50+ Top गूगल रैंकिंग फैक्टर्स पूरी जानकारी

गूगल के रैकिंग फैक्‍टर क्या हैंं। 50 Google Ranking Factors in hindi एक ब्लॉगर के लिए सबसे जरूरी है कि वह अपने ही ब्लॉग को गूगल में रैंक करें लेकिन जब तक आप गूगल के रैकिंग फैक्‍टर के बारे में नहीं जानते तब तक आप अपने ब्लॉग पोस्ट को गूगल में रैंक नहीं करा सकते हैं.

इसलिए गूगल के जितने भी महत्वपूर्ण रैकिंग फैक्‍टर हैं उसके बारे में जानकारी रखना बहुत ही जरूरी है.गूगल के रैकिंग फैक्‍टर एक ब्लॉग पोस्ट को रैंक कराने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

क्योंकि जब तक आप गूगल के जितने भी रैकिंग फैक्टर को समझेंगे नहीं उसको फॉलो नहीं करेंगे उसके हिसाब से काम नहीं करेंगे तब तक एक ब्लॉग को गूगल में रैंक कराना काफी मुश्किल है यदि आप भी के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख में आपको गूगल के 56 रैकिंग फैक्‍टर के बारे में जानकारी दिया गया है.

गूगल रैकिंग फैक्‍टर इन हिन्‍दी

जिससे असानी से ब्लॉग पोस्ट को गूगल में रैंक करा सकते हैं तथा आप अपने वेबसाइट को गूगल के रैकिंग के हिसाब से तैयार कर सकते हैं जिससे आपका सभी पोस्ट गूगल में रैंक करना आसान हो जाएगा.

चाहे आप कितना भी कुछ भी कर ले लेकिन जब तक आप गूगल के हिसाब से काम नहीं करेंगे गूगल के रैकिंग फैक्‍टर के बारे में जानकारी नहीं प्राप्त करेंगे तब तक आप एक सफल ब्लॉगर नहीं बन पाएंगे तो आइए नीचे हम लोग गूगल के 56 रैकिंग फैक्‍टर के बारे में जानते हैं.

Google ranking factors in hindi

Domain Age

किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग को गूगल में रैंक कराने के लिए गूगल सबसे पहले उस डोमिन का कितना आयु है इसको भी जांच करता है. एक पुराना डोमिन के तुलना में एक नया डोमिन को गूगल बहुत जल्द रैंक नहीं कराता है.

इसलिए सबसे जरूरी है कि आप अपने डोमिन को 3 महीना पुराना होने दे उसके बाद यदि अच्छे से काम करेंगे तो आपका वेबसाइट भी गूगल में रैंक करेगा.

Domain Registration

जब एक नया डोमिन खरीदा जाता है तब उस डोमिन को कितना दिन के लिए खरीदा गया है यह भी गूगल के द्वारा देखा जाता है क्योंकि गूगल एक लंबे समय के लिए रजिस्टर्ड किया गया डोमिन को ज्यादा पसंद करता है क्योंकि गूगल को उस पर ज्यादा विश्वास रहता है कि इस डोमिन को लंबे समय के लिए रजिस्टर्ड किया गया है.

यदि डोमिन को गूगल में रैंक कराया जाता है तो उसके यूजर के लिए किसी प्रकार का कोई बुरा इंपैक्ट नहीं होगा. इसलिए अपने डोमिन को कम से कम अगले 2 साल के लिए जरूर खरीदना चाहिए इससे गूगल के रैकिंग में काफी अच्छा परिणाम प्राप्त होता है.

Domain Authority

डोमिन अथॉरिटी गूगल का बहुत ही महत्वपूर्ण फैक्टर है क्योंकि इससे गूगल को पता चलता है कि आपके डोमिन के लिए कितने वेबसाइट के द्वारा Do Follow link दिया गया है जिससे आपके डोमिन का अथॉरिटी बढ़ता है. तथा गूगल के नजर में एक सकारात्मक संदेश प्राप्त होता है.

वैसे गूगल को डोमिनो अथॉरिटी से कोई खास लेना-देना नहीं है लेकिन गूगल एक वेबसाइट को रैंक कराने के लिए यह जरूर देखता है कि उस डोमिन को कितने High authority डोमिन के द्वारा Dofollow link दिया गया है जिससे उस डोमिन का प्रसिद्धि तथा उस पर विश्वास गूगल के नजर में बेहतर होता है.

इसलिए सबसे जरूरी है कि आप अपने वेबसाइट के लिए दूसरे जो अच्छे वेबसाइट हैं जिनका डोमिनो अथॉरिटी बहुत ज्यादा है वैसे वेबसाइट से डू फॉलो लिंक बनाना चाहिए.

Page Authority

जब किसी भी ब्लॉग पोस्ट को लिखा जाता है और उसको गूगल में रैंक कराया जाता है उस समय गूगल उस Page Authority को भी जांच करता है.

पेज अथॉरिटी को जांचने के लिए भी गूगल के द्वारा उस पेज के लिए बनाए गए बैकलिंक्स को ही जांच करता है तो इसलिए जब भी आप कोई ब्लॉग पोस्ट लिखें तब उस पोस्ट के लिए डू फॉलो बैकलिंक्स के साथ-साथ नो पोलो बैकलिंक्स भी बनाए जिससे उस पोस्ट का Authority बेहतर हो सके.

Domain Quality

जब भी एक नया डोमिन खरीदे उस समय उस डोमिन का क्वालिटी भी जरूर ध्यान में रखें क्योंकि इससे भी गूगल के रैकिंग में आपको एक बेहतर क्वालिटी डोमिन पर बेहतर रैकिंग प्राप्त कर सकते हैं.

  • जब भी आप कोई नया डोमिन खरीदे उस समय उस डोमिन का क्वालिटी अच्छा रखें.
  • डोमिन क्वालिटी का मतलब है डोमिन का एक बेहतर नाम का चयन करें जिसका length बहुत बड़ा नहीं हो तथा एक टॉप लेवल डोमिन का चयन करें.
  • जिसमें .com, .in, .net, .org डोमिन को खरीदना एक टॉप लेवल डोमिन के श्रेणी में आता है.

Website Hosting

जब आप एक डोमिन खरीद लेते हैं उसके बाद आप होस्टिंग खरीदते हैं होस्टिंग खरीदते समय एक अच्छा होस्टिंग का चयन करें जिससे आपके वेबसाइट का स्पीड बहुत अच्छा रहे जिससे आगे आपको भविष्य में जब किसी भी पोस्ट को गूगल में रैंक कराएं तो उस पोस्ट को ओपन होने में काफी कम समय लगे.

एक ब्लॉग वेबसाइट को गूगल में रैंक कराने के लिए एक बेहतर होस्टिंग का भी बहुत बड़ा भूमिका है क्योंकि जब आप एक अच्छा होस्टिंग खरीदते हैं तब आपको उस होस्टिंग के द्वारा बेहतर रिजल्ट भी प्राप्त होता है इसलिए एक ट्रस्टेड होस्टिंग के द्वारा प्रीमियम होस्टिंग का चयन करें जिससे आपके वेबसाइट में किसी भी तरह का कोई समस्या नहीं हो.

Hosting location

गूगल रैकिंग में होस्टिंग का लोकेशन भी अहम भूमिका निभाता है क्योंकि आप जिस कंट्री के लिए ब्लॉग लिखते हैं जहां आप रैंक कराना चाहते हैं वहां आपका होस्टिंग लोकेशन है तो आपको गूगल में रैकिंग में बेहतर स्थान प्राप्त होता है.

यदि आप अपना होस्टिंग किसी दूसरे country में रखे हैं और आप अपने ब्लॉग को किसी दूसरे कंट्री में रैंक कराना चाहते हैं उससे वेबसाइट के स्पीड पर काफी असर पड़ता है.

क्योंकि जब भी यूजर के द्वारा आपके वेबसाइट पर कोई भी चीज को सर्च किया जाता है तो उसको काफी समय लगता है क्योंकि दूसरे कंट्री में होस्टिंग होने के कारण वहां से डाटा fetch होकर आपके कंट्री में आने में समय लगता है.

इसलिए आप Hosting location जहां भी आप रैंक करना चाहते हैं वहां उस कंट्री में होस्टिंग लोकेशन रखेंगे तो काफी बेहतर होगा.

Website platform

एक ब्लॉगर के लिए सबसे जरूरी है कि वह अपना वेबसाइट को सही प्लेटफार्म पर तैयार करे. वैसे गूगल में रैकिंग बेहतर पाने के लिए सबसे बेहतर वर्डप्रेस प्लेटफार्म है.

जिस पर अपना वेबसाइट बनाना चाहिए. वर्डप्रेस पर आप अपना वेबसाइट यदि बनाते हैं तो आप बेहतर रैकिंग के साथ साथ बेहतर तरीके से आप अपने वेबसाइट को एक अच्छा डिजाइन के साथ-साथ बेहतर रूप दे सकते हैं.

वर्डप्रेस पर आपको वेबसाइट बनाना भी बहुत आसान है तथा दुनिया में जितने भी ब्लॉगर हैं उनमें से 80 परसेंट ब्लॉगर वर्डप्रेस पर ही अपना ब्लॉग सेट किए हैं.

Website Theme

गूगल में बेहतर रैकिंग पाने के लिए वेबसाइट का थीम भी बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि एक बेहतर थीम गूगल में रैंक करने के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है इसलिए एक बेहतर थीम का उपयोग आप अपने ब्लॉग के लिए करें तो सबसे बेहतर है.

एक ब्लॉग वेबसाइट को गूगल में रैंक कराने के लिए सबसे बेहतर एवं लाइटवेट थीम जेनरेटप्रेस है जिसका इस्तेमाल आप फ्री वर्जन के रूप में भी कर सकते हैं तथा इसका पेड वर्जन का भी उपयोग कर सकते हैं.

Website Design

एक ब्लॉग वेबसाइट का डिजाइन भी काफी अच्छा होना चाहिए क्योंकि जब तक आपके ब्लॉग वेबसाइट का डिजाइन अच्छा नहीं होगा. 

तब तक आप के यूजर को आपके ब्लॉग पर नेविगेट करने में काफी दिक्कत होगा. इसलिए अपने ब्लॉग वेबसाइट का डिजाइन यूजर फ्रेंडली बनाना चाहिए. 

जिससे आपके ब्लॉग को पढ़ते समय यूजर को किसी भी तरह का कोई समस्या न हो आसानी से वह आपके ब्लॉग को पढ़ सके.

Website speed

में यह सबसे महत्वपूर्ण Factor है क्योंकि वर्तमान समय में अब कोई इंतजार नहीं करना चाहता है जब भी गूगल में किसी भी Keyword सर्च किया जाता है .

उसके बाद यदि आपका वेबसाइट वहां पर दिखाई देता है और कोई user उस पर क्लिक करता है तब आपका वेबसाइट बहुत ही तेजी से ओपन होना चाहिए तभी यूजर आपके वेबसाइट को विजिट करता है इसलिए गूगल यह देखता है कि किस वेबसाइट का स्पीड सबसे बेहतर है उस वेबसाइट को गूगल में रैकिंग प्रदान करता है.

Submit website in google search console

गूगल में बेहतर रैकिंग प्राप्त करने के लिए आप अपने ब्लॉग वेबसाइट को गूगल सर्च कंसोल में जरूर सबमिट करें. एक ब्लॉग का साइटमैप गूगल सर्च कंसोल में सबमिट करना चाहिए .

जिससे आपके ब्लॉग का रैकिंग बेहतर होता है तथा गूगल के क्रॉलर आपके वेबसाइट में जितने भी Blog हैं उसको बहुत जल्द क्रॉल करते हैं.

इसलिए गूगल सर्च कंसोल को भी आप अपने साइटमैप को सबमिट करें और उसके बाद समय समय से सर्च कंसोल के जो भी error होते हैं उसको Fix करते रहें.

Quality Contents

एक ब्लॉग का सबसे महत्वपूर्ण चीज उसका कंटेंट होता है इसलिए जब भी आप एक ब्लॉग लिखे तो उसको बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास करें ऐसा ब्लॉग पोस्ट लिखें की वैसा पहले ब्लॉग पोस्ट कोई गूगल के पास मौजूद ही नहीं हो यदि ऐसा कुछ लिखते हैं तो गूगल में रैकिंग पाना बहुत ही आसान हो जाएगा.

Content Length

कंटेंट का लेंथ भी बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जब आप एक ब्लॉग पोस्ट तैयार करते हैं उसके बाद जब उसको गूगल में रैंक करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे जरूरी है कि उस ब्लॉग पोस्ट में कितना शब्द आपने लिखा है उसका भी एनालिसिस करें.

क्योंकि जो पहले गूगल के पास कंटेंट उपलब्ध हैं उसमें जो टॉप 10 में वेबसाइट दिखाई दे रहा है उन सभी वेबसाइट में लिखे गए कांटेंट से आप अपने ब्लॉग पोस्ट में ज्यादा कांटेट लिखें.

Paragraph Length

जब आप पोस्ट लिखते हैं उस समय पैराग्राफ लेंथ का भी ध्यान रखें छोटे छोटे पैराग्राफ में टॉपिक को समझाएं जिससे यूजर को पढ़ने में काफी आसानी होगा तथा यूजर आसानी से आपके द्वारा दी गई जानकारी को समझ पाएगा इसलिए आप अपने ब्लॉग पोस्ट में छोटे छोटे पैराग्राफ का इस्तेमाल करें.

Optimize Image

अपने ब्लॉग पोस्ट में बेहतर फोटो का भी उपयोग जरूर करें जब आप एक ब्लॉग पोस्ट लिखते हैं उस समय अपने ब्लॉग पोस्ट में कॉपीराइट फ्री इमेज का इस्तेमाल करें. 

जिसका साइज कम से कम रखें एक बेहतर इमेज एक ब्लॉग पोस्ट में लिखे गए 1000 शब्द का मतलब बता सकता है.

इसलिए अपने ब्लॉग पोस्ट में बेहतर इमेज का उपयोग करें यदि आप इमेज बना सकते हैं तो आप एक अच्छा इमेज बना करके अपने पोस्ट में उपयोग करें.

Use Video

वर्तमान समय में ब्लॉगिंग के क्षेत्र में बहुत सारे लोगों को आने के कारण अब ब्लॉगिंग  का भी काफी कंपटीशन टॉप हो गया है इसलिए आप अपने ब्लॉग पोस्ट में एक अच्छा वीडियो भी डाल सकते हैं

जिससे आपको गूगल रैकिंग में बहुत बेहतर रिजल्ट प्राप्त होगा आप अपने ब्लॉग पोस्ट में वीडियो को ऐड करने के लिए यूट्यूब प्लेटफार्म का इस्तेमाल करें जिससे आपके वेबसाइट के स्पीड पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

टेबल एंड बुलेट का उपयोग करें

एक बेहतर क्वालिटी कंटेंट तैयार करने के लिए उसमें बुलेट्स का उपयोग करें यदि उसमें किसी भी तरह का कोई डाटा के बारे में जानकारी देना है तो उसके लिए आप टेबल का उपयोग करें.

जिससे आपका पोस्ट काफी बेहतर बनेगा तथा उसका क्वालिटी भी बेहतर होगा इसलिए हो सके तो आप अपने पोस्ट में टेबल और बुलेट का ज्यादा इस्तेमाल करें. 

Highlight important points

एक ब्लॉग पोस्ट में जो भी महत्वपूर्ण पॉइंट है उसको हाईलाइट करना चाहिए जिससे रीडर्स को भी पढ़ने में काफी आसानी होगा तथा गूगल के नजर में भी हाईलाइट किए गए शब्द से एक बेहतर सिंगनल प्राप्त होगा जिससे आपके गूगल में रैकिंग बेहतर होगा.

Keyword research

किसी भी ब्लॉग पोस्ट को लिखने से पहले सबसे जरूरी है कि आप अपने पोस्ट के लिए कीवर्ड रिसर्च करें. क्योंकि कीवर्ड रिसर्च करने से आपको यह पता चल जाएगा कि उस कीवर्ड पर कितना डिफिकल्टी है कितने लोग उस कीवर्ड को सर्च कर रहे हैं.

तथा उस कीवर्ड पर सीपीसी क्या है इन सभी चीजों के बारे में जब आप एनालिसिस कर लें तब आप उस कीवर्ड पर काम करना शुरू करें तो आप बेहतर रिजल्ट प्राप्त करेंगे.

Backlink

किसी भी पोस्ट या वेबसाइट को गूगल में रैंक कराने के लिए बैकलिंक्‍स बहुत ही मजबूत स्तंभ है इसलिए एक वेबसाइट को गूगल में अच्छा रैकिंग प्राप्त करने के लिए गूगल में पोस्ट को रैंक कराने के लिए बैकलिंक्स को जरूर बनाना चाहिए.

बैकलिंक्स बनाने के लिए एक बेहतर वेबसाइट से डू फॉलो लिंक बनाना चाहिए साथ ही साथ कुछ नो फॉलो बैकलिंक्स भी बनाना चाहिए.

Website spam score

वेबसाइट स्‍पैम स्‍कोर का मतलब होता है कि आप अपने वेबसाइट के लिए वैसे वेबसाइट से लिंक प्राप्त किए हैं जिस वेबसाइट का Spam score बहुत ज्यादा है.

कहने का मतलब है कि वैसे वेबसाइट से लिंक आपने बनाया है जिस वेबसाइट को गूगल एक गलत वेबसाइट मानता है जहां पर गलत सूचनाओं तथा गलत तरह के कामों को किया जाता है.

वैसे वेबसाइट से यदि आप लिंक बनाते हैं तो आपके वेबसाइट का भी Spam score बढ़ जाएगा जिसके कारण आपका वेबसाइट का गूगल में रैकिंग काफी नीचे चला जाएगा.

Bounce rate

गूगल में बेहतर रैकिंग पाने के लिए किसी भी वेबसाइट का बाउंस रेट जितना कम रहेगा उतना ही बेहतर रैकिंग प्राप्त होगा. बाउंस रेट का मतलब होता है कि जब भी किसी यूज़र के द्वारा किसी पोस्ट पर विजिट किया जाता है और उस पोस्ट पर कुछ ही देर रुकने के बाद बंद कर दिया जाता है.

तब आपके वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ जाता है इसलिए जब ब्लॉग पोस्ट लिखें उस समय बेहतर पोस्ट तैयार करें और उसमें बेहतर जानकारी दें ताकि जब भी कोई यूजर आपके पोस्ट पर आए तो उसको पढ़ें और पढ़ने के बाद उससे संबंधित दूसरा पोस्ट भी पढ़ें जिससे बाउंस रेट कम रहेगा.

User experience

गूगल में बेहतर रैकिंग के लिए यूजर का एक्सपीरियंस भी गूगल एनालिसिस करता है इसका मतलब है कि जो भी यूजर आपके वेबसाइट पर विजिट करते हैं वह कितना देर तक वेबसाइट पर रहते हैं कितना देर पोस्ट को पढ़ते हैं इन सभी चीजों को भी गूगल के द्वारा एनालिसिस किया जाता है.

और उसके आधार पर वेबसाइट को गूगल में रैकिंग प्रदान किया जाता है इसलिए किसी वेबसाइट पर गूगल में बेहतर रैकिंग के लिए यूजर का अच्छा एक्सपीरियंस बहुत ही महत्वपूर्ण है.

Regular content updation

नियमित कंटेंट लिखना और वेबसाइट में डालना ही गूगल का एक महत्वपूर्ण रैकिंग फैक्टर है जिससे गूगल को यह पता चलता है कि आप अपने काम के प्रति काफी सक्रिय हैं और आप नियमित रूप से लोगों के लिए जानकारी उपलब्ध कराते हैं.

इसलिए गूगल ज्यादातर वैसे वेबसाइट को गूगल में बेहतर रैकिंग प्रदान करता है जिस वेबसाइट पर नियमित रूप से पोस्ट को डाला जाता है.

Alexa ranking

दुनिया में जितने भी ब्लॉग वेबसाइट हैं या वेबसाइट है उसमें आपके वेबसाइट का रैकिंग क्या है यह भी एक गूगल का रैकिंग फैक्टर है गूगल यह analysis करता है कि आपके वेबसाइट का रैकिंग क्या है यदि आपका रैकिंग बेहतर है.

तथा आपका रैकिंग दिनों दिन बेहतर हो रहा है तो गूगल के लिए एक बेहतर सिग्नल जाता है जिससे गूगल रैकिंग में भी काफी सुधार होता है इसलिए आप अपने वेबसाइट का एलेक्‍सा रैकिंग को भी बेहतर बनाएं.

Post comment

कमेंट सेक्शन में जब आपके ब्लॉग पर लोग आकर के अच्छा अच्छा कमेंट लिखते हैं अच्छा रिस्पांस देता हैं तो इससे भी गूगल को एक बेहतर सिग्नल जाता है कि आपके पोस्ट पर अच्छा जानकारी है लोग पसंद कर रहे हैं.

जिससे उस पोस्ट का रैकिंग और बेहतर होता है इसलिए गूगल के रैकिंग में पोस्ट कमेंट का भी एक अहम फैक्टर माना जाता है.

Breadcrumbs

इसका मतलब होता है कि जब भी कोई यूजर आपके वेबसाइट पर आता है तो यह पता चलता है कि वह कहां पर किस पेज पर अभी है इसका मतलब यह होता है कि यदि वेबसाइट के किसी कैटेगरी के अंदर किसी पोस्ट को पढ़ रहे हैं तब आपको ऊपर में स्क्रीन पर उसका पूरा लोकेशन दिखाई देता है.

Blog comment section

अपने ब्लॉग वेबसाइट में कमेंट सेक्शन को जरूर ऐड करना चाहिए क्योंकि जब भी किसी यूज़र के द्वारा आपके पोस्ट संबंधित या ब्लॉग से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई सवाल है सुझाव है.

तो वहां नीचे जा करके वह कमेंट कर सके इसलिए गूगल के नजरिए से एक बेहतर रिजल्ट पाने के लिए अपने ब्लॉग वेबसाइट में कमेंट सेक्शन को जरूर रखना चाहिए.

Ads placement

कभी-कभी ऐसा किसी भी वेबसाइट में दिखाई देता है कि उस वेबसाइट पर जाने के बाद बहुत सारे ads इधर-उधर दिखाई देने लगते हैं जिससे यूजर को ब्लॉग पढ़ने में काफी दिक्कत होता है वैसे जो भी व्यवसाइट्स होते हैं.

उनका गूगल में रैकिंग यदि वर्तमान में अच्छा है तो भी भविष्य में उनका रैकिंग जरूर नीचे चला जाएगा इसलिए आपने वेबसाइट में एड्स को अच्छे तरीके से और जो सही जगह ही लगाना चाहिए जिससे गूगल रैकिंग में किसी प्रकार का कोई दिक्कत नहीं हो.

Google policy

गूगल में बेहतर रैकिंग पाने के लिए यह सबसे जरूरी है कि गूगल का जो नियम है पॉलिसी है उसको पालन करें तभी आप गूगल में बेहतर रैकिंग प्राप्त कर सकते हैं इसलिए कभी भी अपने ब्लॉग पर गलत जानकारी तथा किसी के द्वारा कॉपी किया हुआ किसी कांटेट को नहीं डालना चाहिए.

किसी दूसरे का इमेज नहीं डालना चाहिए वीडियो या किसी भी तरह का जो गलत चीज है या जो कॉपी राइट के तहत किसी भी तरह का कोई कांटेट इमेज वीडियो है तो उसको आप अपने वेबसाइट पर उपयोग नहीं करें तथा गूगल के जितने भी पॉलिसी है उसको आप पालन करें तो आपका गूगल में रैकिंग भी मजबूत होगा.

Blog author

अपने ब्लॉग वेबसाइट में ब्लॉग ऑथर के बारे में भी जानकारी दें जिसमें ब्लॉग ऑथर का फोटो और उसके बारे में जानकारी को अपडेट करें जिससे जो भी यूजर आपके ब्लॉग पर आएंगे उनको यह पता चल पाएगा कि किन के द्वारा यह जानकारी दिया गया है.

जिससे उनका आपके ब्लॉग के प्रति काफी ज्यादा रूचि बढ़ सकता है साथ ही साथ गूगल को भी यह पता चलेगा कि इस ब्लॉग को किसके द्वारा लिखा गया है इसलिए अपने ब्लॉग में ब्लॉग ऑथर को जरूर ऐड करें.

Brand build up

एक ब्लॉग को गूगल में टॉप पर लाने के लिए सबसे जरूरी है कि जिस क्षेत्र में भी आप ब्लॉगिंग करते हैं उस क्षेत्र में आप अपने ब्लॉग को एक ब्रांड के रूप में डेवेलप करें ताकि जब भी गूगल को या किसी यूज़र को उससे संबंधित जानकारी पाना हो तो सीधे आपके वेबसाइट का ही याद आए.

इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप जिस कैटेगरी में लिखते हैं उस कैटेगरी में पूरी जानकारी अपने ब्लॉग पर दें और उससे संबंधित जितने भी तरह के जानकारी और भी उसको भी आप अपने ब्लॉग में दें जिससे आपके ब्लॉग को एक ब्रांड के रूप में देखा जा सके.

Comparison with competitors content

जब किसी भी ब्लॉग को गूगल में रैंक गूगल के द्वारा कराया जाता है उस समय गूगल के पास जितने भी कांटेंट होते हैं उन सभी कंटेंट को एक दूसरे के साथ कंपेयर करता है और उसमें जो सबसे बेहतर कंटेंट होता है उसी को टॉप में रखता है इसलिए अपने कटेंट को सबसे अलग एवं सबसे बेहतर बनाएं.

Meta description

एक ब्लॉग पोस्ट का डिस्क्रिप्शन बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि जब भी किसी यूज़र के द्वारा किसी पोस्ट पर विजिट किया जाता है तो सबसे पहले गूगल में सर्च करने पर उसका मेटा डिस्क्रिप्शन दिखाई देता है.

इसलिए एक ऐसा डिस्क्रिप्शन लिखना चाहिए जिससे यूजर आपके ब्लॉग पर जरूर क्लिक करें. मेटा डिस्क्रिप्शन का लिंक 140 शब्‍द से ज्यादा नहीं रखना चाहिए.

SEO title

ब्लॉग पोस्ट का main keyword होता है उसको ही SEO टाइटल में सबसे पहले लिखना चाहिए.

Focus keyword

ब्लॉग पोस्ट में कीवर्ड रिसर्च करने के बाद जो भी एक मेन कीवर्ड होता है उसी को फोकस कीवर्ड कहा जाता है जिस कीवर्ड पर आपका ब्लॉग पोस्ट रैंक करता है उसको शुरू के 150 शब्द के बीच में जरूर लिखना चाहिए तथा उस कीवर्ड का उपयोग अपने ब्लॉग पोस्ट में कहीं-कहीं जरूर करना चाहिए.

LSI keyword

फोकस कीवर्ड से संबंधित जो सिमिलर शब्द हैं उन शब्दों का भी अपने पोस्ट में इस्तेमाल करना चाहिए जिससे गूगल को यह पता चलता है कि जिस कीवर्ड के बारे में आपने पोस्ट लिखा है.

उससे संबंधित शब्दों को आप उपयोग किए हैं जिससे उसको यह पता चलता है कि आपने उस कीवर्ड के बारे में पूरी जानकारी अपने पोस्ट में दिया है.

Post title

ब्लॉग के पोस्ट टाइटल में अपने मेन कीवर्ड को लिखना चाहिए साथ ही साथ हो सके तो उसमें नंबर का भी उपयोग करना चाहिए. तथा एक ऐसा ब्लॉग पोस्ट का टाइटल लिखना चाहिए जिसको पढ़ने के बाद यूजर उस पर जरूर क्लिक करें.

Permalink

ब्लॉग पोस्ट का परमालिंक 75 character से ज्यादा नहीं होना चाहिए ब्लॉग पोस्ट के परमालिंक में जो भी आपने फोकस कीवर्ड लिखा है उस कीवर्ड को ही परमालिंक में भी लिखना चाहिए.

Internal link

एक ब्लॉग पोस्ट में इंटरनल लिंक का उपयोग जरूर करना चाहिए. क्योंकि जब भी कोई यूज़र आपके ब्लॉग पोस्ट को पढता है उसके बाद उससे संबंधित पोस्ट को भी पढ़ना पसंद करता है.

जिससे आपका बाउंस रेट भी कम होता है इसलिए अपने ब्लॉग पोस्ट में जितने भी उस पोस्ट से संबंधित इंटरनल पोस्ट है उसका लिंक जरूर लगाना चाहिए.

External link

आपने ब्लॉग पोस्ट से संबंधित किसी दूसरे वेबसाइट का लिंक भी अपने ब्लॉग पोस्ट में डालना चाहिए किसी वैसे वेबसाइट का लिंक डालना चाहिए.

जिस वेबसाइट पर इस पोस्ट से संबंधित बेहतर जानकारी दी गई हो तथा उस वेबसाइट का अथॉरिटी भी ज्यादा हो तथा वह वेबसाइट एक बेहतर वेबसाइट हो वैसे वेबसाइट का एक्सटर्नल लिंक अपने ब्लॉग पोस्ट में लगाना चाहिए.

Heading

एक ब्लॉग पोस्ट में जितने भी मुख्य हेडिंग होते हैं या जो मुख्य शब्द होते हैं उन सब को एक हिडिंग जरूर देना चाहिए जिससे गूगल को यह पता चलता है कि आपने इस कीवर्ड के बारे में इस चीज के बारे में जानकारी दिया हुआ है.

इसलिए आपने पोस्ट में हेडिंग 1 हेडिंग 2 हेडिंग तीन और जरूरत पड़े तो हेडिंग 4 का भी उपयोग जरूर करना चाहिए.

Table of content

वैसे टेबल आफ कंटेंट का गूगल के रैकिंग के लिए कोई ज्यादा मायने नहीं है लेकिन एक बेहतर क्वालिटी कांटेट बनाने के लिए अपने ब्लॉग पोस्ट में यदि आप टेबल ऑफ कंटेंट को रखते हैं.

तो आपका ब्लॉग पोस्ट एक बेहतर क्वालिटी प्रदान करेगा इसलिए अपने ब्लॉग पोस्ट में टेबल ऑफ कंटेंट का भी उपयोग जरूर करें.

Grammar mistakes

गूगल रैकिंग में ग्रामर मिस्टेक यदि आपके ब्लॉग में बहुत ज्यादा है कांटेंट को अच्छे तरीके से नहीं लिखा है उसमें बहुत ही गलत शब्दों का उपयोग किया है तब भी ब्लॉग पोस्ट गूगल में रैंक नहीं करेगा इसलिए अपने ब्लॉग पोस्ट में जितने भी तरह के गलतियां हैं अशुद्धियां है उसको चेक करके जरूर ठीक करें.

Off-page SEO

गूगल रैकिंग में ऑफ पेज एससीओ का भी एक बहुत बड़ा भूमिका है इसलिए जब भी ब्लॉग पोस्ट को तैयार करके पब्लिश करते हैं उसके बाद उस पोस्ट को पॉपुलर सोशल वेबसाइट पर शेयर करें.

तथा उस पोस्ट के लिए नो फॉलो बैकलिंक्‍स बनाएं या डू फॉलो बैकलिंक्स बनाएं. उस पोस्ट को फेसबुक टि्वटर लिंकडइन आदि सोशल नेटवर्किंग साइट पर शेयर जरूर करें.

Broken links

एक ब्लॉग वेबसाइट में बहुत सारे ऐसे लिंक होते हैं जो कि टूट जाते हैं जिसका मतलब होता है कि जब उस लिंक पर किसी के द्वारा क्लिक किया जाता है उस समय वहां पर एरर दिखाई देता है वैसे जितने भी लिंक्स होते हैं उसको हटा देना चाहिए.

ब्रोकन लिंक्स का मतलब होता है कि वैसा लिंक जिसको खोलने के बाद कुछ भी दिखाई न दे वहां पर किसी प्रकार का कोई error दिखाई दे वैसे लिंक को ब्रोकन लिंक कहा जाता है जो कि गूगल रैकिंग के लिए बहुत बड़ा बाधक है.

Duplicate meta description

कभी-कभी ऐसा होता है किसी एक पोस्ट के लिए डुप्लीकेट मेटा डिस्क्रिप्शन गूगल में रैंक कर जाता है इसलिए आपने वेबसाइट के ब्लॉग पोस्ट को एचआरएफ या सेमरस में जरूर चेक करना चाहिए और यदि किसी प्रकार का कोई डुप्लीकेट मेटा डिस्क्रिप्शन है तो उसको ठीक कर देना चाहिए.

Canonical URL

इसका मतलब होता है कि जब किसी भी पोस्ट को किसी एक Keyword पर आप रैंक करा देते हैं उसके कुछ दिनों के बाद फिर से उस पोस्ट में उस कीवर्ड को बदल कर के और दूसरा कीवर्ड डालते हैं.

उसके बाद इस तरह का error आपके वेबसाइट में दिखाई देता है इसलिए यदि ऐसा कोई error दिखाई देता है तो उसको ठीक कर देना चाहिए.

Broken image

जब किसी भी पोस्ट में एक इमेज डालने के कुछ दिनों के बाद फिर से उसको बदल देते हैं तब इस तरह का समस्या आपके ब्लॉग पोस्ट में दिखाई देता है इसलिए जब भी आप अपने इमेज को अपने ब्लॉग पोस्ट से बदले उस समय पूरी तरह से अपने इमेज को अपने वेबसाइट से डिलीट कर दें.

ताकि इस तरह का कोई समस्या आपके वेबसाइट में दिखाई न दे. यदि ब्रोकन इमेज से संबंधित किसी प्रकार का कोई समस्या दिखाई देता है तो उसको भी fix जरूर करें.

Contact us page

एक ब्लॉग वेबसाइट में कांटेक्ट ऑस पेज को जरुर बनाना चाहिए ताकि यदि किसी भी यूजर को किसी प्रकार की कोई सूचना या जानकारी को आपके पास पहुंचाना हो या जानना हो तो आप से आसानी से कांटेक्ट ऑस पेज के द्वारा आपसे कांटेक्ट कर सके इसलिए गूगल के नजर में इस पेज को आपके वेबसाइट में जरूर रहना चाहिए.

About us – गूगल रैकिंग फैक्‍टर

गूगल में बेहतर रैकिंग प्राप्त करने के लिए आपके वेबसाइट में अबाउट्स पेज होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि गूगल को भी यह जानकारी होना बहुत ही जरूरी है कि जो भी आपने वेबसाइट बनाया है उस वेबसाइट से आप लोगों को क्या बताना चाहते हैं.

तथा वेबसाइट के बारे में क्या जानकारी है यदि किसी यूजर को भी जानना हो तो वह आसानी से आपके About us सेक्शन में जा करके प्राप्त कर सके. इसलिए अपने ब्लॉग वेबसाइट में About us पेज को जरुर बनाएं.

Terms and condition

किसी भी चीज का टर्म्स एंड कंडीशन के बारे में जानकारी दी होना बहुत ही जरूरी है इसलिए गूगल को भी यह जानकारी रहना चाहिए कि आपके वेबसाइट का टर्म्स एंड कंडीशन क्या है क्या आप किसी प्रकार का कोई पेड सर्विस देते हैं या फ्री सर्विस देते हैं.

या फिर आपकी सेवा का उपयोग करने का क्या criteria हैं इन सभी चीजों के बारे में भी आपको टर्म्स एंड कंडीशन पेज बना करके जानकारी देना चाहिए.

Privacy policy

गूगल के नजरिए से प्राइवेसी पॉलिसी का भी  ज्यादा महत्व है क्योंकि किसी भी यूजर के यदि किसी प्रकार का कोई डेटा यूजर आपके वेबसाइट पर साझा करता है शेयर करता है तो उसका प्राइवेसी का कितना ख्याल रखा जा रहा है.

इसलिए गूगल को यह जानकारी जरूर होना चाहिए कि आपके वेबसाइट पर यूजर के प्राइवेसी के लिए आपके द्वारा किस तरह से जानकारी दिया गया है तथा लोगों के प्राइवेसी के बारे में आपके वेबसाइट के द्वारा कितना ख्याल रखा जा रहा है.

सारांश

Page Rank गूगल रैकिंग फैक्‍टर के बारे में कृपया अपना राय जरूर दें।

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