जीएसटी क्या हैं, जीएसटी नम्‍बर किसे लेना चाहिए?

जीएसटी क्या हैं GST kya hai? भारत में पहले अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग तरह का टैक्स होता था. लेकिन इसको एक जैसा टैक्स बनाने के लिए एक देश एक टैक्स सिस्टम को लागू करने के लिए 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया गया.

जिसके बाद से टैक्स प्रत्यक्ष रूप से एक देश और एक सामान्य तरह का टैक्स पूरे देश में लागू हो गया.

जीएसटी को लागू करने के लिए सरकार के द्वारा कानून में संशोधन करके इस अप्रत्यक्ष प्रणाली को लागू किया गया इसके लिए भारतीय संविधान में भी संशोधन करना पड़ा था के बारे में पूरी जानकारी पाएं.

जीएसटी क्या हैं What is GST in hindi

किसी भी वस्तु, समान या सेवा पर लगने वाले टैक्स को जीएसटी टैक्‍स के नाम से जाना जाता हैं. जैसे यदि किसी भी वस्तु को खरीदा जाता हैं बेचा जाता हैं तो उसके जो भी टैक्स कर को वसूल किया जाता हैं सरकार के द्वारा उसको जीएसटी के नाम से जाना जाता हैं.

जीएसटी लागू होने से पहले भारतीय टैक्स प्रणाली जो था वह हर एक वस्तु के लिए हर जगह के लिए अलग-अलग तरह से अलग-अलग टैक्स प्रणाली का उपयोग किया जाता था. लेकिन जब से जीएसटी लागू हुआ हैं तब से एक देश और एक टैक्स व्यवस्था को लागू किया गया हैं. जीएसटी के द्वारा जिन वस्तुओं व सेवाओं के लिए टैक्स लगाया जाता हैं

उसमें उसका दर 0% पांच परसेंट 12 परसेंट 18 परसेंट और जो अन्य कीमती सामान हैं या जो पत्थर हैं उस पर जीरो पॉइंट 25 परसेंट तथा सोने तथा और कुछ विशेष चीजों पर तीन परसेंट की दर हैं.

GST kya hai in hindi

जीएसटी का फुल फॉर्म

Gst Ka Full Form:- Goods Services Tax जीएसटी का फुल फॉर्म गुड्स सर्विसेज टैक्स होता हैं. टैक्स से संबंधित जितने भी तरह के नियम कानून का पूरी जिम्मेदारी भारत के वित्त मंत्री का होता हैं जो कि वस्तु एवं कर सेवा के अध्यक्ष वित्त मंत्री ही होते हैं.

 भारतीय टैक्स प्रणाली में आप किस तरह से टैक्स को लागू किया गया हैं जीएसटी का फुल फॉर्म क्या होता हैं इस तरह का सवाल आप सर्च करते हुए इस पोस्ट पर आए हैं तो यहां पर जीएसटी और जीएसटी से संबंधित पूरी जानकारी इस लेख में आपको नीचे विस्तार से मिलने वाला हैं.

GST in hindi

सीजीएसटी क्या हैं

CGST का फुल फॉर्म होता हैं सेंट्रल गुड एण्ड सर्विस टैक्स. सीजीएसटी टैक्स जब किसी वस्तु सेवा को राज्य के भीतर आपूर्ति किया जाता हैं तब सीजीएसटी टैक्स को लागू किया जाता हैं जो कि केंद्र सरकार को दिया जाने वाला टैक्स होता हैं.

यानी कि जब कोई व्यवसायी अपने राज्य में ही किसी दूसरे व्यापारी से सामान या कोई सेवा लेता हैं तो इस तरह के जो लेन-देन होता हैं उसके लिए केंद्र सरकार को सीजीएसटी टैक्स को देना पड़ता हैं. 

एसजीएसटी क्या हैं

SGST का फुल फॉर्म स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स होता हैं. जब किसी वस्तु सेवा को राज्य के अंदर खरीदा या बेचा जाता हैं तो राज्य सरकार को एसजीएसटी टैक्स देना पड़ता हैं एसजीएसटी टैक्स राज्य सरकार के टैक्स में जाने वाला एक जीएसटी टैक्स होता हैं.

आईए एक उदाहरण से समझते हैं जब एक व्यापारी अपने ही राज्य में किसी दूसरे व्यापारी से किसी तरह का सर्विस या वस्तु को खरीदता हैं तो इस तरह के जो व्यापार होते हैं उस पर राज्य सरकार को एसजीएसटी टैक्स देना पड़ता हैं.

आईजीएसटी क्या हैं

IGST का फुल फॉर्म इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स होता हैं आईजीएसटी टैक्स तब देना पड़ता हैं जब दो अलग-अलग राज्यों के बीच किसी भी तरह के खरीद बिक्री या सेवा का इस्तेमाल किया जाता हैं.

तब उस पर आईजीएसटी टैक्स यानी कि इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स देना पड़ता हैं आईजीएसटी को हिंदी में इंटीग्रेटेड एकीकृत टैैैक्‍स कहते हैं आईजीएसटी का जितना भी टैक्स होता हैं वह केंद्र सरकार को जाता हैं.

आईजीएसटी में जितना भी टैक्स सरकार को जाता हैं उसमें केंद्र सरकार का हिस्सा और राज्य सरकार का हिस्‍सा दोनों सेंट्रल गवर्नमेंट के पास ही जाता हैं बाद में उसको आधा हिस्‍सा सेंट्रल गवर्नमेंट के पास रख लिया जाता हैं और जो और हिस्सा होता हैं.

उसे राज्य सरकार को दे दिया जाता हैं आईजीएसटी का पूरा जो अधिकार होता हैं वह केंद्र के पास होता हैं जब किसी दूसरे देश से किसी तरह का प्रोडक्ट या सर्विस पर टैक्स लिया जाता हैं तो उस तरह के जो टैक्स होते हैं  वे केंद्र सरकार के पास जाते हैं.

GST नम्‍बर किसे लेना पड़ता हैं

भारत में किसी भी प्रकार के व्यापार करने के लिए चाहे वह छोटा व्यापार हो या बड़ा व्यापार हो उसके लिए जीएसटी का पंजीकरण कराना पड़ता हैं लेकिन यदि आप छोटा व्यापारी हैं आप जीएसटी के जो नियम कायदे हैं उसके अंदर नहीं आते हैं तो आपको जीएसटी नम्‍बर लेने की जरूरत नहीं हैं जिस व्यापार में आप वर्ष में ₹2000000 से अधिक का कारोबार करते हैं तब आपको जीएसटी लेना अनिवार्य हैं.

यदि किसी का कारोबार छोटा हैं और और उसका टर्नओवर जीएसटी के दायरे से कम हैं तो वैसे कारोबार के लिए जीएसटी नहीं लेना पड़ता हैं लेकिन यदि आप किसी भी तरह का व्यापार करते हैं.

तो आपको जीएसटी लेना चाहिए इससे आपको बहुत फायदा हैं आपके व्यापार में किसी भी तरह का दिक्कत नही आएगा। इस लिए सबसे जरूरी हैं कि आप जीएसटी का पंजीकरण करा लें और जो भी माल खरीदते हैं बेचते हैं उसका विवरण जीएसटी के माध्यम से ऑनलाइन समय से जमा करते रहें.

GST के लिए पंजीकरण कैसे करें

यदि जीएसटी नंबर लेना चाहते हैं जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना चाहते हैं तो आप GST के वेबसाइट पर जाकर के पंजीकरण स्वयं कर सकते हैं यदि आपको जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाता हैं उसके बारे में जानकारी नहीं हैं तो आप चार्टर्ड अकाउंटेंट से संपर्क कर सकते हैं और उनके द्वारा आप जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

साराशं

GST kya hai पूरी जाकनारी दी गई हैं

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