Diploma Kya hai – डिप्लोमा एक प्रकार का कोर्स है जिसमें किसी भी क्षेत्र से सर्टिफिकेट प्राप्त किया जा सकता है। जैसे डिप्लोमा इलेक्ट्रिकल से किया जा सकता है, मैकेनिकल, आईटी के अलावा कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन क्षेत्र से डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। डिप्लोमा कोर्स एक ऐसा कोर्स है जो कि प्रमाणित करता है कि किसी व्यक्ति ने किसी खास क्षेत्र से उस विषय में डिप्लोमा का सर्टिफिकेट प्राप्त किया है। तथा उस क्षेत्र में उसे विशेष जानकारी है।
डिप्लोमा एक कम समय में पूरा किया जाने वाला कोर्स है जो कि किसी संबंधित विषय से पूरा कर सकते हैं। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा किया जाता है जिसे पॉलिटेक्निक कहा जाता है जिसका ड्यूरेशन 3 साल का होता है। उसे जूनियर इंजीनियर कहते हैं।
वैसे ही आईटी के क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स किया जाता है जैसे सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग इन हायर डिप्लोमा इत्यादि का कोर्स होता है। ऐसे ही अलग-अलग विषय में डिप्लोमा का कोर्स होता है। डिप्लोमा कोर्स दसवीं पास करने के बाद भी किया जा सकता है तथा 12वीं के बाद भी अलग-अलग विषयों में डिप्लोमा का कोर्स कर सकते हैं। जिसके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गई है।
डिप्लोमा क्या है
किसी भी संस्थान से कॉलेज या यूनिवर्सिटी से प्राप्त होने वाला एक ऐसा सर्टिफिकेट है, जिससे प्रमाणित किया जाता है कि वह छात्र एक विशेष क्षेत्र में पूरी तरह से पढ़ाई को पूरी कर ली है. डिप्लोमा कम समय में और कम खर्चे में किया जाता है. इसमें अलग-अलग विषय से अलग-अलग निश्चित समय पर किया जाता है.
जैसे कि पॉलिटेक्निक, मैकेनिकल, कंप्यूटर, आईटीआई, इलेक्ट्रिकल आदि. इसमें कोई कोर्स 2 साल का 3 साल का या अलग-अलग समय अवधि में भी कर सकते हैं. इसके लिए अलग-अलग संस्थान और ब्रांच का अलग-अलग नियम कानून लागू है, कि उसमें किस विषय से कितने समय में डिप्लोमा को कंप्लीट किया जा सकता है.
अगर इलेक्ट्रिकल या मैकेनिकल डिप्लोमा कोर्स करते हैं, तो उसमें हर एक चिज को प्रैक्टिकली करके सिखाया जाता है. डिप्लोमा के द्वारा किया जाने वाला कोर्स का सर्टिफिकेट किसी भी जॉब जैसे के प्राइवेट या गवर्नमेंट में नौकरी प्राप्त करने के लिए मान्य होता है.
अलग-अलग संस्थानों में या वार्षिक आधार पर डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है. इसको करने के लिए आठवीं क्लास के बाद से ही ऐसे कोर्स है जो कि कर सकते हैं. कई कोर्स टेंथ करने के बाद या स्कूली पढ़ाई पूरा करने के बाद भी कर सकते हैं. सभी मिलाकर डिप्लोमा कोर्स एक तरह का ऐसा प्रमाण पत्र है जो कि कम समय में किसी कोर्स को कराया जाता है. वह संस्थान उस व्यक्ति को प्रमाणित करता है कि उस कैंडिडेट ने इस कोर्स को पूरा कर लिया है.
डिप्लोमा करने के लिए योग्यता
- किसी भी विषय से डिप्लोमा करने के लिए कुछ योग्यता निर्धारित किया गया है. वैसे किसी डिग्री कोर्स को किया जाता है तो उसके लिए कम से कम एजुकेशन ट्वेल्थ होना जरूरी है.
- लेकिन डिप्लोमा से 10th के बाद भी एडमिशन ले सकते हैं. कई ऐसे भी डिप्लोमा कोर्स है जिसमें एडमिशन लेने के लिए स्कूली लेबल का पढ़ाई पूरा करना पड़ता है.
- कुछ डिप्लोमा कोर्स ऐसे भी है जिसमें प्रवेश के लिए एज लिमिट भी रखा गया है और एजुकेशन ग्रेजुएशन तक प्राप्त करने के बाद कर सकते हैं.
- लेकिन हर डिप्लोमा कोर्स में एज लिमिट नहीं होता है. डिप्लोमा कोर्स में कभी भी एडमिशन लिया जा सकता है.
डिप्लोमा और डिग्री कोर्स में अंतर
कई लोगों को लगता हैं कि डिप्लोमा और डिग्री के कुछ ज्यादा डिफ्रेन्ट नहीं होता हैं। लेकिन डिप्लोमा और डिग्री कोर्स में कई प्रकार के अंतर हैं जिसके बारे में नीचे टेबल के द्वारा बता गया हैं।
Diploma | Degree |
इसमें कम खर्चे में कंप्लीट किया जा सकता है. | डिग्री कोर्स में ज्यादा खर्चा लगता है. |
डिप्लोमा कोर्स कम समय में किया जाता है. | किसी भी डिग्री कोर्स को करने के लिए उसमें 2 से 4 साल का समय लगता है. |
किसी किसी फील्ड में जाने पर डिप्लोमा को कम महत्व दिया जाता है. | डिग्री कोर्स को डिप्लोमा के मुकाबले ज्यादा महत्व मिलता है. |
जब किसी डिग्री कोर्स को किया जाता है, तो उसमें कई सारे सब्जेक्ट होते हैं. उन सारे सब्जेक्ट के बारे में विस्तृत रूप से सिखाया जाता है पढ़ाया जाता है. | डिप्लोमा कोर्स में जिस सब्जेक्ट से किया जाता है उसी एक सब्जेक्ट से या किसी एक क्षेत्र में पूर्ण रूप से प्रोफेशनल बनाने के लिए शिक्षा दिया जाता है. |
किसी भी डिग्री को कंप्लीट करने के लिए सिर्फ यूनिवर्सिटी या कॉलेज से किया जा सकता है. | लेकिन डिप्लोमा पॉलिटेक्निक आईटीआई या यूनिवर्सिटी से कर सकते हैं. |
किसी भी विश्वविद्यालय से डिग्री तभी प्राप्त होता है जब वह कोर्स पूरी तरह से सफलता के साथ कंप्लीट होता है. | लेकिन डिप्लोमा एक तरह का शैक्षणिक संस्थानों के द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक प्रमाण पत्र होता है, जो कि यह निश्चित करता है कि इस कैंडिडेट ने सफलतापूर्वक अपने पाठ्यक्रम को कंप्लीट कर लिया है. |
अगर किसी डिप्लोमा कोर्स को करना चाहते हैं तो उसमें प्रवेश विश्वविद्यालय या संस्थान के नियम के आधार पर छमाही या वार्षिक में कर सकते हैं. | लेकिन किसी डिग्री कोर्स को पूरा करने के लिए एडमिशन वार्षिक रूप से ही किया जाता है. |
किसी भी डिग्री कोर्स को करने के लिए सबसे कम क्वालिफिकेशन ट्वेल्थ होता है. | लेकिन डिप्लोमा करने के लिए 10th के बाद या 12th के बाद भी प्रवेश ले सकते हैं. |
लेकिन डिप्लोमा कोर्स में इस तरह का ऑप्शन नहीं दिया जाता है. | जब किसी डिग्री कोर्स को करते हैं तो उसमें एडमिशन के कुछ ही महीनों के अंदर ही अगर चाहे तो अपना स्ट्रीम चेंज कर सकते हैं. |
डिप्लोमा में ग्रेजुएशन या मास्टर डिग्री होता है. | लेकिन डिग्री कोर्स में ग्रेजुएशन पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट का भी डिग्री होता है. |
डिप्लोमा कोर्स के फायदे
अधिकतर छात्र जल्द से जल्द अपने किसी भी तरह के कोर्स को कंप्लीट करने के लिए डिप्लोमा कोर्स करते हैं. क्योंकि डिग्री कोर्स के मुकाबले इसमें कुछ फायदा भी होता है. जिससे जल्द एडमिशन ले कर अपने आगे की फ्यूचर निर्धारित कर सकें.
- डिप्लोमा कोर्स कम समय में और डिग्री कोर्स के मुकाबले कम खर्चे में किया जा सकता है.
- इसमें हर एक पढ़ाई को ज्यादातर प्रैक्टिकल काम करके ही कंप्लीट किया जाता है.
- प्रैक्टिकली हर तरह के कार्य करने से जानकारी अच्छी हो जाती है. इसलिए कैंडिडेट को किसी भी क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने का जल्द मौका मिल जाता है.
- जब डिग्री कोर्स करने जाते हैं तो उसमें वार्षिक के आधार पर ही एडमिशन लिया जाता है. लेकिन डिप्लोमा कोर्स करने का फायदा यह है कि इसमें छमाही या वार्षिक आधार पर एडमिशन कभी भी ले सकते हैं.
- डिप्लोमा कोर्स ऑनलाइन भी कई संस्थानों में कराया जाता है.
- ऑनलाइन करने से अपने घर से कोर्स कर सकते हैं.
- कुछ संस्थानों में ऑफलाइन कोर्स कंप्लीट कराया जाता है.
- इसमें किसी भी क्षेत्र में पूरी तरह से प्रोफेशनल बना दिया जाता है.
- प्रैक्टिकली पढ़ाई करने से कैंडिडेट में स्किल डेवलपमेंट होता है.
- कहीं भी जॉब प्राप्त करने पर अच्छी सैलरी पर नियुक्ति मिल जाती है.
डिप्लोमा कोर्स के नुकसान
वैसे तो किसी भी विषय से या किसी भी क्षेत्र में पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त करने के लिए डिप्लोमा कोर्सेज कर सकते हैं. इसमें कई तरह के फायदे भी हैं. लोगों को कई तरह के स्किल को डेवलप करने का मौका भी मिलता है. लेकिन कुछ इससे नुकसान भी है.
वर्तमान समय में कई ऐसी कंपनी है जहां पर डिप्लोमा कोर्स करने वाले कैंडिडेट को नौकरी का अवसर नहीं मिलता है. या कहीं कहीं नौकरी करने के बाद भी कैंडिडेट का बेहतर स्किल और पढ़ाई होने के बावजूद भी कम वेतन मिलता है. कई संस्थानों में यूनिवर्सिटी से ही डिग्री प्राप्त करने के बाद नौकरी प्राप्त कर सकते हैं.
डिप्लोमा के प्रकार
वर्तमान में कई ऐसे कोर्सेज है जिसको कम समय में डिप्लोमा के द्वारा कंप्लीट कराया जाता है. उसमें कोर्स कंप्लीट करने के बाद एक सर्टिफिकेट शिक्षण संस्थान के द्वारा प्राप्त होता है. वैसे इसके कई प्रकार है.
- होटल मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स
- बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स
- कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा कोर्स
- पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा कोर्स
- मेकेनिकल फील्ड में डिप्लोमा कोर्स
- एनिमेशन और मल्टीमीडिया
- पैट्रोलियम इंजीनियर
- साइबर सिक्योरिटी
- जर्नलिज्म में डिप्लोमा कोर्स
- टीचिंग फील्ड में डिप्लोमा कोर्स
- बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
- एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग
- ब्यूटी कल्चर
डिप्लोमा करने का तरीका
किसी भी सब्जेक्ट से या किसी क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए दो तरीके हैं. एक तो अगर किसी का मार्क्स अच्छा है तो उसका डायरेक्ट एडमिशन मिल सकता है. दूसरा एंट्रेंस एग्जाम देकर उसमें पास होने के बाद डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.
एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद अगर अच्छा अंक प्राप्त होता हैं,किसी गवर्नमेंट संस्थान से डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. जिसमें प्राइवेट संस्थान के मुकाबले की फिस में ही कोर्स को कंप्लीट किया जा सकता है. अगर कम अंक आता हैं तो किसी प्राइवेट शिक्षण संस्थान में एडमिशन ले सकते हैं.
लेकिन इसमें फिस ज्यादा देना पड़ता हैं. वैसे अलग-अलग संस्थानों में एडमिशन प्रक्रिया का नियम डिफरेंट हो सकता है. कई संस्थानों में ऑनलाइन भी कोर्स करवाया जाता है. कई संस्थानों में ऑफलाइन कोर्स को करने के लिए नियम निर्धारित किया गया है.
FAQ
डिप्लोमा कोर्स करने से किस तरह का जानकारी प्राप्त होता है.
इसमें किसी भी सब्जेक्ट या क्षेत्र से कोर्स करने पर प्रैक्टिकली शिक्षा दिया जाता है. जिसमें हर एक स्टूडेंट को बुनियादी नॉलेज के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान को भी बढ़ाने का कोशिश किया जाता है. आगे चलकर जॉब करने के लिए भी हर तरह से प्रशिक्षित किया जाता है.
डिप्लोमा कब कर सकते हैं
कई ऐसे कोर्स है जिसको 10th के बाद भी कर सकते हैं या कई ऐसे कोर्सेज हैं जो कि ट्वेल्थ के बाद या ग्रेजुएशन पास करने के बाद भी किया जा सकता है.
डिप्लोमा की क्या विशेषता है
इसमें किसी भी विषय या क्षेत्र में जब पढ़ाई पूरी हो जाती है, तो उस शिक्षण संस्थान के द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है. इसमें किसी भी कोर्स को कम अवधि में और कम खर्चे में कंप्लीट किया जा सकता है.
डिप्लोमा और डिग्री में अंतर क्या है
डिग्री कोर्स करने से हर एक विषय के बारे में जानकारी प्राप्त होता है लेकिन डिप्लोमा में किसी एक विषय क्षेत्र में पूर्ण रूप से जानकारी प्रदान किया जाता है.
सारांश
हर एक छात्र अपने फ्यूचर को सेटअप करने के लिए अलग-अलग सब्जेक्ट और अलग-अलग कोर्स का चुनाव करते हैं. कुछ लोग डिग्री कोर्स करते हैं कुछ लोग डिप्लोमा कोर्स करते हैं. वैसे दोनों कोर्सेज में कुछ अंतर है. इस पर हर एक स्टूडेंट का नजरिया निर्भर करता है कि उन्हें किसी एक खास क्षेत्र में प्रोफेशनल बनना है या हर एक सब्जेक्ट के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त करना है.
इस लेख में डिप्लोमा करने के लिए और उसके फायदे नुकसान हर तरह की जानकारी ऊपर दी गई है. अगर आप भी किसी किसी पढ़ाई को पूरा करना चाहते हैं तो उसमें डिग्री कोर्स या डिप्लोमा कोर्स का विकल्प चुन सकते हैं.
मेरा नाम रवि शंकर तिवारी हैं मैं ज्ञानीटेक रविजी ब्लॉग वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मैं एक Professional blogger भी हूँ। कंप्यूटर ,टेक्नोलॉजी, इन्टरनेट ,ब्लॉगिेग, SEO, एमएस Word, MS Excel, Make Money एवं अन्य तकनीकी जानकारी के बारे में विशेष रूचि रखता हूँ । इस विषय से जुड़े किसी प्रकार का सवाल हो तो कृपया जरूर पूछे।