो उसका कोर्स किए हो तो साज सज्जा खुद ही करके पैसों का बचत भी कर सकते हैंं।

होम साइंस का परिवारिक जीवन के लिए महत्व

अपने परिवार में हर सदस्यों के लिए हर मौसम का वस्त्र तैयार करना भी एक बहुत बड़ा कला है. जिसको होम साइंस के ज्ञान से बहुत ही आसानी से किया जा सकता है. हर मौसम का अलग-अलग कपड़ा खुद से ही उपलब्ध कराया जा सकता है.

गृह विज्ञान का लक्ष्य

किसी भी चीज का नॉलेज प्राप्त करना किसी भी सब्जेक्ट का एक लक्ष्य होता है. कि जो नॉलेज प्राप्त कर रहा है. उसको उस विषय में दक्ष करना उसके माध्यम से उस लक्ष्य को प्राप्त कर सके। गृह विज्ञान का नॉलेज होने से परिवारिक जीवन में कई सर्वांगीण विकास किया जा सकता है.

जैसे कि अगर घर में ही संसाधन उपलब्ध है. तो उसको अपने परिवार के आवश्यकता अनुसार आसानी से व्यवस्थित किया जा सकता हैं. होम साइंस की पढ़ाई करने के बाद कई तरह का स्वरोजगार भी मिलने लगे है. 

अगर किसी को घरेलू परिवारिक समस्या है. तो उसको भी आसानी से हल किया जा सकता है. समाज में रहने के लिए सामाजिक संबंध बनाए रखने के लिए सामाजिक ज्ञान होना जरूरी है. तो होम साइंस  में यह भी पढ़ाया जाता है, कि किस तरह से सगे संबंधियों के साथ मधुर संबंध बना सकते हैंं जिससे कि समाज में उस व्यक्ति का स्थान ऊंचा रहे इमानदारी सरलता सौम्यता के साथ समाज में रहे

गृह विज्ञान सब्जेक्ट का शुरुआत

18 वीं शताब्दी में अमेरिका के स्कूलों में छात्राओं को सिलाई कढ़ाई आदि की शिक्षा का शुरुआत हुआ लेकिन सबसे पहले 1840 में घरेलू अर्थव्यवस्था के नाम से एक सब्जेक्ट कैथरीन  ई० विवर ने शुरू किया लेकिन गृह विज्ञान को आगे बढ़ाने में इसका विकास करने में अमेरिका के लैंड ग्रांट कॉलेज का बहुत ही ज्यादा योगदान है.

19वीं शताब्दी में अमेरिका के शिकागो शहर की रहने वाली श्रीमती एच एल रिचार्ड ने गृह विज्ञान को हर किसी के परिवारिक जीवन में महत्त्व रखने वाला विज्ञान के रूप में प्रकाशित किया और उन्होंने रम्फोर्ड किचन की स्थापना शिकागो में किया। 

होम साइंस  इकोनॉमिक्स एसोसिएशन की स्थापना 1909 में अमेरिका में की गई जिसके बाद इसको एक व्यापक विषय के रूप में पहचान मिल गई और हर शिक्षण संस्थानों में इस विषय का पढ़ाई होने लगा भारत में 1882 में महिलाओं को अपने आप में आर्थिक रूप से कार्य करके स्वावलंबी बनाने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया और यह कार्य ब्रह्म समाज के एक नेता की पुत्री और रविंद्र नाथ टैगोर की एक बहन स्वर्णकुमारी देवी ने शुरू किया था।

इसी तरह 1910 स्वर्ण कुमारी देवी की एक पुत्री सरला देवी चौधुरानी ने महिलाओं को घरेलू कार्यों में दक्ष करने के लिए अपने घर पर ही शिक्षा देने का अभियान चलाना शुरु किया। वैसे होम साइंस के जनक अरस्तु को जाना जाता है. क्योंकि उन्हीं के समय इसका विकास हुआ।

गृह विज्ञान में जॉब अपॉर्चुनिटी

होम साइंस को घरेलू व सामाजिक विज्ञान के नाम से जाना जाता है. तो लोगों को यही लगता है. कि यह सिर्फ घर संभालने वालों के लिए ही उपयोगी विषय है. लेकिन गृह विज्ञान में जॉब अपॉर्चुनिटी भी बहुत ज्यादा है. इससे अगर कोई ग्रेजुएशन करता है. या पोस्ट ग्रेजुएशन करता है. तो कई क्षेत्रों में उसके लिए जॉब मिल सकता है. जैसे कि

  • ड्रेस डिजाइनर 
  • इंटीरियर डेकोरेटर
  • टीचर 
  • महिला बाल विकास अधिकारी 
  • न्यूट्रीशनिस्ट
  • फूड टेक्नोलॉजिस्ट
  • मैनेजर
  • रेडियो टीवी कलाकार
  • हाउसकीपिंग 
  • टूरिस्ट रिसॉर्ट
  • रिसोर्स मैनेजमेंट आदि

गृह विज्ञान से कोर्स करने के लिए भारत में कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालय है जहां से पढ़ाई करके अपना बहुत ही बेहतर कैरियर बनाया जा सकता है.

  • एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय मुंबई
  • लेडी इरविन कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय
  • वनस्थली विश्वविद्यालय राजस्थान
  •  गृह विज्ञान विभाग कोलकाता विश्वविद्यालय
  •  गृह विज्ञान महाविद्यालय निर्मला निकेतन मुंबई
  •  गवर्नमेंट होम साइंस कॉलेज पंजाब यूनिवर्सिटी

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सारांश

गृह विज्ञान हर व्यक्ति विशेष के लिए महत्वपूर्ण है. जिससे कि आसानी से जीवन निर्वहन किया जा सकता हैं. इसमें शरीर विज्ञान गृह प्रबंध विज्ञान वस्त्र विज्ञान आदि की पढ़ाई होती हैं. होम साइंस गृह विज्ञान की सम्‍पूर्ण जानकारी दी गई हैं।

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