EVM ka Full Form? वर्तमान समय में हर तरह का कार्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के द्वारा होने लगा है. बिजली और इंटरनेट के उपयोग से डिजिटली हर कार्य हो रहा है. वैसे ही इलेक्शन में भी वोटिंग का कार्य इलेक्ट्रॉनिक मशीन से ही हो रहा है. इस इलेक्ट्रॉनिक मशीन को EVM के नाम से जानते हैं.
जब EVM मशीन नहीं था तो किसी भी इलेक्शन में वोट देने के लिए कागज पर वोट डालकर बॉक्स में डाला जाता था. जिसमें कई बार धांधली होने का भी खतरा रहता था. लेकिन ईवीएम मशीन का अविष्कार हो जाने से धोखाधड़ी होने का बहुत कम संभावना हो गया है.
लेकिन कई लोगों को ईवीएम मशीन का फुल फॉर्म क्या होता है EVM मशीन का शुरुआत कब से हुआ इस तरह का जानकारी प्राप्त नहीं होता है और वह अक्सर इंटरनेट पर इसके बारे में सर्च करते हैं तो इस आर्टिकल में आपको ईवीएम मशीन के फुल फॉर्म इसका अविष्कार से संबंधित सभी जानकारी मिलेगी.
ईवीएम का फुल फॉर्म
ईवीएम मशीन में 2 पार्ट होता है. यह दो डिवाइस से मिलकर बना है. एक नियंत्रण इकाई होता है और दूसरा मतदान इकाई होता है. ईवीएम का फुल फॉर्म Electronic Voting Machine होता है. पहले जो बैलट पेपर पर वोटिंग किया जाता था. उसकी जगह पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के द्वारा वोटिंग किया जाता है.
E | Electronic |
V | Voting |
M | Machine |
इस वोटिंग मशीन के द्वारा वोट करने पर पहले के मुकाबले अब वोटों की गिनती जल्दी हो जाता है. जो भी वोट किया जाता है वह इस मशीन में पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और जब भी समय अनुसार वोटों की गिनती होती है, तो आसानी से कर लिया जाता है.
ईवीएम का फुल फॉर्म Electronic Voting Machine होता है. इसे हिंदी में भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन कहा जाता है. यह एक ऐसा मशीन होता है जिसके द्वारा बैलट पेपर के जगह इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोटिंग किया जाता है.
ईवीएम क्या है
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन होता है. यह एक एटीएम मशीन की जैसे ही इलेक्ट्रॉनिक मशीन है. जिसका इलेक्शन के समय वोट डालने के लिए प्रयोग किया जाता है. ईवीएम मशीन में वोटिंग करने पर जब तक वोटों की गिनती नहीं हो जाती है, तब तक सभी मत पूरी तरह से सुरक्षित रहता है.
पहले बैलट पेपर के द्वारा वोटिंग होता था, तो कई बार धोखाधड़ी धांधली अवैध मतदान हो जाता था. मतदान केंद्रों पर हमले भी होते थे. लेकिन ईवीएम मशीन के हो जाने से वोटिंग बहुत हद तक सुरक्षित हो गया है. इसमें खास बात यह है कि एक ही व्यक्ति एक समय में बार-बार वोटिंग नहीं कर सकता है.
एक बार अगर मतदाता वोट डाल लेते है तो कुछ देर के लिए मशीन लॉक हो जाता है. जिसकी वजह से कोई भी व्यक्ति अवैध मतदान नहीं कर सकता है. वोटिंग करने के लिए इस मशीन पर सभी उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिन्ह का चित्र बना रहता है. उसके सामने एक बटन रहता है. मतदाता को जिस उम्मीदवार को वोट डालना होता है, उन्हीं के फोटो और चीन्ह के सामने लगे नीला बटन को दबाकर अपना मतदान देते हैं.
ईवीएम मशीन का खास गुण यह है कि इस मशीन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी लगा रहता है. जिससे यह मशीन कहां पर है किस लोकेशन पर है जानकारी प्राप्त हो जाता है.
भारत में EVM मशीन बनाने का कार्य इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड दो सरकारी कंपनी है वहीं करती है. इस दोनों कंपनी में जब ईवीएम मशीन बनाया गया तो चुनाव आयोग ने भी इसका परीक्षण और उपयोग किया. जिसके बाद ईवीएम मशीन इसी दोनों कंपनी में निर्मित किया जाता है.
ईवीएम का शुरुआत
1980 में MB Haneefa के द्वारा सबसे पहली बार वोटिंग मशीन का अविष्कार किया गया. जब एमबी हनीफा के द्वारा इस मशीन को बनाया गया तो इसका नाम इलेक्ट्रॉनिक संचालित मतगणना मशीन रखा गया और इसी नाम से 15 अक्टूबर 1980 में पंजीकृत भी करवाया गया. भारत में इस मशीन को बनाने का कार्य इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड के द्वारा 1889 में शुरुआत किया गया.
यह मशीन 6 वोल्ट के एक बैटरी के द्वारा चलता है. इस बैटरी का निर्माण इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड हैदराबाद और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बेंगलुरू में किया जाता है. भारत में सबसे पहली बार केरल के 1 विधानसभा क्षेत्र में 1982 में EVM का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद कई भारतीय चुनाव में इस मशीन का उपयोग होने लगा. वर्तमान समय में बैलेट पेपर का तो लोग नाम भी भूल गए हैं. सिर्फ ईवीएम मशीन के द्वारा ही वोटिंग किया जाता है.
ईवीएम के फायदे
हमारे देश में हमेशा किसी न किसी तरह का इलेक्शन होता ही रहता है. भारत देश एक लोकतांत्रिक देश है. यहां पर चुनाव आयोग के द्वारा जब भी चुनाव का गठन होता है तो वोट डालने के लिए ईवीएम मशीन का प्रयोग किया जाता है.
अक्सर जब भी इलेक्शन खत्म होता है चुनाव के नतीजे जारी हो जाते हैं तो अक्सर यही सुनते हैं कि जो भी पार्टी की जीत होती है तो उसके अपोजिट पार्टी हमेशा यही बोलते हैं, कि EVM मशीन में गड़बड़ी है. इस मशीन के उपयोग से वोटिंग पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हो गया है. ईवीएम मशीन के कई फायदे हैं.
- EVM मशीन के द्वारा वोटिंग करने से अवैध तरीके से वोट नहीं डाल सकते हैं.
- यह मशीन एक बैटरी के द्वारा चलता है.
- पर्यावरण की नजर से भी यह मशीन फायदेमंद है. क्योंकि इसमें किसी भी तरह का कागज का जरूरत नहीं होता है.
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वोट डालने में भी आसानी होता है. क्योंकि हर उम्मीदवार का नाम और चित्र इस पर रहता है. जिससे उस चित्र को और नाम को पढ़कर उसके सामने का बटन दबाकर वोट कर सकते हैं.
- वोटिंग भी जल्दी हो जाता है और पहले के मुकाबले कम समय में वोटों का गणना भी हो जाता है.
- जिन्हें पढ़ना लिखना नहीं आता है वह भी EVM मशीन पर उम्मीदवार का फोटो और चुनाव चिन्ह देकर आसानी से वोटिंग कर पाते हैं.
- एक बार वोटिंग करने के बाद कुछ समय तक मशीन बंद हो जाता है. इसलिए एक व्यक्ति एक ही समय में एक बार से ज्यादा अवैध वोटिंग नहीं कर सकता है.
- जो भी मतदान होते हैं वह EVM मशीन में सुरक्षित स्टोर हो जाते हैं.
- ईवीएम मशीन बहुत ही हल्का और पोर्टेबल रहता है जिससे मतगणना के बाद आसानी से एक जगह से दूसरी जगह लेकर जा सकते हैं.
- इस मशीन में जीपीएस लगा होता हैं इसलिए इसका लाेकेशन ट्रैकिंग के द्वारा पता कर लिया जाता हैं.
FAQ
ईवीएम क्या है
यह एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है जिसके द्वारा वोटिंग किया जाता है.
ईवीएम मशीन का कीमत कितना है.
एक EVMमशीन खरीदने पर लगभग ₹17000 कीमत लगता है.
ईवीएम में अधिक से अधिक कितना मत रिकॉर्ड होता है.
एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में लगभग 60 उम्मीदवारों के नाम लिखे रहते हैं और इसमें अधिक से अधिक 3840 वोट रिकॉर्ड हो सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का संरचना कैसा है.
यह मशीन दो डिवाइसों से मिलकर बना है इसके दो पार्ट होते हैं एक मतदान इकाई और एक नियंत्रण इकाई.
EVM मशीन के दोनों भाग का क्या कार्य है.
मतदान इकाई पर हर उम्मीदवार का नाम और उनका चुनाव चिन्ह बना रहता है जिसके सामने नीला बटन रहता है उस बटन को दबाकर वोट दिया जाता है.
नियंत्रण इकाई मतदान अधिकारी के पास मौजूद रहता है जब मतदाता वोटिंग करने के लिए अंदर जाते हैं तो मतदान अधिकारी उस मतदान बटन को दबाते हैं जिसके बाद ही मतदाता वोट कर सकते हैं.
- कंप्यूटर क्या हैं
- कंप्यूटर की बेसिक जानकारी
- कंप्यूटर का इतिहास
- कंप्यूटर का फुल फार्म क्या होता हैं
- ईमेल एड्रेस क्या हैं
सारांश
भारत में कई राजनीतिक दल है. भारत एक लोकतांत्रिक देश है. जिसमें हमेशा कोई न कोई मतदान होता रहता है जिसमें वोटिंग करने के लिए पहले बैलट पेपर का उपयोग किया जाता था. लेकिन आज के डिजिटल युग में वोटिंग करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीन का इस्तेमाल किया जाने लगा है. जिसमें आसानी से वोटिंग किया जा सकता है.
EVM का फुल फॉर्म क्या है ईवीएम क्या है ईवीएम का अविष्कार किसने किया इसका शुरुआत कब हुआ से संबंधित जानकारी इस लेख में दी गई है. ईवीएम का फुल फॉर्म से जुड़े किसी भी तरह का सवाल या सुझाव अगर जानना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर पूछें.
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