कंप्यूटर फंडामेंटल : Computer Fundamental in Hindi

आज डिजिटल यूग में कंप्यूटर फंडामेंटल इन हिन्‍दी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. चाहे वर्क, एजुकेशन, मनोरंजन, हर क्षेत्र में इसकी भूमिका बहुत ही अहम हो गया हैं। लेकिन यह भी समझना जरूरी है कि मशीन द्वारा काम करना कितना कठिन एवं सरल हैं। इस पर भी विचार करना होगा। कंप्यूटर फंडामेंटल में ही हम यह सीखेंगे की इसके बनावट तथा इसके मुख्य धारणा कौन-कौन से हैं। जो कि हमारे जरूरी कार्य में निरंतर मददगार साबित होंगे।

किसी भी चीज के फंडामेंटल स्‍तंभ को समझना चाहिए। जिससे उसके स्तंभ के बारे में एक-एक चीजों को सीखने को मिलता हैं. जब कंप्यूटर का निर्माण हुआ था। उसके बाद आज तक उसमें कितना परिवर्तन हुआ तथा उससे कितना हमारे युग में बदलाव हुआ हैं। यह हमें तब पता चलता है। जब हम कंप्यूटर फंडामेंटल को समझते हैं।

वैसे वर्तमान समय से कुछ दिन पहले तक ही गांव में इंटरनेट एवं संगणक मशीन की बहुत ही कम पहुंच थी। लेकिन वर्तमान में हर देश के गांव भी विकसित हो रहे हैं। जिसके पीछे भी टेक्नोलॉजी का ही आधार सबसे सर्वोपरि है। कंप्यूटर फुल फॉम फंडामेंटल इन हिंदी में कंप्लीट जानकारी नीचे सीखते हैं।

Computer Fundamental in Hindi

Computer Fundamental in hindi - फंडामेंटल ऑफ़ कंप्यूटर

कंप्यूटर का परिचय

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं. जो डाटा को बहुत ही तेज गति से प्रक्रिया करता हैं। यह कई प्रकार के टास्क को बहुत ही आसानी से गणना करता हैं। कठिन से कठिन सवालों का भी तुरंत तेज गति से सटीक जवाब देने वाले टेक्नोलॉजी तकनीक को ही संगणक मशीन कहते हैं। इसमें सटीकता, गतिशील, शक्ति, समझ, समानता तेज गति से रिजल्ट प्रदान करता है।

कठिन से कठिन सवालों का जवाब तुरंत प्रदान कर सकता है. वैसे डिवाइस टेक्नोलॉजी से ही आज सुरक्षा अनुसंधान बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर रिजल्ट प्राप्त किए जा रहे हैं।

हार्डवेयर का बनावट

कंप्यूटर के कुछ महत्वपूर्ण हार्डवेयर हैं। जिसके साथ मिलकर एक सिस्टम तैयार होता है। इनमें हर एक डिवाइस बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट – इसे कंप्यूटर का दिमाग कहा जाता हैं. सीपीयू जो भी आदेश देते हैं। उसको execute करता है. इसके बाद गणना परफॉर्म होता है। यह एक साथ मल्‍टीपल टास्क को हैंडल कर सकता है। यह बहुत ही प्रभावशाली होता है. जिसके आधार पर ही पूरा सिस्टम संचालित होता हैं। जो भी इनपुट दिए जाते हैं। वह सभी सीपीयू के पास ही जाता है। जिसके बाद उसकी प्रक्रिया करके सीपीयू उसका रिजल्ट शो करता है।

मेमोरी (RAM) – इसका फुल फॉर्म रैंडम एक्सेस मेमोरी होता है. यह संगणक मशीन में शॉर्ट टर्म मेमोरी के रूप में जाना जाता हैं। कुछ समय के लिए ही इसमें डाटा और प्रोग्राम्स स्टोर होते हैं। जिसके एक्सेस करने के बाद इसमें मौजूद डाटा अपने आप समाप्त हो जाते हैं।

स्टोरेज डिवाइस – हार्ड डिक्स, सॉलिड स्टेट ड्राइव यह डाटा स्टोर करने के लिए सीपीयू में मौजूद होते हैं। यह बड़े-बड़े डाटा को भी अपने पास स्टोर करके रखते हैं। जैसे जरूरत के हिसाब से उसका उपयोग होता है।

मदरबोर्ड – यह कंप्यूटर फंडामेंटल का सर्किट बोर्ड होता है. मदरबोर्ड से सारे कॉम्पोनेंट्स जुड़े हुए रहते हैं। सीपीयू में मौजूद जितने भी पार्ट्स होते हैं। वह सभी मदरबोर्ड से कनेक्ट होते हैं तथा वह आपस में एक दूसरे के साथ कम्युनिकेट करते हैं।

इनपुट एंड आउटपुट डिवाइस – इसमें कई पेरिफेरल डिवाइस जुड़े हुए हैं। जैसे कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर और प्रिंटर। यह सभी संगणक मशीन में डाटा रिसीव करने के लिए तथा उत्तर डिस्प्ले करने के लिए यूज किए जाते हैं।

सॉफ्टवेयर

सॉफ्टवेयर एग्जिट किया हुआ प्रोग्राम इंस्ट्रक्शन होता है। जो कंप्यूटर को यह बताता है कि उसे क्या करना है। सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं।

ऑपरेटिंग सिस्टम – ऑपरेटिंग सिस्टम एक सॉफ्टवेयर होता है। जो कंप्यूटर में मौजूद सारे हार्डवेयर के रिसोर्सेज को मैनेज करता है। कुछ प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम इस प्रकार है. विंडोज मैक ऑपरेटिंग सिस्टम और लिनक्स ये प्रमुख मुख्‍य आधार हैं। सबसे पहले जब एक हार्डवेयर के रूप में संगणक मशीन बनकर तैयार होता है। उसके बाद जब उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम डाला जाता है. तभी वह एक सुचारू रूप से चलने वाला सिस्टम बनकर तैयार होता है। इसके बाद उसमें जरूरत के हिसाब से जो भी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है। उसको डाला जाता है।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर – यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता हैं। जो अपने टास्क के हिसाब से उपयोग किया जाता है। जैसे कुछ प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर का नाम इस प्रकार है. MS वर्ड, गूगल क्रोम, एडॉब फोटोशॉप, एक्सेल, MS पावर पाइंट, डॉट नेट, जावा, एचपी, मोजिला फायर फॉक्‍स, टैली इत्यादि।

कंप्यूटर डाटा को कैसे प्रोसेस करता है

कुछ स्टेप्स के अनुसार कंप्यूटर डाटा को लागू करता है. यह निर्देश के अनुसार पूरे किए जाते हैं। जिसका एक cycle होता है इस cycle के अनुसार प्रक्रिया होता हैं।

इनपुट – कंप्यूटर में डाटा इनपुट सबसे पहले किया जाता है। जिसके लिए कीबोर्ड और माउस यूज किया जाता है। यह सबसे पहला प्रक्रिया है

प्रोसेसिंग – अब जो भी इनपुट दिया जाता है। उसके बाद सीपीयू उसको प्रोसेस करता है। इसके बाद उसको कैलकुलेट करके उसे सिस्टम के द्वारा एग्जीक्यूट किया जाता है। जो भी इनपुट दिया हुआ रहता है. उसको प्रोसेसिंग के द्वारा सीपीयू मैनिपुलेट करता है।

आउटपुट – अब सीपीयू के द्वारा प्रक्रिया किए गए डाटा का आउटपुट स्क्रीन पर दिखाया जाता है। जिसके लिए मॉनिटर या प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस के रूप में उपयोग होता है.

स्टोरेज – अब जो डाटा का रिजल्ट प्राप्त हुआ है. उसको लंबे समय तक रखने के लिए स्टोरेज में स्टोर किया जा सकता है। जिसको कभी भी भविष्य में देखा जा सकेगा।

बाइनरी भाषा

हम इंसान की तरह कंप्यूटर (फंडामेंटल) भी एक ही भाषा को समझता है। इंसान तो अलग-अलग भाषाओं को सीख कर उसमें आसानी से बातचीत करना शुरू कर देता है। ठीक वैसे ही संगणक भी अलग-अलग भाषाओं में काम करने के लिए परिवर्तित होता है। लेकिन वह सारे भाषाओं को अपने भाषा में अनुवाद करके उनको समझता है. 

संगणक मशीन का प्रोसेस करने का प्रमुख भाषा बाइनरी सिस्टम है. जोकि एक डिजिट के रूप में 0 और 1 में समझता है। यह डिजिट संगणक मशीन का आधार भी है। 0 1 के फांमेट को Bit कहा जाता है। यह एक प्रकार के Complex डाटा को रिप्रेजेंट करने का बनावट है। 8 Bit के ग्रुप को एक Byte कहा जाता है।

एल्गोरिथम एंड प्रोग्रामिंग

कंप्यूटर जो भी टास्क को पूरा करता हैं। वह संगणक मशीन को समझाए गए आदेश एवं नियम के अनुसार ही कार्य करते हैं। यह सभी एल्गोरिथम प्रोग्रामिंग के द्वारा निमार्ण किए गए होते हैं। प्रोग्रामर के द्वारा कोड तैयार किया जाता है. जो कोडिंग के माध्यम से आदेश करते हैं। जिससे संगणक मशीन को क्या करना है. कब क्या निर्णय लेना है। 

किस तरह का उत्‍तर देना है. यह सब कुछ उसी के अनुसार काम करते हैं। प्रमुख रूप से हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषा और मशीन कोड लेवल प्रोग्रामिंग भाषा होता है। हाई लेवल भाषा जो आदमी के भाषा के बहुत ही क्लोज होता है। जबकि मशीन भाषा लो लेवल का भाषा होता है। जिसको मशाीन सही से समझता हैं।

टाइप्स ऑफ़ कंप्यूटर

अलग-अलग प्रकार के कामों के आधार संगणक मशीन को अलग-अलग फॉर्म में डिजाइन एंड डेवलप किया गया है।

Personal कंप्यूटर – यह साधारण तरह का जनरल कंप्यूटिंग टास्क के लिए उपयोग किया जाने वाला सिस्टम होता है। जो कि ऑफिस वर्क, गेमिंग के लिए उपयोग में लिया जाता है.

लैपटॉप और नोटबुक्स एक ऐसा पर्सनल संगणक हैं। जो कहीं भी आसानी से पोर्ट किया जा सकता है। जो कि फ्लैक्सिबल होता है। एक मोबाइल के आकार का होता है. इसे आसानी से कहीं भी कैरी किया जा सकता है।

टैबलेट साइन स्मार्टफोंस – यह सभी मोबाइल डिवाइसेज से एक छोटा कंप्यूटर के रूप में कार्य किए जाते हैं। जिससे इंटरनेट को आसानी से कनेक्ट किया जा सकता है. आज इनका उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है.

वर्कस्टेशन – बड़े-बड़े हाई परफार्मेंस वाले कामों को पूरा करने के लिए 3D रेंडरिंग, और साइंटिफिक काम को पूरा करने के लिए हाई परफार्मेंस संगणक मशीन डिजाइन किए गए हैं। जिसमें बड़े-बड़े वीडियो को एडिट आसानी से किया जाएगा। यह किसी खास जगह पर कमर्शियल कार्यों में शामिल होता है.

सर्वर – डाटा को स्टोरेज के लिए भी एक सर्वर बनाया जाता है. जिसमें हाई कैपेसिटी वाले संगणक को नेटवर्क से कनेक्ट किया जाता है। जहां पर बड़े-बड़े सीटों का डाटा स्टोर होता है। सर्वर डाटा सेटर के मुख्‍यं स्‍तंभ होते हैं.

मेनफ्रेम – जो बड़े-बड़े एंटरप्राइज है. उसमें एक साथ बड़े डाटा को एनालिसिस करने हेतू बड़े कंप्यूटर (फंडामेंटल) की आवश्यकता होती है। जहां पर एक साथ बड़े मात्रा में डाटा को अदान अथवा इससे जुड़े कामों में लगाया जाता है.

सुपर कंप्यूटर – यह सबसे शक्तिशाली संगणक है. जो कठिन से कठिन गणना को सेकेंड़ो में कैलकुलेट करता है। इसे मौसम पूर्वानुमान, वैज्ञानिक रिसर्च, क्रिप्टोग्राफी के लिए बड़े-बड़े रिसर्च ऑपरेशन में लगाया जाता है.

नेटवर्किंग और इंटरनेट

डाटा को शेयर करने हेतू कंप्यूटर नेटवर्क्स द्वारा कनेक्ट किया जाता हैं। जो आपस में एक दूसरे के साथ ऑनलाइन कम्युनिकेट करते हैं। इंटरनेट दुनिया का एक बड़ा ग्लोबल नेटवर्क इंटरकनेक्ट सिस्टम है. जो कि पूरे दुनिया को वर्ल्डवाइड कम्युनिकेट करने का सुविधा प्रदान करता है। जिसके माध्यम से सूचनाओं का आसानी से आदान-प्रदान किया जाता है.

कंप्यूटर सिक्योरिटी

टेक्नोलॉजी, संसाधन और सुरक्षा को भी मजबूत करना एक बड़ी जिम्मेदारी है. जिसके लिए रिसर्च करके कई बेहतरीन एंटीवायरस बनाए जा रहे हैं। जिससे डाटा को सुरक्षित रखा जा सकता है. आज हैकर्स वायरस अटैक से संगणक डाटा को नुकसान पहुंचाने हेतू लगातार कार्य कर रहे हैं। जिनको एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से रोका जा सकता है.

कंप्यूटर का भविष्य

लगातार तेज गति से कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है. भविष्य में पूरा विकास इसी पर आधारित होने वाला है. क्वांटम कंप्यूटिंग सिस्टम से कई प्रकार के संसाधन तैयार किए जा रहे हैं। जो कि संगणक मशीन पावर कृत्रिम बुद्ध और ज्यादा मजबूत हो रहे हैं कई प्रकार की डिसीजन लेने में सक्षम होंगे। वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उदाहरण न्यूज़ चैनलों पर रोबोट द्वारा न्यूज़ रीडिंग को देख रहे होंगे। यह भी एक कृत्रिम बुद्धमति को बहुत बड़ा विकास कहा जा सकता है.

सारांश

कंप्यूटर एक बहुत ही रोचक एवं महत्‍वपूर्ण डिवाइस है. जो हमारे जीवन में हर एक काम को आसान बनाता है. इसलिए कंप्यूटर फंडामेंटल और इसके सिद्धांत को जानना सीखना समझना जरूरी है। क्योंकि वर्तमान समय में यह आवश्यक है. 

इस लेख में कंप्यूटर फंडामेंटल इन हिंदी की कंपलीट इनफॉर्मेशन देने का प्रयास किया गया है. जहां पर आपको हर एक चीज को बारीकी से बताया गया हैं. बदलते टेक्नोलॉजी युग में टेक्निकल सूचनाओं से अपडेट रहने के लिए नित नई जानकारी को सीखना चाहिए। जिसके लिए यह ब्लॉग वेबसाइट एक अच्छा माध्यम हैं.

सीएसएस क्या हैं

सवाल जवाब

Q1. कंप्यूटर फंडामेंटल का मतलब क्या होता है

Ans. कंप्यूटर फंडामेंटल का मतलब इसके बेसिक चीजों को जानना होता है. जिसमें इसका परिचय हार्डवेयर का बनावट, सॉफ्टवेयर, प्रोसेसिंग प्रक्रिया, बाइनरी भाषा, र्निदेश एंड प्रोग्रामिंग प्रमुख जानकारी सीखा जाता है।

Q2. कंप्यूटर का सरल परिभाषा क्या है

Ans. एक ऐसा मशीन जो किसी काम को 1 सेकंड में पूरा कर दे उसे ही संगणक कहा जाता है।

Q3. कंप्यूटर के मुख्य भाग कितने होते हैं

Ans. पांच मुख्य भाग होते हैं। सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट, मेमोरी, स्टोरेज डिवाइस, मदरबोर्ड, कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर।

Q4. कंप्यूटर का पुराना नाम क्या है

Ans. इसका पुराना नाम कैलकुलेटिंग मशीन है। जो की गणितिय गणना को परफॉर्म करता था। इसको ब्लेस पास्कल ने 17वीं शताब्दी में डेवलप किया था।

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