डिजिटल सिग्नेचर क्या हैं उपयोग एवं विशेषता

डिजिटल सिग्नेचर वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी इतना आगे बढ़ गया हैं कि अब कंप्यूटर इंटरनेट के माध्यम से डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जा रहा हैं.

यदि आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख में आपको नीचे पूरी जानकारी मिलेगा. वर्तमान समय में किसी भी चीज को अपना सहमति प्रदान करने के लिए दो तरीके से हस्ताक्षर यानी कि हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया जा रहा हैं.

पहला अपने हाथ से कोई भी पेज पर साइन करके अपना सहमति प्रदान करना. दूसरा डिजिटल सिग्नेचर का वर्चुअली इस्तेमाल करके अपना सहमति देना या सहमति प्रदान कर पाएंगे. डिजिटल सिग्नेचर दो शब्दों से मिलकर बना हैं पहला डिजिटल और दूसरा सिग्नेचर.

सिग्नेचर यानी हिंदी में हस्ताक्षर का मतलब कोई भी वस्तु पेपर डॉक्यूमेंट चेक बुक या अन्य कोई भी जरूरी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करके अपना सामान्य सहमति प्रदान करने की प्रक्रिया को हस्ताक्षर कहते हैं.

डिजिटल सिग्नेचर क्या हैं

यह एक ऐसा टेक्निक है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति का सहमति वर्चुअली प्रमाणित होता है. डिजिटल सिग्नेचर एक गणितीय तकनीकी आधार पर तैयार किया जाता है. इसको तैयार करने के लिए किसी व्यक्ति का कुछ प्रमुख दस्तावेजों का इस्तेमाल आवश्यक हैं। इलेक्ट्रॉनिक डाटा के रूप में सिग्नेचर के लिए सत्यता के लिए उपयोग किया जाता है.

यह एक वैसा हस्ताक्षर होता है जो कि एक बार बनवाकर वर्चुअली कोई भी सर्विस सेवा को सहमति प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक दस्तख़त का इस्तेमाल किया जाता है. इसको बनवाने के लिए आधार कार्ड पैन कार्ड के अलावा कुछ और जरूरी दस्तावेज को देना पड़ता है साथ ही साथ इसके लिए कुछ शुल्क भी देना पड़ता है.

Digital signature kya hai डिजिटल सिग्नेचर क्या हैं

जिसके बाद ऑनलाइन हस्ताक्षर 2 से 3 सालों तक उपयोग किया जा सकेगा. उसके बाद यदि आप फिर से हस्‍ताक्षर का इस्तेमाल करना चाहेंगे तो उसको फिर से रिन्यू कराना पड़ेगा.

जिस तरह से हम लोग किसी भी पेपर को अपना हस्ताक्षर करके सहमति प्रदान करते है उसी तरह से यह एक सिक्योर डिजिटल द्वारा बना हुआ होता है. जिसमें व्यक्ति का नाम, पता, जन्मतिथि, पैन कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि की जानकारी होगा.

जिससे जब कभी भी किसी इलेक्ट्रॉनिक दस्ताख़ द्वारा वर्चुअल सेवाओं जैसे कि बिजनेस व्यापार या अन्य सेवाओं को वर्चुअली अपना दस्ताख़त से सहमति प्रदान करने के लिए दस्‍तखत का उपयोग किया जाता है.

डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट क्या हैं

जब हम लोग डिजिटल सिग्नेचर अप्लाई करते हैं. अपना उसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड के साथ-साथ और जो दस्तावेज होंगे उसको देख कर ऑनलाइन सिग्नेचर बनवाते हैं. उसके एवज में एक प्रमाण के रूप में डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट मिलेगा.

जिससे उस व्यक्ति का ऑनलाइन हस्‍ताक्षर प्रदान करने वाली संस्था द्वारा जारी किया गया प्रमाण होता है. जोकि certified authority CA द्वारा प्रमाण स्वरूप दिया जाता है. जिसके द्वारा वह व्यक्ति पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर (PKI) का इस्तेमाल करके वर्चुअली किसी Data का आदान-प्रदान आसानी से कर सकता है.

इस सर्टिफिकेट में उस व्यक्ति का नाम पता मोबाइल नंबर पिन कोड ईमेल आईडी राज्य का नाम देश का नाम जारी करने की तिथि उसकी वैधता जारी करने वाले अधिकारी का लिखावट इत्यादि लिखा हुआ रहता हैं.

ऑनलाइन सिग्नेचर सर्टिफिकेट की तरह का होता हैं जो कि इंटरनेट टेक्नोलॉजी इंटरनेट सेवाओं को उपयोग करने के लिए पहचान स्वरूप वर्चुअल सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए प्रमाण पत्र होता हैं.

डिजिटल सिग्नेचर कैसे बनवाएं

वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक दस्तख़त को बनवाना बहुत ही आसान हैं. इसके लिए सबसे पहले आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेज को होना चाहिए जिसके बाद certified authority CA द्वारा बनवा सकते हैं.

सर्टिफाइड अथॉरिटी एक प्रकार से सर्विस प्रोवाइडर कंपनी हैं जिसके द्वारा बनवाया जा सकेगा. रिन्यू करा पाएंगे या फिर हस्ताक्षर को वापस रद कराया जा सकेगा.

वर्तमान समय में ऑनलाइन लिखावट का प्रयोग अधिकतर लोग अपने व्यापार या अन्य जरूरी कामों के वर्चुअली सहमति प्रदान करने के लिए उपयोग कर रहे हैं.

डिजिटल सिग्नेचर कैसे काम करता हैं 

जिस तरह से हम लोग अपने हाथ से किसी भी डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करते है ठीक उसी प्रकार अपने इलेक्ट्रॉनिक दस्तख़त का प्रयोग करते है. लेकिन इसका उपयोग करना हाथ से करने के तुलना में बिल्कुल ही अलग है.

क्योंकि ऑनलाइन सिग्नेचर का इस्तेमाल करने के लिए public key cryptography technology तकनीक पर आधारित होता है. जिसको asymmetric cryptography के नाम से जाना जाता है.

इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर का उपयोग करने के लिए दो key का प्रयोग किया जाएगा. पहला Public key और दूसरा Private key. जब कभी भी वर्चुअल प्लेटफार्म पर signer द्वारा किसी भी डिजिटल इस्तेमाल किया जाने वाला डॉक्यूमेंट को साइन किया जाएगा, तो उसमें प्राइवेट की का उपयोग किया जाता हैं.

जिससे डॉक्यूमेंट पूरी तरह से इंक्रिप्ट हो जाता है. जब तक इस डॉक्यूमेंट को इंक्रिप्ट्स प्राइवेट रखा जाता है.

तब तक इसको कोई देख नहीं सकेगा. यह पूरी तरह से सुरक्षित होगा. लेकिन जब Sign किए हुए डॉक्यूमेंट को किसी को खोलना या पढ़ना होता है तो उसके लिए signer Public key आवश्यकता होता है.

जिससे कि उस डॉक्यूमेंट को डिक्रिप्ट करके खुलो जा सके. उसको देखा जा सके, उसके किए हुए दस्ताख़त को देख जा सके. उसके लिए पब्लिक की का उपयोग हस्‍ताक्षर करने वाले व्यक्ति द्वारा किया जाता है.

डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग

वर्तमान समय में इसका प्रयोग बहुत ही ज्यादा है. क्योंकि आज लगभग हर तरह के काम इंटरनेट द्वारा किया जा रहा है तो आइए नीचे हम लोग इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से कहां-कहां होता है उसके बारे में जानते है.

  • इनकम टैक्स फाइलिंग
  • पीएफ
  • टीडीएस
  • जीएसटी रिटर्न
  • सरकारी या प्राइवेट टेंडर्स डालने के लिए
  • पैन कार्ड अप्लाई करने के लिए

डिजिटल सिग्नेचर के फायदे

जब भी कोई ऑनलाइन फॉर्म को फिल अप करना होता है तो उसमें डिजिटल सिग्नेचर की आवश्यकता होती हैं. तब किसी भी जीएसटी रिटर्न फाइल हो या इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग करना हो या अन्य किसी भी सरकारी प्राइवेट टेंडर तो उसके लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि बहुत ही आसानी से बहुत जल्द किसी भी ऑनलाइन फॉर्म को आसानी से भरा जा सकता है.

इसका इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति कभी भी इससे मुकर नहीं सकता हैं कि यह हस्‍ताक्षर मेरे द्वारा नहीं किया गया हैं. क्योंकि इस हस्ताक्षर में उस व्यक्ति का पूरा रिकॉर्ड प्रमाणित किया हुआ रहता हैं. जिससे उसका वास्तिकता पूरी तरह से प्रमाणित होता हैं.

डिजिटल सिग्नेचर का कानूनी तौर पर मान्यता

भारत में भारत सरकार द्वारा डिजिटल दस्ताख़त का पूर्ण रूप से कानून से मान्यता प्राप्त हैं. भारत के कानून में इसको पूरी तरह से मान्य किया गया.

इसलिए यदि आप इसका इस्तेमाल करेंगे तो इससे आपको कोई परेशानी नहीं हो सकेगा. साथ ही साथ यह पूरी तरह से सुरक्षित तथा बेहतर है.

सेक्शन 3 सूचना प्रौद्योगिकी धारा 2000 जिसको वर्ष 2008 में अपडेट किया गया. जिसके तहत इलेक्ट्रॉनिक दस्ताख़ को कानूनी रूप से दर्शाया गया हैं. इसके अलावा सेक्शन 35 में इसके बारे में पूरी जानकारी भी दिया गया हैं.

जिसके बारे में यह भी बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर किसके द्वारा issue किया जाएगा. तथा इसको Certified authority द्वारा ही issue किया जाएगा.

क्या डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग करना सुरक्षित हैं

ऑनलाइन सिग्नेचर या हाथ से किया गया लिखावट दोनों में कौन ज्यादा सुरक्षित हैं. जहां तक डिजिटल सिग्नेचर के बात की जाए तो इसमें किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ करना या उसमें कुछ भी बदलाव करना बहुत ही मुश्किल हैं.

क्योंकि यह पूरी तरह से प्रोटेक्टेड एवं आपके दिए हुए डाक्यूमेंट्स आपके जानकारी के तहत पूरी तरह से इंक्रिप्टेड होता हैं. जिसमें कुछ भी छेड़छाड़ करना संभव नहीं है.

जबकि यदि किसी पेपर पर दस्ताख़त किया जाता है तो उसमें उसके जैसा करने या उसमें कुछ भी बदलाव करने कॉपी करने छेड़छाड़ करने की संभावना बना रहेगा. डिजिटल सिग्नेचर पूरी तरह से सुरक्षित होगा. इसका उपयोग करने में कहीं भी कोई कोई दिक्कत नहीं है.

Digital signature versus paper signature

  • इलेक्ट्रॉनिक दस्ताख़त digital इंक्रिप्टेड दस्ताख़त होता हैं
  • पेपर पर किया हुआ लिखावट पूरी तरह से खुला होता हैं
  • ऑनलाइन सिग्नेचर द्वारा सहमति प्रदान करने के बाद असहमत होने का कोई मतलब नहीं होगा
  • पेपर पर किए हुए हस्ताक्षर से असहमति प्रदान किया जा सकता हैं
  • डिजिटल सिग्नेचर का कॉपी नहीं किया जा सकेगा
  • हाथ से किए गए सिग्नेचर का कॉपी किया जा सकेगा.

सारांश 

जहां तक ऑनलाइन हस्ताक्षर की बात की जाए तो आज के समय में डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल लगभग सभी लोग कर रहे हैं जो कि टेक्नोलॉजी इंटरनेट से जुड़े हुए तथा उनको टेक्निकल चीजों के बारे में जानकारी या फिर व्यापार से जुड़े हुए जो लोग हैं.

इस लेख में इलेक्ट्रॉनिक दस्ताख़त के बारे में हमने पूरी जानकारी देने का प्रयास किया हैं जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर के बारे में और भी जितना जानकारी हो पाएगा उसको विस्तृत रूप से देने का प्रयास किया गया हैं.

फिर भी  इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर से संबंधित यदि कोई भी सवाल आपके मन में हैं तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछें.

2 thoughts on “डिजिटल सिग्नेचर क्या हैं उपयोग एवं विशेषता”

  1. nice thank you sir

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  2. nice

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