बाउंस रेट क्‍या हैं इसे कम कैसे करें

यदि आपका एक वेबसाइट हैं तो आप बाउंस रेट के बारे में थोड़ा बहुत जानकारी जरूर रखते होंगे. क्योंकि एक वेबसाइट का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बाउंस रेट होता हैं. Bounce rate kya hai in hindi जब कभी भी किसी वेबसाइट के सफलता के बारे में या उसके विजिटर्स आने का जो एक आधार होता हैं वह सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन होता हैं.

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन में ही एक बहुत बड़ा फैक्टर बाउंस रेट होता हैं.जब कभी भी हम लोग अपने वेबसाइट का गूगल एनालिटिक्स में जाकर के पूरी सूचना को देखते होंगे तो, वहां पर हम लोगों का वेबसाइट का बाउंस रेट भी पता चलता हैं.

जिससे हम लोग अपने वेबसाइट के विजिटर्स की व्यवहार के बारे में पता कर पाते हैं कि जो भी visitor आ रहे हैं. वह कितना देर वेबसाइट को विजिट कर रहे हैं या फिर एक पेज पढ़ कर के निकल जा रहे हैं. आप फिर अगले पेज पर भी अपना इंटरेस्ट दिखा रहे हैं इन सभी चीजों को मॉनिटर हम लोग अपने गूगल एनालिटिक्स से कर पाते हैं.

बाउंस रेट क्‍या हैं

Bounce का मतलब होता हैं कि जो भी आप जानकारी अपने वेबसाइट के माध्यम से दे रहे हैं. उस जानकारी को कितना समझ पा रहे हैं या फिर वह जानकारी लोगों के समझ से बाहर हैं. यदि वेबसाइट में दी गई जानकारी लोगों को समझने में दिक्कत होते हैं, या उनको दी गई जानकारी अच्छा नहीं लगता हैं तो, विजिट वेबसाइट पर आते हैं और थोड़ी देर रुक कर के निकल जाते हैं.

जिससे बाउंस रेट बढ़ जाता हैं. सवाल यह हैं कि बाउंस रेट कैलकुलेट कैसे किया जाता हैं. बाउंस रेट कैलकुलेटर करने का तरीका जितना page view होता हैं.उसको जितने विजिटर्स आते हैं. उससे डिवाइड कर देते हैं तो, वेबसाइट का बाउंस सेट कैलकुलेट हो जाता हैं.

दूसरा साधारण भाषा में बाउंस रेट का मतलब जैसे यदि एक विजिटर आपके वेबसाइट पर आए और उन्होंने आप के वेबसाइट पर केवल एक ही पेज को पढ़ा और वेबसाइट से निकल गये. वेबसाइट का बाउंस रेट सौ परसेंट हो जाएगा. यदि वेबसाइट पर एक विजिटर आते हैं और वो एक पेज पढ़ने के बाद दूसरे पेज को भी विजिट करते हैं. इससे वेबसाइट का बाउंस रेट कम होता हैं.

Bounce rate kya hai in hindi

What is bounce in hindi

लेकिन जब किसी भी वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ने लगता हैं या बाउंस रेट एवरेज से ज्यादा हो जाता हैं. उस समय वेबसाइट का जो अथॉरिटी होता हैं या फिर गूगल में रैंकिंग पोजीशन होता हैं. वह धीरे-धीरे नीचे गिरने लगता हैं.

क्योंकि Bounce rate बढ़ने का कारण गूगल को यह पता चलता हैं कि, वेबसाइट में जो जानकारी दी गई हैं. वह विजिटर्स के लिए अच्छी नहीं हैं तो, यदि आप भी Bounce rate के बारे में विस्तृत जानकारी पाना चाहते हैं तो, आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं हैं. यहां पर आपको Bounce rate के बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं. 

बाउंस रेट क्यों बढ़ता हैं 

वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ने का कारण आपके वेबसाइट में दी गई जानकारी अथवा उसके और भी फैक्टर्स पर आधारित होते हैं आइए नीचे जानते हैं.

Low quality contents – वेबसाइट ब्लॉग में दी गई जानकारी बहुत ही ज्यादा थर्ड क्लास की हो सकती हैं. जिससे विजिटर्स को समझने में समस्या हो सकती हैं या फिर जिस तरह से आपने अपने कांटेक्ट को लिखा हैं. उसमें भाषा अथवा व्याकरण संबंधित गलतियां या एक क्वालिटी कंटेंट्स का नहीं होना बाउंस रेट बढ़ने का पहला कारण हो सकता हैं.

Website ka page loading time – जब कभी भी कोई भी विजिटर्स आपके वेबसाइट को ओपन करते हैं और उस समय उस पर वेबसाइट को ओपन होने में ज्यादा समय लगता हैं. तब विजिटर आपके वेबसाइट पर आते हैं और बीच में वेबसाइट को छोड़ कर चले जाते हैं जिसके कारण वेबसाइट का बाउंस रेट हाई हो जाता हैं.

Single page website – कुछ ऐसे वेबसाइट होते हैं जिसमें अधिकतर पोस्ट नहीं लिखा हुआ रहता हैं. जिसके कारण विजिटर्स चाहते हैं और एक पेज पढ़ने के बाद उनको और दूसरे पेज पर जाने के लिए कहीं कोई इंटरनल लिंकिंग या कोई लिंक नहीं मिल पाता हैं. जिसके कारण ही पहले पेज से वेबसाइट से बाहर चले जाते हैं जिससे वेबसाइट का Bounce rate बढ़ जाता हैं.

Internal linking – बहुत से ऐसे वेबसाइट हैं जिसमें अच्छे तरीके से इंटरनल लिंकिंग नहीं किया जाता हैं. जिसके कारण भी वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ जाता हैं.

इसलिए किसी भी पोस्ट में उससे संबंधित पोस्ट का इंटरनल लिंकिंग एंकर टेक्स्ट के साथ-साथ पोस्ट के हेडिंग के साथ ही लिंकिंग को हर एक पैराग्राफ के नीचे लगाना चाहिए. जिससे यूजर को दूसरे पेज पर जाने में आसानी हो और आपका Bounce rate कंट्रोल में रहे.

वेबसाइट को गलत कीवर्ड पर रैंक कराना

अक्सर कभी न कभी ऐसा देखने को मिलता हैं कि जब हम लोग किसी वेबसाइट का जो कीवर्ड देखते हैं. वह कुछ और होता हैं और उसके अंदर में जो कांटेट लिखा रहता हैं. वह उससे बिल्कुल अलग होता हैं.

जिसके कारण जब गूगल में कोई किसी कीवर्ड को सर्च करता हैं. सर्च करने के बाद जब वेबसाइट पर जाता हैं और वहां पर उसी कीवर्ड से संबंधित जानकारी नहीं होता हैं. जिसके कारण विजिटर्स उस वेबसाइट को बंद कर देते हैं. जिससे आपका वेबसाइट का बाउंस रेट हाई हो जाता हैं.

वेबसाइट डिजाइनिंग का सही होना 

वेबसाइट का डिजाइनिंग भी Bounce rate को बढ़ाने के लिए एक फैक्टर हो सकता हैं. क्योंकि जब कोई व्यक्ति आपके वेबसाइट पर आता हैं और उस वेबसाइट का पूरा डिजाइन अच्छे से उसको नहीं किया रहता हैं.

जिसके कारण उसको समझने में काफी दिक्कत होता हैं कि किस तरह से हम इस वेबसाइट में कोई पोस्ट को पढ़ें या फिर अगले पेज में हम कैसे इंटर करें. इन सभी कारणों की वजह से वह आपके वेबसाइट से बाहर चला जाता हैं. इसलिए अपने वेबसाइट का डिजाइन सिंपल और साधारण रखें.

Content ka formatting

कभी ना कभी जब हम लोग गूगल में किसी भी कीवर्ड को सर्च करके उस वेबसाइट पर जाते हैं तो, वहां पर जो कंटेंट का हेडिंग होता हैं. वह अच्छे से नहीं होता हैं या फिर एक बड़ा बड़ा पैराग्राफ उसमें लिखा रहता हैं.

जिससे यह समझने में दिक्कत होता हैं कि आखिर इतने बड़े कांटेंट को कैसे समझा जाए या फिर उसमें कांटेंट का जो फॉर्मेटिंग हेडिंग फोटो इमेज या जो भी उस में डाला हुआ रहता हैं. उसका सेटिंग अच्छा से नहीं होना भी बाउंस रेट बढ़ने का वजह हो सकता हैं.

बाउंस रेट कितना होना चाहिए 

जहां तक Bounce rate की बात हैं तो Bounce rate वेबसाइट के लिए जितना कम हो सकता हैं. उतना ही बेहतर हैं. लेकिन अलग-अलग क्षेत्र के वेबसाइट का Bounce rate अलग हो सकता हैं. आइए हम लोग नीचे जानते हैं कि किस वेबसाइट के लिए कितना Bounce rate होना चाहिए.

  • लीड जनरेट करने वाली जो वेबसाइट होती हैं उनका बाउंस रेट 30 से 40 परसेंट तक होना चाहिए.
  • बिजनेस करने वाली जो वेबसाइट होती हैं उनका Bounce rate 15 परसेंट से लेकर के 35 40 परसेंट तक होना चाहिए.
  • सर्विस प्रोवाइड करने वाली जो वेबसाइट होती हैं. उनका बाउंस रेट 10 परसेंट से लेकर के 25 परसेंट तक होना चाहिए.

वैसे दुनिया का सबसे बेस्ट वेबसाइट उसी को कहा जा सकता हैं जिसका बाउंस रेट एक परसेंट से लेकर के 10 परसेंट तक का हो. लेकिन ऐसा बहुत ही कम वेबसाइट होता हैं जिसका बाउंस रेट इतना कम हो. वैसे एक वेबसाइट के लिए जेनरल 10 परसेंट से लेकर के 50 परसेंट तक की Bounce rate हो तो, उस वेबसाइट को बढ़िया कहा जा सकता हैं.

Bounce rate average

वही एक जेनरल ब्लॉगिंग वेबसाइट्स के बाउंस रेट के बारे में बात किया जाए तो, जिस वेबसाइट का Bounce rate 45 परसेंट से लेकर के 66 परसेंट तक हो तो, वह वेबसाइट एवरेज ठीक माना जा सकता हैं.

लेकिन जिस वेबसाइट का बाउंस रेट 70 परसेंट से ज्यादा हैं, वैसे वेबसाइट पर बहुत ही ज्यादा काम करने की जरूरत हैं. क्योंकि 70 परसेंट से ज्यादा बाउंस रेट वाले को गूगल में लंबे समय तक रैंक कराना काफी मुश्किल हैं.

जो नए ब्लॉग वेबसाइट होते हैं उनका बाउंस रेट शुरुआत में ज्यादा हो सकता हैं. इसलिए परेशान होने की कोई जरूरत नहीं हैं. लेकिन एक पुराने वेबसाइट का Bounce rate बढ़ना बहुत ही परेशानियां खड़ा कर सकता हैं.

इसलिए यदि आप अपने ब्लॉग वेबसाइट से अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो अपने वेबसाइट का बाउंस रेट पर ध्यान दें और उसको समय समय से सुधार करते रहे.

बाउंस रेट को कम कैसे करें 

अपने वेबसाइट का बाउंस रेट को कम करने के लिए आपको नीचे स्टेप बाय स्टेप कुछ जानकारियां दी गई हैं जिसको आप करके अपनी वेबसाइट का बाउंस रेट कम कर सकते हैं.

वेबसाइट स्पीड को बढ़ाएं – Blog Website का बाउंस रेट कम करने के लिए आपने वेबसाइट का जो स्पीड हैं उसको, इनक्रीस करें ताकि आपका वेबसाइट कम से कम 7 सेकेंड के अंदर ओपन हो जाए. जिससे आपका Bounce rate नहीं बढ़ेगा.

क्वालिटी कंटेंट लिखें – अपने ब्लॉग पोस्ट में एक अच्छा कंटेंट लिखें. जिससे लोगों को पढ़ने और समझने में बेहतर हो और अपने पोस्ट का साइज कम से कम 700 से लेकर के 1000 शब्दों का रखें.

वेबसाइट का डिजाइन बेहतर बनाएं – वेबसाइट का डिजाइन साधारण सिंपल बनायें. जिससे विजिटर्स को आपके ब्लॉग पर किसी भी टॉपिक को पढ़ने सर्च करने Next पेज पर जाने में उसको आसानी हो और बहुत आसानी से आपके वेबसाइट पर कंटेंट को समझ पाए ब्लॉग पोस्ट को पढ़ पाए तो एक नॉर्मल डिजाइनिंग लुक दे.

इंटरनल लिंकिंग को बेहतर बनाएं – बाउंस रेट कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका हैं आप अपने पोस्ट के अंदर इंटरनल लिंकिंग अच्छा से करें. वैसे पोस्ट का लिंक आप अपने पोस्ट में डालें  जो कि पोस्ट से मिलता जुलता हो.

साथ ही साथ आप अपने पोस्ट के अंदर इंटरनल लिंकिंग जबरदस्त तरीके से करें. एंकर टेक्स्ट लिंक का इस्तेमाल करें साथ ही साथ अपने हर पैराग्राफ के नीचे भी एक लिंक लगाएं.

अपने वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाएं – वर्तमान डिजिटल दुनिया में अधिकतर लोग मोबाइल से ही आपके वेबसाइट को ओपन करते हैं इसलिए, अपने ब्लॉग वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाएं. ताकि मोबाइल में जब आपके वेबसाइट को खोला जाए तो उसका जो लुक और डिजाइनिंग हैं. वह मोबाइल के हिसाब से दिखे ताकि लोग उस कंटेंट को आसानी से पढ़  पाए.

सारांश 

इस पोस्ट में बाउंस रेट क्या हैं. बाउंस रेट से संबंधित पूरी जानकारी देने का प्रयास किया हूं. फिर भी यदि आपके मन में बाउंस रेट से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल हो तो कृपया आप कमेंट करके जरूर पूछें.

और बाउंस रेट के बारे में जानकारी आप लोगों को कैसा लगा. कृपया कमेंट जरूर करें और इस जानकारी को अपने दोस्त मित्रों के साथ शेयर भी करें.

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